प्रतिकूलताओं में साथ रहे वहीं आपका आपना- साध्वी ऋतुंभरादेवी
लवजिहाद के बढ़ते मामलों पर साध्वी ऋतुंभरादेवी ने युवतियों को किया सचेत
इंदौर से विनोद गोयल की रिपोर्ट :—–
विद्वान पंडि़तों के सान्निध्य में हुआ यज्ञ-हवन, 2 लाख से अधिक भक्तों ने किया श्रीराम कथा का श्रवण
श्रीराम कथा समापन अवसर पर 30 हजार भक्तों ने ग्रहण की महाप्रसादी
इन्दौर ।किसी भी नारी का असली आभूषण उसका धर्म और पति के प्रति उसकी निष्ठा और निष्ठा के साथ धर्म के प्रति अर्पण और उसका समर्पण। जीवन में आई प्रतिकूलताओं में भी जो आपके पास रहे वही सही मायने में आपका अपना होता है। उक्त बात श्री चौबीस अवतार मंदिर महातीर्थ क्षेत्र देपालपुर में आयोजित श्रीराम कथा के समापन अवसर पर भक्तों को कथा का रसपान करवाते हुए साध्वी दीदी मां ऋतुंभरादेवी ने कही। उन्होंने आगे कथा में सती अनुसूईया के चरित्र वर्ण करते हुए कहा कि केवल पूजा ही धर्म नहीं होता है। कत्र्तव्य का पालन और उसके प्रति समर्पण और सत्संग का भाव होना भी जरूरी होता है। उन्होंने सबरी प्रसंग की व्याख्या में कहा की प्रतीक्षा में वो रहते हैं जिनकी प्रतीक्षा की जाती है। सबरी प्रतीक्षा की प्रतिमूर्ति थी। आप मिलो या ना मिलो हम प्रतीक्षा करेंगे। उन्होंने राम कथा में हनुमान जी के चरित्र का वर्णन करते कहा की जीवन में कार्य बड़े करें लेकिन स्वयं बड़े होने का प्रयत्न नहीं करें। इसी के साथ जिनकी साथ काम कर रहे हो उनसे बड़ा होने की सभी कोशिश नहीं करना चाहिए। मंगलवार को कथा में व्यासपीठ का पूजन रामेश्वर गुड्डा पटेल एवं परिवार ने किया। वहीं आरती में सांसद शंकर लालवानी, महेश पुरी, अजय आहुजा, नीलेश उपाध्याय सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
श्री पुंजराज पेटल सामाजिक सेवा समिति एवं श्रीराम कथा आयोजक रामेश्वर गुड्डा पटेल ने बताया कि श्री चौबीस अवतार मंदिर महातीर्थ क्षेत्र देपालपुर में आयोजित सात दिवसीय श्रीराम कथा का समापन मंगलवार को यज्ञ-हवन में पूर्णाहुति के साथ हुआ। मंगलवार को सुबह साध्वी दीदी मां ऋतुंभरादेवी ने सभी भक्तों को कथा का रसपान कराया तो वहीं उसके पश्चात विद्वान पंडि़तों के सान्निध्य में हवन कुंड में आहुतियां समर्पित की गई।
30 हजार भक्तों ने ग्रहण की महाप्रसादी-
आयोजक रामेश्वर गुड्डा पटेल ने बताया कि 31 मई से 6 जून तक जारी श्रीराम कथा में देपालपुर सहित अन्य आसपास के गांवों के भक्तों ने भी बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सात दिवसीय श्रीराम कथा में लगभग 2 लाख से अधिक भक्तों को श्रीराम कथा का श्रवण किया। वहीं समापन अवसर पर श्री चौबीस अवतार मंदिर परिसर में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें मंगलवार को 30 हजार से अधिक भक्तों ने महाप्रसादी ग्रहण की।
युवतियों को दानवों के खिलाफ बनना होगा दुर्गा-
श्री चौबीस अवतार मंदिर महातीर्थ में जारी श्रीराम कथा के समापन अवसर पर साध्वी दीदी मां ऋतुंभरादेवी ने लव-जिहाद के बढ़ते मामलों को लेकर सभी युवतियों को सचेत किया। उन्होंने युवतियों को अपने सनातन धर्म से जुडऩे व संस्कार व संस्कृति से रूबरू होने की बात कही साथ ही उन्होंने युवतियों को कहा कि दानवों के खिलाफ युवतियों को दुर्गा बनना पड़ेगा। उन्होंने अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर निर्माण के लिए कहा कि यह भारत व सनातन धर्म की विजय है साथ ही हम सभी के लिए गौरव का भी पल है। जहां भगवान का जन्म हुआ वहां उनका मंदिर अब भव्य स्वरूप में आकार ले रहा है।