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खरगोन; निजी स्कूलों में पढने वाले छात्रों को भी मिले इ- स्कूटी और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में आरक्षण’

खरगोन से रवि परमार। निजी स्कूलों की समस्याओं एवं शासन के भेदभावपूर्ण रवैया संचालको का गिरा रहा मनोबल
आज प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन मप्र के आह्वान पर प्रदेशभर में निजी स्कूल संचालको की बैठक आहुत की गई, इसमें पत्रकारों से चर्चा में निजी स्कूल संचालन में वर्तमान दौर में आ रही समस्याओं और सरकार द्वारा किए जा रहे भेदभावपूर्ण रवैये को लेकर चर्चा की गई। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश सचिव डॉ.लवेश राठौर और जिलाध्यक्ष उज्जवल अत्रे ने चर्चा में बताया कि शासन के तय नियमों के अनुसार स्कूलों का संचालन कर बेहतर शिक्षा देकर प्रदेश ही नही देश के भविष्य को तैयार करने का काम कर रहे है, बावजूद इसके आए दिन निजी स्कूलों पर मनमाने नियम थोपे जा रहे है, वहीं सरकारी स्कूलों की तर्ज पर निजी स्कूलों के साथ सौतेला व्यवहार करने से न केवल स्कूल संचालको बल्किविद्यार्थियों पालको का भी मनोबल गिर रहा है। ऐसी स्थिति में शासन से एसोसिएशन लंबे समय से करीब 6 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश से लेकर जिला स्तर पर प्रयास किए जा रहे है।

यह है प्रमुख मांगे-
– प्राईवेट स्कूलों को प्रतिवर्ष मान्यता लेना पड़ता है, अतरू कक्षा पहली से बारहवी तक स्थायी मान्यता प्रदान करने का कष्ट करें तथा कक्षा पहली से आठवी की मान्यता में एफ.डी.आर की अनिवार्यता समाप्त की जाये क्योंकि इसे पूर्व में भी समाप्त कर दी गई थी। अतः इसे पूर्ववत् की भांति किया जाये।
-प्राईवेट स्कूलों को मान्यता के लिए रजिस्टर्ड किरायानामा अनिवार्य कर दिया गया है, जो कि पूर्व में नहीं था। अतरू इसे पूर्ववत् किया जाये।
– प्राईवेट स्कूलों में प्रतिवर्ष मान्यता एवं संबद्धता शुल्क ली जाती है, जबकि पूर्व में केवल संबंद्धता शुल्क ही ली जाती थी। अतरू मान्यता शुल्क समाप्त किया जाये।
-अनिवार्य एवं निरूशुल्क शिक्षा के अन्तर्गत संस्थाओं को अन्य राज्यों की अपेक्षा कम फीस प्रतिपूर्ति की जाती है। अतरू अन्य राज्यों के बराबर एवं सत्र समाप्ति तक भुगतान करना अनिवार्य किया जाये।
-अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को भी शासकीय योजनायें जैसे ई-स्कूटी एवं मेडिकल कालेजों में आरक्षण का लाभ दिया जाये।
-प्राईवेट स्कूल में कार्यरत् शिक्षक, शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों एवं उनके परिवार को शासन द्वारा निरूशुल्क 10-10 लाख ₹ का आयुष्मान बीमा से लाभान्वित किया जाये।

विद्यालय में पढऩे वाले करोड़ों विद्यार्थी प्रभावित होंगे।
यदि उपरोक्त समस्याओं का समाधान समय रहते नहीं किया गया तो मप्र के निजी स्कूलों के संचालन में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति निर्मित होने पर प्रदेश की करीब 47890 प्रायवेट स्कूल एवं 867900 शिक्षक/ शिक्षिका/ कर्मचारी तथा विद्यालय में पढऩे वाले करोड़ों विद्यार्थी प्रभावित होंगे। इस दौरान रूपेश ठक्कर संजय जोशी जितेंद्र राठौर मुकेश दुबे मनदीप भाटिया जयंत ठक्कर जगदीश असना दे जयंत गुप्ता धीरज सिंह मयंक पांडे आखिरी नाम के बाद शाहिद अन्य स्कूल संचालक उपस्थित है

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