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खरगोन; आशीर्वाद या आक्रोश, मतदाता खामोश

खरगोन से दिनेश गीते.

खरगोन :- विधानसभा निर्वाचन 2023 के इस चुनावी महाकुंभ में 17 नवंबर को क्षैत्र के मतदाता अपना मताधिकार का प्रयोग कर डुबकी लगाने को आतुर है तथा इसकी प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी है। प्रशासन एक तरफ जहां जागरूकता दलों द्वारा रैलियां निकालकर क्षैत्र के मतदाताओं को शत-प्रतिशत मतदान करने प्रेरित कर रहा हैं तो वहीं दूसरी तरफ क्षैत्र में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से मतदान कराने के लिए अपराधिक प्रवत्ति के लोगों पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाईयां भी कर रहा है। शरद ऋतु में होने वाले इस चुनावी महाकुंभ में उसके स्वभाव के अनुसार ही शांत होकर बिना शोरगुल के सभी प्रत्याशी मतदाताओं की नब्ज टटोलने में लगे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी जहां प्रदेश की भाजपा सरकार की नाकामियों को लेकर मतदाताओं के “आक्रोश” को टटोलने में लगे है तथा प्रदेश में महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार,घोटाले, महिलाओं ओर आदिवासियों पर बढ़ रहे अपराध, किसानो की कर्ज़ माफी आदि गंभीर मुद्दों को लेकर मतदाताओं के आक्रोश का फायदा उठाने में जुटे हैं तो वही भाजपा प्रत्याशी प्रदेश की शिवराज सरकार के विकास कार्यों ओर जन्म से लेकर मृत्यु तक मिलने वाली जनहितैषी योजनाओं के लाभ के साथ-साथ लाड़ली बहना योजना को लेकर मतदाताओं से “आशीर्वाद” मांग रहे हैं। इस क्रम में निर्दलीय ओर अन्य राजनीतिक दलो के प्रत्याशी भी पीछे नहीं है वह भी मतदाताओं के बीच पहुंचकर प्रेम,आपसी भाईचारे का संदेश लेकर मतदाताओं से संबंध स्थापित करने में जुटे हैं। लेकिन क्षैत्र के मतदाता भी अपने पास आये सभी प्रत्याशियों का सत्कार-सम्मान कर बड़ी ही चतुराई से अपने “मन की बात” का राज छुपाकर खामोश है। अब देखना यह होगा कि इस चुनावी महाकुंभ में 17 नवंबर को क्षैत्र के जागरूक मतदाता सहभागी बनते हुए गुप्त मतदान रूपी डुबकी लगा कर भाजपा सरकार के विकास ओर योजनाओं से खुशी जाहिर कर अपना “आशीर्वाद” देते हैं या उसकी नाकामियों से नाराज़ होकर अपना “आक्रोश ” जाहिर करते है या फिर “परिवर्तन” को मन में रख अपना निर्णय लेते हैं। यह सब तो 3 दिसम्बर को मतगणना के पश्चात ही पता चल सकेगा।

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