विविध

बीटो भारत की डायबिटीज़ महामारी को हल करने में अग्रणी

सर्टिफिकेट प्रोग्रामके माध्यम से डायबिटीज़ केयर की तीन चुनौतियों को हल करने के लिए तत्पर

इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट:-

यह प्रोग्राम डायबिटीज़ के बारे में जागरुकता बढ़ाकर किफ़ायती स्वास्थ्य सुविधाओं को बनाएगा सुलभ

नई दिल्ली, भारत, । डायबिटीज़ (मधुमेह) आज महामारी का रूप लेकर देश के हर कोने में पहुंच गया है और भारत के लिए इसे हराना एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। तथ्यों पर ध्यान दें तो यह मुद्दा और भी गंभीर हो जाता है, चूंकि डायबिटीज़ से पीड़ित 80 फीसदी लोग देश के तीसरे एवं चौथे स्तर के कस्बों और गांवों रहते हैं, जहां उचित स्वास्थ्य सुविधाओं का सुलभ होना ही अपने आप में बड़ी चुनौती है। टर्शरी हेल्थकेयर सेवाएं ज़्यादातर पहले एवं दूसरे स्तर के शहरों (महानगरों) तक सीमित हैं, ऐसे में छोटे कस्बों एवं गांवों में रहने वाले मरीज़ों के लिए किफ़ायती स्वास्थ्यसेवाएं सुलभ नहीं हैं।

हाल ही में इंडियन काउन्सिल ऑफ मेडिकल रीसर्च (आईसीएमआर) द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक 100 मिलियन से अधिक भारतीयों में डायबिटीज़ का निदान किया गया है, इसके अलावा प्र्री-डायबेटिक्स के बढ़ते मामले इन आंकड़ों को और भी चिंताजनक बना रहे हैं। अफ़सोस की बात तो यह है कि गतिहीन जीवनशैली और खाने-पीने की गैर-सेहतमंद आदतों के चलते भारत को ‘डायबिटीज़ के लिए दुनिया की राजधानी’ का खिताब मिल गया है।

उम्मीद है कि मांग और आपूर्ति के बीच का यह अंतर जल्द ही कम होने जा रहा है, क्योंकि 50 छात्रों का पहला बैच 15 जुलाई 2023 को डायबिटीज़ शिक्षा में अपना डिग्री सर्टिफिकेट कोर्स शुरू कर रहा है, जिन्हें यह कोर्स पूरा करने के बाद ग्रेजुएशन की डिग्री दी जाएगी। भारत के प्रमुख डायबेटिक केयर एण्ड मैनेजमेन्ट प्लेटफॉर्म बीटो और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैनेजमेन्ट रीसर्च (आईआईएचएमआर) के बीच यह साझेदारी स्वास्थ्यसेवाओं को बेहतर बनाने का अच्छा उदाहरण है। विशेषज्ञ स्वास्थ्यसेवा प्रदाताओं के बीच यह साझेदारी देश के लाखों लोगों, खासतौर पर दूसरे, तीसरे एवं चौथे स्तर के शहरों में रहने वाले लोगों को जागरुक बनाकर उनके लिए किफ़ायती स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाएगी। मरीज़ों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना, इस दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम है।

कोर्स के महत्व पर बात करते हुए बीटो के सीईओ एवं संस्थापक गौतम चौपड़ा ने कहा, ‘‘भारत कुशल मेडिकल कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है, खासतौर पर छोटे नगरों एवं गांवों में चिकित्सकों की कमी बहुत अधिक है, जहां डायबिटीज़ के सबसे ज़्यादा मरीज़ रहते हैं। इस मुद्दे को हल करने के लिए बीटो, आईआईएचएमआर के साथ साझेदारी में डायबिटीज़ एजुकेशन में अपनी तरह का पहला सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने जा रहा है। बीटो की यह पहल 2/3/4 स्तर के शहरों में डायबिटीज़ के बढ़ते मरीज़ों की मदद करने और समाज कल्याण की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस सर्टिफिकेट कोर्स के माध्यम से हम लोगों को डायबिटीज़ के प्रभावी प्रबन्धन के लिए ज़रूरी ज्ञान और कौशल प्रदान करना चाहते हैं। इससे उन्हें रोज़गार के अवसर भी मिलेंगे। एक साथ मिलकर हम ऐसे स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं, जहां अधिक से अधिक लोग डायबिटीज़ के बारे में जागरुक बनेंगे और देश के विकास एवं प्रगति में योगदान दे सकेंगे।’

डायबिटीज़ की देखभाल के लिए प्रशिक्षित किए गए ये एजुकेटर्स भारत में डायबिटीज़ केयर को अधिक सुलभ एवं किफ़ायती बनाने में योगदान देंगे। यह कोर्स स्वास्थ्यसेवा पेशेवरों जैसे पेरामेडिकल स्टाफ, नर्सों, डायटिशियनों एवं देखभालकर्ताओं को अस्पतालों एवं क्लिनिकों में ज़रूरी कौशल और प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

‘‘डायबिटीज़ की देखभाल एवं प्रबन्धन के लिए आधुनिक और अग्रणी प्लेटफॉर्म बीटो के साथ साझेदारी में इन एजुकेटर्स को डायबिटीज़ केयर में व्यापक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस तरह यह कोर्स अकादमिक एवं मेडिकल जगत के बीच के अंतर को दूर कर छात्रों को रियल टाईम डेटा एवं परिस्थितियों के माध्यम से डायबिटीज़ के प्रबन्धन में सक्षम बनाएगा तथा हम एक साथ मिलकर ऐसी दुनिया का निर्माण कर सकेंगे, जहां डायबिटीज़ को बेहतर तरीके से समझा जा सके, इसका प्रबन्धन और रोकथाम की जा सके।’ आईआईएचएमआर-दिल्ली के डायरेक्टर, सुतपा बी. नेओगी ने कहा।

जाने-माने डायबेटोलोजिस्ट कोर्स में आधुनिक मेडिकल रीसर्च को शामिल करते हुए मरीज़-उन्मुख दृष्टिकोण के साथ एजुकेटर्स को व्यवहारिक मार्गदर्शन प्रदान करेंगे, ताकि वे डायबिटीज़ के मरीज़ों, उनकी देखभाल करने वालों और स्वास्थ्यसेवा पेशेवरों को सक्षम बना सकें। यह साझेदारी डायबिटीज़ केयर में उल्लेखनीय उपलब्धि साबित होगी। इस साझेदारी के माध्यम से बीटो भारत में डायबिटीज़ की चुनौती के लिए त्वरित एवं सार्थक समाधान लाने के लिए तत्पर है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!