धरमपुरी में माता की बाड़ी खुलते ही छाया उल्लास, बाड़ी पहुंचकर किया ज्वारों रूपी मां का पूजन व दर्शन

धरमपुरी से शाहीद पठान की रिपोर्ट
नगर में निमाड़ की लोक संस्कृति के पर्व गणगौर की उत्सवमयी धूम के साथ गणगौरी तीज पर शुक्रवार को पंडित संतोष जोशी व पंडित सुनील शर्मा के निवास पर बाड़ी में माता की बाड़ियां खुलने के साथ हो गई। माता की बाड़ी खुलते ही श्रद्धालुओं में उल्लास छा गया। बाड़ियों में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने ज्वारों का पूजन व दर्शन किया। कुंवारी कन्याओं ने अपने अच्छे वर व घर की कामना व विवाहित स्त्रियों ने पति की लंबी उम्र व अच्छे स्वास्थ्य एवं परिवार की सुख समृद्धि की कामना के लिए बाड़ियों में ज्वारे का पूजन व दर्शन किया।

इस अवसर पर गणगौर के रथों को नंगे पैर ही महिलाएं बाड़ी में लेकर पहुंची। यहां पूजन कर ज्वारों को रथ में रखकर शिरोधार्य कर अपने-अपने घर ले गए। रथों का श्रृंगार कर उन्हें रणुबाई और धनियर राजा के रूप में सजाया धजाया गया था। गणगौर गीत और नृत्य को लेकर मातृशक्ति में काफी उत्साह है। नगर में देखा जाए तो 250- 300 परिवार गणगौर पर रथ सजाते है। वहीं कई परिवार व समाज रथ बौड़ा रहे है। इस कारण पर्व के दिन बढ़ेंगे और स्नेह भोज चलते रहेंगे। माता के विसर्जन चल समारोह में डीजे-साउंड, बैंड बाजे व ढ़ोल पर श्रद्धालु का झालरियों पर नाच-गाना जमकर होगा। ऐसा माना जाता है की गणगौर के रूप में गेहूं के ज्वारों के साथ शिव-पार्वती के अवतार धनियर राजा, रणुबाई की आराधना की जाती हैं, ताकि परिवार पर वर्ष भर आने वाली विपदाये टलती जाए।

