विविध
जो जीवन में संतोषी हैं वही योगी है – गोस्वामी ब्रजोत्सव महाराज

इंदौर। संसार में आपने कभी किसी से कुछ मांग लिया तो वह तुम्हें हमेशा झुकाएगा। लेकिन भगवान से आप कुछ मांगते हैं तो वह सदैव निस्वार्थ आपकी सभी इच्छाएं पूर्ण करती हैं और इसमें वह आपसे कुछ प्रेम व भाव के कुछ भी नहीं मांगते हैं। संसार में अगर परमात्मा का प्रिय ओर कृपा पात्र बनना है तो भगवान से कुछ मांगने के बदले स्वयं भगवान को ही मांग लो। भगवान का कोई सखा नहीं बन सकता। भगवान जिसको चाहे वही भगवान का सखा हो सकता है। जिसके जीवन में संतोष नहीं वह कभी सुखी नहीं रह सकता है। जो जीवन में संतोषी है वही योगी है।
उक्त विचार मल्हारगंज स्थित गोवर्धन नाथ मंदिर हवेली प्रांगण में जारी भागवत कथा में गुरूवार को व्यास पीठ से गोस्वामी ब्रजोत्सव जी महाराज ने वैष्णवजनों को कथा का रसपान करवाते हुए व्यक्त किए।