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सफलता के लिए बच्चों को चंदन की तरह घिसना होगा

सफलता के लिए बच्चों को चंदन की तरह घिसना होगा


इंदौर । चेहरे पर तिरंगे के चित्र , तिरंगा दुपट्टा पहने और जैकेट पर तिरंगा फूल लगाए देशभक्ति के तराने गाते देशभक्ति की अलख जगाते बच्चे, माथे पर तिरंगा पट्टा , सैनिकों की वेशभूषा ,सर पर तिरंगी पगड़ी ,हाथ में तिरंगा बैंड लगाए मस्ती में देश का गुणगान करते छोटे बच्चे ,मौका था श्रीदेवी अहिल्या के 228 वे पुण्य स्मरण वर्ष पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रंखला में अहिल्या उत्सव समिति द्वारा आयोजित देशभक्ति गीत प्रतियोगिता का महाराजा यशवंतराव स्कूल नरेंद्र तिवारी मार्ग पर आज 22 स्कूलों ने भाग लेकर देशभक्ति के तराने गाए। कोई गा रहा था यदि जन्म हमें दोबारा मिले तो भारत वतन मिले ,मातृभूमि के चरणों में अर्पित तन मन और जान है, देशभक्ति का जज्बा रखना माता का सम्मान है। वही वीरों को याद करते हुए मेरे वतन की सरजमी प्राणों से प्यारी कश्मीर से कन्याकुमारी, वैष्णो बाल मंदिर के बच्चों ने साथ रहे हम साथ चले हम मंजिल एक हमारी गाया वहीं आरके डागा एकेडमी के बच्चों ने भारत माता की संताने हम शीश झुकाना क्या जाने गाया ।

देश भक्ति का जोशीला अंदाज बच्चों में

भारत माता की लाज बचाना पहला कर्तव्य हमारा है जोश में गाते बच्चे बड़े सुंदर लग रहे थे। सुन ले मेरे वीरा अपना देश जगाना है गाकर स्कूल की लड़कियों ने सभी में जोश भर दिया वही तीर्थ बाई कलाचंद स्कूल के बच्चों ने गीत कोई आए तो मेरे देश में पावन पावन नदिया जिसकी महिमा गाए गाया। बच्चे देश को नैतिकता का आभूषण पहना कर देश को सजाने की बात करते नजर आए उन्होंने गाया की संकल्प हमारा है देश को स्वर्ग बनाना है ।चाहे आंधी आये या तूफान अपने वतन की खातिर देंगे हम तो अपनी जान ,प्राणों से भी प्यारा है हिंदुस्तान गाकर देशभक्ति की भावना का खूबसूरत संदेश देकर बच्चों ने सभी का दिल जीत लिया। बच्चे कहीं सफेद रंग की पोशाक पर लाल रंग की चुनरी पहने नजर आए तो पंजाबी पगड़ी के साथ पंजाबी ड्रेस अप में भी बच्चे यहां देशभक्ति के तराने गाते नजर आए। हाथ में तिरंगा बैंड दिखाते हुए देशभक्ति की अलख जगाते बच्चे बहुत ही वीर नजर आ रहे थे।

अच्छी संगत सफलता का आधार

प्रतियोगिता प्रमुख अशोक भुसारी संयोजक हर्षवर्धन लिखिते ने बताया कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती, देवी अहिल्याबाई के पूजन से हुई दीप प्रज्वलन अतिथि सांवलरामजी शर्मा वायु सेवा से सेवानिवृत अधिकारी एवं यशवंतराव स्कूल की प्राचार्य मोनिका गवते थी। इस अवसर पर पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन एवं अहिल्या उत्सव समिति के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक डागा भी मौजूद थे। इस अवसर पर बोलते हुए सावलराम जी ने बच्चों से कहा यदि भगवान के मस्तक तक पहुंचना है तो चंदन की तरह बनकर घिसना होगा और अपने साथी अच्छे आचरण वाले रखें तो ही आप सफलता एवं ऊंचाइयों को प्राप्त करोगे । अतिथियों का स्वागत अविनाश भांड माला ठाकुर सिद्धार्थ केदारे निलेश केदारे , भावना सालकाडे, हिमांगिनी वाघमारे राशि परिहार संगीता लोखंडे शांत सोनी अपूर्व भिटे ने किया एवं अतिथियों को प्रतीक चिन्ह नितिन तापड़िया मोनिका सबनीस ने दिए। प्रतियोगिता में निर्णायको के रूप में सचिन दवे, विलास सप्रे एवं रूपाली गोले थी। प्रथम पुरस्कार बाल निकेतन स्कूल द्वितीय पुरस्कार चमेली देवी स्कूल एवं तृतीय पुरस्कार क्लॉथ मार्केट वैष्णो बाल मंदिर को मिला। स्वागत भाषण सचिव सरयू वाघमारे ने दिया संचालन संयोजक हर्षवर्धन लिखिते ने किया , परिचय संजीव गवते ने दिया आभार सुधीर देडगे ने माना।

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