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लोग दौलत पर गिरे उन्होंने वतन मांग लिया- दिनेश दिग्गज

इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट:-

रविन्द्र नाट्यगृह में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक एवं चंद्रशेखर आजाद की जन्म जयंती पर आयोजित हुआ अ.भा विराट कवि सम्मेलन

कवियों ने अपनी रचना व कविताओं से सभी श्रोताओं की खूब बटोरी तालियां

इन्दौर ।भारत माता के वीर सपूतों बाल गंगाधर तिलक एवं चंद्रशेखर आजाद की जन्म जयंती पर आरएनटी मार्ग स्थित रविन्द्र नाटयगृह में रविवार को अ.भा विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया गया है। जिसमें ठहाकों की महफिल के साथ ही भारत माता के वीर सपूतों को भी याद किया गया। कवियों ने न सिर्फ श्रोताओं को अपनी कविताओं से गुदगुदाया बल्कि देश के क्रांतिकारियों के किस्से भी अपनी कविताओं के माध्यम से साझा कर सभी श्रोताओं की आंखों में पानी भर दिया।
केसरी निस्वार्थ सेवा समिति अध्यक्ष राहुल जैन (स्पोटर््स वल्र्ड) ने बताया कि कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथियों ने भारत माता के वीर सपूतों पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन के साथ की। इसके पश्चात सभी मुख्य अतिथियों को साफा पहनाकर सम्मानित भी किया गया। श्री जैन ने संस्था द्वारा किए जा रहे मानव सेवा कार्यों का ब्यौरा दिया एवं सभी अतिथियों को संस्था की गतिविधियों से भी अवगत कराया।

ठहाकों की महफिल –
बाल गंगाधार तिलक एवं श्री चंद्रशेखर आजाद की जन्म जयंती पर आयोजित कवि सम्मेलन की शुरूआत शाम 4 बजे कवियत्री सुमित्रा सरल (चित्तौडग़ढ़) ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति से की। इसके पश्चात उज्जैन के हास्य कवि दिनेश दिग्गज ने दिल आंखे बंद करके भी वो चेहरा देख सकता है, वह तमाशाई नहीं फिर भी तमाशा देख सकता है, अगर तुम खिडक़ी दरवाजे बंद भी कर लो तो क्या होगा, वह सूरज है जिसे सारा जमाना देख सकता है, शायरी से सभी श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी। वहीं उन्होंने इसके बाद क्रांतिकारियों को याद करते हुए कहा कि- टूटने और बिखरने का चलन मान लिया, उन्होंने हालत से शीशे का वतन मांग लिया, यह भी खड़े थे तकदीर के दरवाजे पर, लोग दौलत पर गिरे उन्होंने वतन मांग लिया। इसके पश्चात लटूरी लट्ठ (हास्य-आगरा), सुमित्रा सरल (चितौडग़ढ़), पंकज प्रसून (ओज-माण्डव) ने भी सभी को खूब गुदगुदाया। कपिल शर्मा शो फेम सुरेश अलबेला ने जैसे ही मंच संभाला तो रविन्द्र नाट्यगृह का हाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी, महेंद्र हार्डिया, राजेश उदावत, मनीष शर्मा (मामा), दिलीप शर्मा, जीड़ी जारवाल, धर्मेंद्र जैन (सिनकेम) सहित हजारों कवि सम्मेलन प्रेमी उपस्थित थे।

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