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देवउठनी एकादशी पर शालिग्राम – तुलसी विवाह का दिव्य आयोजन , आतिशबाजी और भजनों के बीच हुए लग्न

दूल्हे विष्णुजी की निकली बारात, गन्ने के मंडप में हुआ कन्यादान – विद्याधाम गूंज उठा जयघोष से 

इंदौर, । विमानतल मार्ग स्थित श्री श्रीविद्याधाम पर देवउठनी एकादशी के उपलक्ष्य में तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह धूमधाम से संपन्न हुआ। इस दौरान महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के सानिध्य में भगवान विष्णु को दूल्हे के रूप में श्रृंगारित कर आश्रम परिसर में रथ-बग्घी तथा बारातियों सहित चल समारोह निकाला गया। तुलसी को भी दुल्हन के रूप में सजा कर गन्ने एवं चुनरी के मंडप में विराजित कर कन्यादान किया गया। सैकड़ों श्रद्धालु इस विवाह के साक्षी बने। 

        सम्पूर्ण मंदिर परिसर आज विद्युत एवं पुष्प सज्जा से आलोकित बना रहा।

आश्रम परिसर स्थित शालिग्राम मंदिर पर सायं 5 बजे से ही विवाह उत्सव की तैयारियां शुरू हो गई थी। आश्रम परिवार के सुरेश शाहरा, पं. दिनेश शर्मा, राजेन्द्र महाजन, राम ऐरन, सुरेश शर्मा, चंदन तिवारी, रमेशचंद्र राठौर, रमेश पसारी सहित स्वामी गिरिजानंद सरस्वती वेद वेदांग विद्यापीठ के वेदपाठी छात्र भी बारात में शामिल हुए। इस बीच रंगारंग आतिशबाजी और भजनों की मनोहारी स्वरलहरियों पर मेहमान नाचते-गाते रहे। दुल्हन पक्ष की ओर से बारातियों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया और उन्हें गन्ने के मंडप में विराजित किया गया। भगवान शालिग्राम एवं तुलसी के विवाह की रस्म आचार्य पं. राजेश शर्मा के निर्देशन में 11 विद्वानों द्वारा वैदिक मंगलाचरण के बीच संपन्न होते ही सम्पूर्ण परिसर जयघोष से गूंज उठा। अनेक विद्वानों ने भी आज शालिग्राम मंदिर आकर पूजा-अर्चना की। यह जम्मू के रघुनाथ मंदिर के बाद देश का दूसरा शालिग्राम मंदिर है। 

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