ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रथम मुख्य प्रशासिका की 58 वी पुण्यतिथि मनाई गई
आध्यात्मिक ज्ञान और सर्व शक्तियों की चैतन्य मूर्ति थी मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती
इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट:-
इंदौर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा की 58 वी पुण्यतिथि आज न्यू पलासिया स्थित ज्ञानशिखर ओम शांति भवन में ”आध्यात्मिक ज्ञान दिवस” के रूप में मनाई गई । पूर्व महापौर डॉ उमा शशि शर्मा, मध्यप्रदेश ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष आचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा वैदिक, पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेश पाटनी, श्रीमती मनु ऊटवाल सहित सैकड़ों ब्रह्माकुमार कुमारियों ने मातेश्वरी जगदंबा को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके जीवन चरित्र का स्मरण करते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में मातेश्वरी जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रम्हाकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि निराकार परमपिता परमात्मा शिव जब 1936 में प्रजापिता ब्रह्मा के तन में अवतरित हुए तो उस ज्ञान सागर परमात्मा को पहचान कर उनके द्वारा दिए जा रहे ज्ञान को पूर्ण रूप से स्वयं में धारण कर ईश्वरीय कार्य में जीवन समर्पित करने वाली सर्वप्रथम ओम राधे नाम की कन्या थी। उन्होंने अपने जीवन में आध्यात्मिक ज्ञान और सर्व ईश्वरीय शक्तियों को धारण कर ओम राधे से सर्व की अलौकिक पालना करने वाली साक्षात ज्ञान की देवी मां सरस्वती बन गई । मातेश्वरी जी ने त्याग, तपस्या और पवित्रता को जीवन में धारण करते मानवता की सेवा को उस समय चुना जब नारियों को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी। भारतीय संस्कृति के उत्थान के लिए मातेश्वरी जी का यह त्याग ,समर्पण और सेवा नींव का पत्थर बनी, जो आज विश्व के 140 देशों में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के रूप में समस्त मानव जाति को मूल्यों की शिक्षा दे रहा है।
पूर्व महापौर डॉ उमा शशि शर्मा ने संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए यहां से प्राप्त शांति की अनुभूति को साझा किया ।
मध्य प्रदेश ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष पंडित आचार्य रामचंद्र शर्मा वैदिक ने कहा कि आज आषाढ़ मास का गुप्त नवरात्रि पर्व है ऐसे में मां सरस्वती मां दुर्गा की स्तुति करना महान पुण्य का काम है ब्रह्माकुमारी संस्थान के द्वारा समग्र विश्व के लिए जो सुख शांति का प्रचार प्रसार किया जाता है वह आज के भौतिकवादी युग की महत्वपूर्ण आवश्यकता है आपने जीवन का संदेश दिया कि आप सबके लिए जितना अच्छा बोलेंगे अच्छा सुनेंगे उतना आपके बारे में भी अच्छे विचार बनेंगे भव्यता निर्मित होगी।
कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माकुमारी आकांक्षा बहन ने मां जगदंबा सरस्वती के जीवन की अष्ट शक्तियों पर आधारित भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन ब्रम्हाकुमारी अनिता दीदी ने किया।