दुनिया का सबसे वजनी 12 किलो स्वर्ण का सिक्का भी भारत का और सबसे छोटा ‘माशा’ भी हमारा

दुनिया का सबसे वजनी 12 किलो स्वर्ण का सिक्का भी भारत का और सबसे छोटा ‘माशा’ भी हमारा
गांधी हाल में चल रहे मुद्रा महोत्सव-2023 में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सहित 15 हजार से अधिक दर्शक पहुंचे
इंदौर, 9 दिसम्बर। न्यूमिस्मेटिक रिसर्च ट्रस्ट की मेजबानी में गांधी हाल पर चल रहे मुद्रा महोत्सव-2023 में आज दूसरे दिन भी लगभग 15 हजार से अधिक दर्शकों ने पहुंचकर भारत के प्राचीन सिक्कों, डाक टिकटों, खनिज पदार्थों एवं अनेक ऐसी वस्तुओं का अवलोकन किया, जिनके बारे में अब तक केवल सुना ही था।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने भी आज दोपहर पूरी दिलचस्पी के साथ इस अनूठे मेले का अवलोकन भी किया और मुद्रा संग्राहकों से अनेक सवाल भी पूछे। उन्होंने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए ये सिक्के प्रेरणा और गौरव के केन्द्र बिन्दु हैं। उन्होंने शहर में सिक्कों का स्थायी संग्रहालय बनाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि जब भी संग्रहालय की योजना तैयार होगी, हर संभव मदद की जाएगी। आज प्रदर्शनी देखने आने वाले लोगों ने डायनासोर के अंडे, प्राचीन पेड़ के जीवाश्म, गुप्तकालीन मुद्राएं, देश-विदेश में प्रचलित रहे करंसी नोट, खनिज पदार्थों की मिट्टी और अनेक ऐसी दुर्लभ चीजें देखी, जो या तो इतिहास के पन्नों दर्ज है या जिनके बारे में केवल किवदंतियां ही सुनी गई हैं। तीन दिवसीय इस महोत्सव का समापन 10 दिसम्बर को सायं 5 बजे गोताखोरों एवं देशभर से आए संग्राहकों के सम्मान के बाद होगा।
न्यूमिस्मेटिक रिसर्च ट्रस्ट प्रमुख ट्रस्टी गिरीश शर्मा आदित्य ने बताया कि शहर में मुद्र महोत्सव का यह सातवां आयोजन है। श्रीमती सुमित्रा महाजन इसके पूर्व पांच बार इस महोत्सव में शिरकत कर चुकी हैं। वे पद्मश्री डॉ. वाकणकर के साथ भी प्राचीन सिक्कों एवं स्मारकों के प्रति दिलचस्पी रखती हैं। आज गांधी हाल में आगमन के बाद उन्होंने लगभग सभी स्टाल्स पर जाकर वहां प्रदर्शित धरोहरों का अवलोकन भी किया और जानकारी देने वाले संग्राहकों से अनेक प्रश्न भी पूछे।
श्रीमती महाजन ने ट्रस्ट द्वारा आयोजित स्व. सतीश भार्गव स्मृति व्याख्यान का शुभारंभ करते हुए कहा कि मुद्रा महोत्सव में आकर लगता है कि हम अपने गौरवशाली अतीत से जुड़ रहे हैं। मुद्राएं ही किसी भी देश की संस्कृति और समृद्धि का परिचायक होती हैं। देश की प्राचीन धरोहर की रक्षा के लिए मुद्राओं का संरक्षण आवश्यक है। इंदौर में न्यूमिस्मेटिक रिसर्च ट्रस्ट की ओर से इस तीन दिवसीय आयोजन से हमारी नई पीढ़ी के बच्चों को बहुत सी रोचक और अपने देश पर गर्व करने वाली जानकारियां मिलती हैं। व्याख्यान में नागपुर से आए डॉ. प्रशांत कुलकर्णी, मिलन कुमार याग्निक, मुंबई के फारोख एस. तोड़ीवाला, शहर के वयोवृद्ध मुद्रा विशेषज्ञ डॉ. शशिकांत भट्ट एवं गिरीश शर्मा आदित्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. कुलकर्णी एवं फारोख तोड़ीवाला को जीवन गौरव सम्मान से विभूषित किया गया। श्रीमती महाजन को भी ट्रस्ट की ओर से प्रशस्ति पत्र भेंटकर फारोख एस. तोड़ीवाला (मुंबई) एवं विराज भार्गव ने सम्मानित किया।