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बड़वाह। शनिवार से मोरटक्का पुल का काम हुआ शुरू… इंजिनियर बोले – जल्द शुरू होगा पुल पर आवागमन…

कपिल वर्मा बड़वाह। ओंकारेश्वर बांध से पानी छोड़ने के बाद मोरटक्का पुल की जर्जर हुई स्थिति के बाद शनिवार से उसके सुधार का काम शुरु कर दिया गया है। मौके पर काम देख रहे एनएचएआई के इंजीनियरों ने बताया पुल के अधिकांश हिस्से में डामर का स्लैब पुरी तरह बह गया है। पुल के कुछ हिस्से में बचे डामर को शनिवार से हटाने का काम शुरु कर दिया गया है। इसके बाद यहां एक बार फिर से पुरे पुल पर डामरीकरण किया जाएगा। डामरीकरण करने के साथ ही पुल पर दोनों ओर रैलिंग का भी काम कराया जाएगा। बताया जाता है कि इस काम को पूरा होने में करीब 15 दिन से ज्यादा का समय लग सकता हैं। पुल को पुरी तरह तैयार करने के बाद एक बार फिर से एसजीएसआईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर व एनएचएआई के अधिकारियों के द्वारा लोड टेस्टिंग कराई जाएगी। जिसके बाद पुल पर आवागमन की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। जानकारी अनुसार डामर बहने के साथ ही पुल पर कुछ जगह दरारे भी दिखाई दी थी। इसके चलते भी पुल की तकनीकी जांच होने के बाद ही इस पर आवागमन शुरु किया जा सकेगा। परेशान हो रहे यात्री, वाहन बदलकर जाना पडता है अपने स्थान के लिए मोरटक्का पुल बंद होने के बाद से एक्वाडक्ट पुल से आवागमन शुरु करवाया गया था। प्रशासन ने कुछ ही घंटों में एक्वाडक्ट पुल से बसों के आवागमन को भी सुरक्षा के मद्देनजर प्रतिबंधित करा दिया था।

बसों के आवागमन पर प्रतिबंध के चलते दोनों ही ओर से यात्रियों को बसों द्वारा उतार दिया जाता है जिसके बाद उन्हें तीन पहिया वाहनों की मदद से पुल पार कर एक बार फिर से दुसरी ओर जाकर बस पकड़ना पड़ रही है। इसके चलते भी यात्रियों द्वारा मांग की जा रही है कि पुल पर जल्द आवागमन शुरु कराया जाए। पूर्व में मोरटक्का पुल के प्राथमिक निरीक्षण के बाद माना जा रहा है कि इस पर आवागमन में लंबा समय लग सकता है। लोगों की परेशानी को देखते हुए प्रशासन द्वारा एक्वाडक्ट पूल को तैयार किया गया। जिसे लेकर अधिकारी निरीक्षण करने पहुंचे थे। जिसके बाद एक्वाडक्ट पूल से लगे मार्ग को एक दिन में ही दुरस्त कर आवागमन के लिए तैयार किया गया था। साथ ही अब नहर के दूसरी ओर की सड़क पर भी कार्य शुरू कर दिया गया है। हालांकि यह रास्ता बारिश में खराब हो जाता है। साथ ही यात्रियों को परेशानी का सामना करना पडता है। इंदौर जाने वाले यात्री किसी टैंपो या अन्य वाहन से बड़वाह पहुंचते हैं वहां से बस द्वारा इंदौर के लिए निकलते हैं। इसी प्रकार बड़वाह से खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर जाने वाले यात्री भी सनावद तक अन्य वाहन से आते हैं ओर यहां से बस बदलकर अपने गंतव्य के लिए निकलते हैं। जिसमें समय व धन अधिक लगता है। बाढ़ प्रभावित मोरटक्का पुल से आवागमन बंद हुए एक हफ्ता बीत गया है। इस पुल के बंद होने पर इंदौर खंडवा मार्ग पर यातायात प्रभावित हुआ है। बड़े वाहन 15 सितंबर से ही बंद है। बसे भी सिर्फ इंदौर से बड़वाह और खंडवा से मोरटक्का तक चल रही है। ऐसे में नर्मदा पार करने के लिए एकवाडक्ट पुल ही एकमात्र वैकल्पिक मार्ग रह गया है। शर्तों के साथ चालू हो पाया था पिछले वर्ष आवागमन बीते वर्ष भी पानी नर्मदा पुल के उपर से बहने के चलते पुल को कुछ दिनों के लिए पुल पर आवागमन बंद किया गया था। इसके बाद इसकी मरम्मत करवाने के साथ ही इस पर लोड टेस्टिंग के बाद कुछ दिन हल्के वाहनों का आवागमन शुरु करवाया गया था। इसके बाद एसजीएसआईटीएस कॉलेज द्वारा पुल को लेकर एनएचएआई को रिपोर्ट देकर कुछ शर्तों के साथ भारी वाहनों का आवागमन शुरु करवाया गया था। जिसमें उल्लेख किया गया था कि यहां से 70 टन लोड़ तक के वजन वाले वाहनों का ही आवागमन कराया जाए। इसके साथ ही पुल पर वाहन की गति तीस किमी प्रति घंटे से ज्यादा की नहीं होना चाहिए। वहीं पुल पर किसी भी तरह के ओवरटेक को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। रैलिंग का आईआरसी के नियमानुसार प्रापर मेंटेंनेंस होना चाहिए। इसके साथ ही अन्य कई शर्तों के साथ पुल पर आवागमन शुरु किया गया था। हालांकि बाद में प्रशासन द्वारा शर्तों को लेकर कोई खास गंभीरता देखने को नहीं मिली थी।

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