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पंजाबियां दी गौशाला परिसर में नवनिर्मित राम एवं शिव दरबार मंदिर

खाटू श्याम और राधा कृष्ण मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 26 को

इंदौर श्री पंजाबी समाज सेवा संस्थान एवं पंजाबियां दी गौशाला सेवा समिति इंदौर के संयुक्त तत्वावधान में रविवार 26 नवंबर को सुबह 9.30 बजे से देवास नाका स्थित प्रभु धाम मंदिर परिसर, लसूडिया मोरी पर श्रीराम दरबार, राधा कृष्ण मंदिर, खाटू श्याम, शिव दरबार की प्राण प्रतिष्ठा ,नवनिर्मित मंदिर परिसर एवं सीता रसोई के लोकार्पण, वरिष्ठजनों के सम्मान एवं यज्ञ हवन के अनुष्ठान होंगे। शहर में पंजाबी समाज का यह अब तक का ऐसा सबसे बड़ा आयोजन होगा, जो एक ही परिसर में संपन्न होगा। रामकृष्ण मिशन इंदौर के सचिव स्वामी निर्विकारानंद महाराज इस अनुष्ठान के मुख्य अतिथि होंगे।

       श्री पंजाबी समाज सेवा संस्थान के अध्यक्ष, एमजी मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन डॉक्टर डी. के. तनेजा, उपाध्यक्ष हेमंत पाहवा एवं डॉ. राजीव डेंग ने बताया कि लसूडिया मोरी में पंजाबियां दी गौशाला पहले से संचालित है। अब इसी परिसर में श्री राम दरबार की स्थापना समाजसेवी सुभाष सत्यपाल पाहवा, राधा कृष्ण मंदिर की स्थापना अश्विनी सत्यपाल अरोरा, खाटू श्याम मंदिर की स्थापना राजेश ओमप्रकाश अरोरा, शिव दरबार मंदिर की स्थापना नवीन नरेंद्रनाथ जुनेजा एवं परिजनों के सहयोग से की गई है। यहां सीता रसोई की स्थापना भी राजकुमार अमरनाथ अरोरा परिवार की ओर से की गई है । पिछले एक वर्ष से यहां उक्त सभी निर्माण कार्य चल रहे थे जो अब पूर्ण हो गए हैं। रविवार 26 नवंबर को सुबह 9.30 बजे रामकृष्ण मिशन किला मैदान इंदौर के सचिव स्वामी निर्विकारानंद महाराज के मुख्य आतिथ्य में इन सभी नवनिर्मित मंदिरों मे प्राण प्रतिष्ठा होगी। सीता रसोई का भी लोकार्पण होगा। आचार्य पं. दीपक शास्त्री एवं उनके सहयोगी शुभ मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा संपन्न कराएगें। यज्ञ हवन भी होगा।

     इस मौके पर पंजाबी समाज के उन सेवा भावी बान्धुओ का सम्मान भी किया जाएगा जिन्होंने शहर में समाज को अपने सेवा कार्यों से गौरवान्वित किया और समाज को आगे बढ़ाने में यशस्वी योगदान किया है। इनमें आनंद ज्वेलर्स के संस्थापक भजन आनंद, जुगल किशोर अरोरा गुगलानी मैरिज फोरम एवं नेचुरोपैथी के संस्थापक बलराज सबलोक , समाजसेवी सत्यपाल,अश्विनी अरोरा, कंप्यूटर गैलरी की प्रेरणा स्रोत श्रीमती राजरानी अरोड़ा एवं समाजसेवी कमलेश रानी अरोड़ा के नाम प्रमुख हैं। देवास नाका स्थित लसूडिया मोरी पर गौशाला की यह भूमि स्वामी पूजन दास की तपोभूमि रही है और समाजसेवी भगत राम जुनेजा की प्रेरणा से अब यह परिसर एक धार्मिक , आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के पावन परिसर में तब्दील हो चुका है।

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