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सीबीआई अदालत ने 16करोड़ से अधिक की राजस्व हानि पहुंचाने का दोषी माना

सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम इंदौर के तीन अधिकारियों को चार चार वर्ष के कारावास और दस दस हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।

इंदौर .इंदौर की विशेष सीबीआई अदालत ने 16करोड़ से अधिक की राजस्व हानि पहुंचाने का दोषी मानते हुए सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम इंदौर के तीन अधिकारियों को चार चार वर्ष के कारावास और दस दस हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।

जानकारी के अनुसार सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम इंदौर क्षेत्र में 2003 से 2006 तक पदस्थ रहे निरीक्षक आशुतोष नाथ (52) निवासी मनोरमा गंज, इंदौर, मनोज चंद्रवंशी (55) निवासी कालिंदी मिड टाउन, बाईपास, इंदौर और कृष्णगोपाल शर्मा (79) दीनदयाल उपाध्याय नगर सुखलिया, इंदौर को इंदौर की विशेष सीबीआई अदालत ने यह सजा दी है।

प्रकरण अनुसार तीनों ने खरगोन में स्थापित मैकाल फाइक्स लिमिटेड की इकाई के मैनेजिंग डायरेक्टर मृगेंद्र जालान, डायरेक्टर दीपक नागर, असि मैनेजर अभिजीत सेन और राजीव दत्ता, ऑफिसर बसंतीलाल श्रीवास्तव के साथ सांठगांठ करते हुए अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन नहीं किया और अनैतिक लाभ अर्जित किया।
विशेष न्यायाधीश सीबीआई की विशेष अदालत ने उक्त तीनों निरीक्षकों समेत कंपनी के 5अधिकारियों सहित सभी आठ आरोपियों को चार चार वर्ष के कारावास और दस- दस हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।
मामले में सीबीआई ने 03 अक्टूबर 2007 को प्राथमिकी दर्ज की थी। 30 नवंबर 2009 को आरोप पत्र दाखिल करने के बाद मामले में 15 वर्ष विचारण के दौरान अभियोजन की और से 24 साक्षियों के गवाह- बयान पेश किए गए।

उक्त तीनों निरीक्षकों ने वर्ष 2006 से 2009 के मध्य फाइबर्स लिमिटेड के उक्त कर्ताधर्ताओं के साथ मिलकर शासन को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि पहुंचाई।
मामले में पाया गया था कि कंपनी ने करोड़ों का निर्मित कॉटन विदेश में निर्यात दर्शाकर कर स्थानीय बाजार में बगैर कर चुकाए विक्रय किया। उक्त तीनों निरीक्षक ने अपने निगरानी कर्तव्यों का पालन नहीं करते हुए इसे रोकने की जगह आपराधिक षडयंत्र, दुराचार, अवैधानिक लाभ अर्जित किया था।

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