हिंदू एकता के प्रतीक हैं मंदिर – डॉ. स्वामी
हिन्दू एकता के प्रतीक हैं तथा इन्हें बचाने का प्रयास कर रहे पुजारी एकजुटता के संवाहक हैं।

इंदौर.।विराट हिंदू संगम और समस्त पुजारी मध्यप्रदेश के तत्वावधान में आयोजित धर्म संस्थापनार्थाय-सुघोष में पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि मंदिर हिन्दू एकता के प्रतीक हैं तथा इन्हें बचाने का प्रयास कर रहे पुजारी एकजुटता के संवाहक हैं।
डॉ. स्वामी ने कहा कि मध्यप्रदेश सहित सभी राज्यों को सुप्रीम कोर्ट का वर्ष 2014 में दिया गया फैसला मानना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि सरकार किसी भी मंदिर पर अपना अधिकार नहीं जमा सकती, यदि किसी मंदिर में आर्थिक अनियमितता है तो अधिकतम 4 साल में उसे सुधारा जाकर मंदिर वापस पुजारी को सौंप देना चाहिए। डॉ. स्वामी ने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा अल्पमत में है वहां मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने की बात कह रही है, जबकि वह जहां सत्ता में है वहां के मंदिर अभी भी सरकारी बेड़ियों में जकड़े हुए हैं। उन्होंने म.प्र. के पुजारियों से वादा किया कि वे इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से बात करेंगे। इस अवसर पर विराट हिंदू संगम के राष्ट्रीय महामंत्री श्री जगदीश शेट्टी ने भी संबोधित करते हुए बताया कि उनके संगठन का उद्देश्य हिंदुओं की एकता है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं डॉ. स्वामी के निकट सहयोगी श्री सत्या सभरवाल ने संकल्प लिया कि वे मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने हेतु लगातार प्रयासरत रहेंगे। आयोजन में प्रदेशभर के पुजारियों ने उत्साहजनक तरीके से हिस्सा लिया कि रवींद्र नाट्य गृह खचाखच भर गया। पहली बार पुजारियों की अभूतपूर्व एकता देखकर शासन-प्रशासन तो चौंके ही हैं। पुजारी भी निकट भविष्य में प्रभावशाली आंदोलन की रूपरेखा तय करते नजर आए। कार्यक्रम का संचालन पं. नवीन नागर ने किया तथा आभार प्रदर्शन राघव दास जी ने किया।