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एक लाख आहुतियों के साथ 500 से अधिक यजमानों ने लिया

31 कुंडीय यज्ञ में दी गई खीरान, मालपुए एवं अन्य व्यंजनों की आहुतियां

महालक्ष्मी महायज्ञ में मताधिकार के प्रयोग का संकल्प

छावनी अनाज मंडी गूंजती रही स्वाहाकार की मंगल ध्वनि से – 31 कुंडीय यज्ञ में दी गई खीरान, मालपुए एवं अन्य व्यंजनों की आहुतियां

इंदौर, ।  यज्ञ एक शास्त्र एवं विज्ञान सम्मत ऐसी प्रक्रिया है, जो देवताओं के साथ –साथ समूची सृष्टि को संपन्नता और आरोग्यता प्रदान करती है। यज्ञ की वैज्ञानिकता को विज्ञान ने भी स्वीकार किया है। वैसे भी हमारी संस्कृति में जितनी भी मान्यताएं हैं, वे शास्त्र और विज्ञान सम्मत होकर पूरी तरह से गले उतरने वाली है। सनातन संस्कृति में कुछ भी थोंपा हुआ नहीं है। यज्ञ भी हमारी सनातन संस्कृति का ही महत्वपूर्ण और अनिवार्य अंग है। महालक्ष्मी को समर्पित महायज्ञ से समाज में आरोग्यता, कीर्ति, पराक्रम, धनधान्य और विद्या आदि के साथ ही सम्पन्नता भी प्राप्त होती है।

            छावनी अनाज मंडी प्रांगण में आज इंदौर अनाज तिलहन व्यापारी संघ की मेजबानी में पहली बार महालक्ष्मी महायज्ञ का दिव्य अनुष्ठान संपन्न कराते हुए श्री श्रीविद्याधाम के महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती एवं वृंदावन के आचार्य, मानस भूषण डॉ. मनोज मोहन शास्त्री ने उक्त दिव्य विचार व्यक्त करते हुए यज्ञ की महत्ता बताई। महायज्ञ में महालक्ष्मी के नाम से एक लाख आहुतियां समर्पित की गई। सुबह से अपरान्ह तक मंडी परिसर स्वाहाकार की मंगल ध्वनि से गुंजायमान और जड़ी-बुटी, सूखे मेवों एवं औषधिय पदार्थों की आहूति से सुरभित बना रहा। महायज्ञ में शामिल सभी यजमानों को श्री श्रीविद्याधाम के 41 आचार्य विद्वानों ने आचार्य पं. कपिल शर्मा, आचार्य पं. राहुल शर्मा एवं आचार्य  पं. अमित शर्मा के निर्देशन में आगामी विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकारी का बिना किसी दबाव, भय एवं प्रलोभन के प्रयोग करने का संकल्प भी दिलाया। 

इंदौर अनाज तिलहन व्यापारी संघ के अध्यक्ष संजय अग्रवाल, वरुण मंगल ने बताया कि  इसके पूर्व सुबह जल यात्रा के साथ इस दिव्य अनुष्ठान का शुभारंभ आचार्य पं. कपिल शर्मा के निर्देशन में हुआ। यज्ञ के लिए मंडी प्रांगण में 31 कुंडीय यज्ञशाला का निर्माण किया गया था। सुबह 251 यजमानों ने आचार्यों के निर्देशन में अनाज मंडी प्रांगण स्थित मणिरत्नम गणेश मंदिर एवं अन्य मंदिरों में पहुंचकर अपने संकल्प की पूर्ति की कामना की। ढोल, नगाड़ों के साथ सभी यजमानों ने पुनः यज्ञशाला पहुंचकर यज्ञ कुंडों का पूजन कर यज्ञ कर्म का शुभारंभ किया। इस दौरान यजमानों ने दो सत्रों में महायज्ञ में देवी महालक्ष्‍मी को प्रिय व्‍यंजनों, त्रिमधु, शहद, खोपरा, किशमिश, कमलगटटा , गन्ना, पान, खीरान, मालपुआ एवं अन्य व्यंजनों की की आहूतियां समर्पित की। दोनों सत्रों में 251-251 अर्थात 500 से अधिक यजमान युगलों ने इस दिव्य अनुष्ठान में भाग लिया। दोपहर में भागवत भूषण आचार्य डॉ. मनोज मोहन शास्त्री एवं श्री श्रीविद्याधाम के अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने भी यज्ञस्थल का अवलोकन कर यज्ञ करने वाले यजमानों को आशीर्वचन प्रदान किए। इस दौरान दोनों विभूतियों ने यज्ञशाला का अवलोकन कर यजमानों को आशीर्वाद भी प्रदान किए। पूर्णाहुति में भागवताचार्य डॉ. मनोज मोहन शास्त्री के साथ अग्रवाल समाज के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोयल, मंडी अध्यक्ष संजय अग्रवाल, सुरेश बंसल, वरुण मंगल, विजय लाला एवं अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया। संतों एवं अतिथियों का स्वागत आयोजन समिति के अनिल खंडेलवाल, राजेश गोयल, आशीष, कोमल अग्रवाल, राधेश्याम चूरीवाला, संजय कुंजीलाल गोयल, सौरभ गोयल आदि ने किया। मंडी अध्यजक्ष संजय अग्रवाल ने भागवत ज्ञान यज्ञ एवं महालक्ष्मी महायज्ञ के आयोजन में सहयेग देने वाले सभी बंधुओं के प्रति अंत में आभार व्यक्त किया।  

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