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छोटी ज्योति बड़ी ज्योति में विलीन हो जय यह भक्तों को मंजूर नहीं होता

मंदिर प्रांगण में वैष्णवों द्वारा प्रात: 6 से 8.30 बजे तक श्रीमद भागवत का मूल पाठ किया

इंदौर से विनोद गोयल ki रिपोर्ट:-


इंदौर । छोटी ज्योति बड़ी ज्योति में विलीन हो जय यह भक्तों को मंजूर नहीं होता वह तो भगवान की लीलाओं को हमेशा देखने को लालाइत रहता है। श्री यमुना जी भक्ति की अविरल धारा है।श्री यमुना जी नदी भी हैं और महारानी भी हैं। ब्रज भूमि स्वयं अपने आप में एक तीर्थ हैं।
यहाँ आकर और यहाँ दर्शन कर ही आने वाला अपने को भगवान की भक्ति से सराबोर पाता हैं। भगवान की सभी लीलाए मोक्ष दायिनी हैं।
यह बात गोरधननाथ मंदिर में पुरुषोत्तम मास के तहत जारी ब्रज मंडल महिमा के गुणगान के दूसरे दिन गोस्वामी वागधीश महाराज ने यमुना जी की महिमा व स्वरूप का वर्णन में भक्तों को सम्बोधित करते हुए कही। ब्रज भूमि की विशेषताओं व यहाँ के प्रत्येक स्थल को तीर्थ बताते कहा की प्रभु की स्तुति में गए मधुराष्टक में देखने व सुनने को मिलता है। भगवान की कृपा व लीलाएं सहज ही ब्रज मंडल में देखने का अवसर मिलता है।
आपने कहा की जहाँ प्रभु पधारते हैं वहाँ के दोष स्वतः ही दूर हो जाते हैं।

गोस्वामी श्री वागधीश जी बाबाश्री द्वारा ब्रज मंडल गुणगान का महत्व एवं प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे। प्रवचन में जानकीलाल नीमा, मनोहर महाजन, सुरेश ठाकुर सहित हजारों की संख्या में भक्त व श्रद्धालु उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संजय नागर ने किया एवं आभार मनोज नागर ने माना।
श्री पुरूषोत्तम मास महामहोत्सव समिति से जुड़े अनिल भंडारी, श्याम महाजन, कुमार कुम्भज ने बताया कि द्वितीय चरण में 28 जुलाई से 3 अगस्त तक दोपहर 3.30 से, शाम 7.30 बजे तक गोस्वामी श्री दिव्येश कुमार जी महाराज श्री नंदकुमाराष्टकम महोत्सव तथा तृतीय चरण में 6 से 12 तक दोपहर 3.30 से शाम 7.30 बजे तक श्रीमद भागवत कथा महोत्सव में गोस्वामी श्री ब्रजोत्सव जी बाबाश्री कथा का वाचन करेंगे। आयोजन समिति के जानकीलाल नीमा ने बताया कि श्री वि_लेशराय जी (काकाजी ) के आशीष व गोस्वामी श्री रुक्मणि बहू जी कि प्रेरणा से श्री पुरुषोत्तम मास महामहोत्सव के दौरान 18 जुलाई से 16 अगस्त तक प्रतिदिन मंदिर प्रांगण में वैष्णवों द्वारा प्रात: 6 से 8.30 बजे तक श्रीमद भागवत का मूल पाठ किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रतिदिन रास गरबा, पुष्टि तम्बोला, पुष्टि प्रश्नोत्तरी, संध्या आरती के साथ ही प्रभु सुखार्थ मनोरथ, बड़ा मनोरथ, कुनवारा आदि भी आयोजित किए जाएंगे।

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