पं. विष्णु नारायण भातखंडे पुण्य स्मृति संगीत आयोजन में दी प्रस्तुति
इन्दौर। पंडित विष्णु नारायण भातखंडे पुण्य स्मृति संगीत आयोजन, लता मंगेशकर शासकीय संगीत महाविद्यालय इन्दौर द्वारा मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग, भोपाल के लिए पं. विष्णु नारायण भातखंडे पुण्य स्मृति संगीत का प्रतिष्ठित आयोजन हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में सरस्वती वंदना एवं भातखंडे स्तुति महाविद्यालय के छात्र/छात्राओं द्वारा प्रस्तुत की गयी। इसके उपरांत कार्यक्रम के प्रथम कलाकार मैहर घराने के सरोद वादक, कोलकाता के श्री सौगत गांगुली ने राग झिझोंटी में आलाप जोड़-झाला के साथ अपनी प्रस्तुति की शुरुआत की और उसके बाद तीन ताल में विलंबित गत बजाई। अपनी दूसरी प्रस्तुति में उन्होंने राग दुर्गेश्वरी बजाया, राग दुर्गेश्वरी, दुर्गा और रागेश्वरी रागों से मिलकर बना है। इसके बाद राग झिझोंटी में तीन ताल में द्रुत गत और अंत में झाले के साथ अपनी प्रस्तुति का समापन किया। इनके साथ तबले पर संगत कोलकाता के श्री पार्थ प्रतिम पॉल ने की। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति मुबंई से पधारे डॉ. अतीन्द्र सरवड़ीकर ने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत राग श्याम कल्याण से की। गणेश चतुर्थी के दिन का औचित्य रखते हुए, मंगल नाम श्री गणेश (बड़ा ख्याल) तथा आज मोरी लाज रख ली जो (छोटा ख्याल) यह श्री गणेश वर्णन की दो बंदीशें तथा एक सुंदर तराना भी सुनाया। यह बंदीशे पद्मविभूषण डा. प्रभा अत्रे जी द्वारा रचित थी। तत्पश्चात उन्होंने कम ही सुना जाने वाला राग प्रतीक्षा प्रस्तुत किया। जिसमें रघुवीर रणधीर (झपताल) तथा पशुपति सब देवनपति (आड़ा चौताल) यह दो स्वरचित रचनाएं प्रस्तुत की। उप शास्त्रीय संगीत में स्वरचित राग पहाड़ी पर आधारित एक दादरा लागी मोरी तुम संग तथा अंत में सुंदर भजन सुना कर उन्होंने अपने कार्यक्रम की समाप्ति की। डॉ. अतीन्द्र सरवड़ीकर का प्रस्तुतिकरण अच्छी तैयारी के साथ-साथ माधुर्यपूर्ण था। गायकी में चैनदारी, भावपूर्णता, लयकारी के साथ ही सरगम तथा तान अंग का भी उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा। उनके द्वारा नव निर्मित रचनाओं नें श्रोताओं का मन मोह लिया। उनके साथ श्री हितेन्द्र दीक्षित ने तबले पर तथा श्री रविन्द्र किल्लेदार ने हारमोनियम पर उत्कृष्ट संगति प्रदान की। तानपुरे पर महाविद्यालय के विद्यार्थी कु. ऐश्वर्या गौर, श्री राहुल सोंधिया एवं श्री शिवम सूर्यवंशी ने संगत की। आयोजन में प्रमुख अतिथि श्री पुष्यमित्र भार्गव महापौर, इन्दौर उपस्थित रहे एवं सारस्वत अतिथि श्री शशिकांत तांबे वरिष्ठ संगीतज्ञ इन्दौर रहे।
उपस्थित रहने वालों के नाम सुनील मसूरकर, डॉ. जयश्री तांबे, प्रकाश शुजालपुरकर, विलास सप्रे जैसे वरिष्ठ संगीतज्ञों के साथ संगीत रसीकों और महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने संगीत का आनंद लिया।
आयोजन के प्रारंभ में प्राचार्य डॉ. प्रकाश कड़ोतिया, प्रशासनिक अधिकारी एवं अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण किया एवं अतिथियों का स्वागत किया। अंत में महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी र्श्री बालमुकुन्द राव ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन श्रीमती प्रिया गोखले ने किया।