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धरमपुरी; रंग व कुल की फातिहा के साथ उर्स का समापन, अकीदतमंदों की उमड़ी भीड़

धरमपुरी से शाहीद पठान की रिपोर्ट.
धरमपुरी – हजरत गैब शाह गाजी गढ़ी वाले बाबा के सालाना उर्स में रविवार को दूर दूर से हजारों कव्वाली प्रेमियों की भीड़ उमड़ पड़ी। यहां कव्वाली का शानदार मुकाबला अलसुबह तक चलता रहा जिसे सुनने के लिए लोग रात भर राजबाड़ा चौक पर डटे रहे। दूर-दूर से आए जायरिनों ने बाबा की दरगाह में पहुंचकर मत्था टेका और फिर कव्वाली के साथ-साथ यहां भरे मेले का आनंद लिया। राजबाड़ा चौक में आयोजित कव्वाली कार्यक्रम में रविवार मेरठ के कव्वाल जुबेर सुल्तानी और मुराबाद के कव्वाल आरिफ आमिल के बीच होने वाले शानदार मुकाबले को देखने के लिए रविवार रात 9 बजे से ही लोगों की भीड़ उमड़ने लगी थी। रात्रि 10 बजे जैसे ही अतिथियों ने कार्यक्रम की शुरूआत की जिसके बाद यहां एक के बाद एक सूफियाना कव्वालियां होती रही। हर कव्वाली के बाद आयोजन स्थल तालियों से गूंजता रहा। कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता अबरार खान ने किया। इस अवसर पर उर्स सरपरस्त असलम ज़मीदार, उर्स सदर असरफ जहागीर, नायब सदर जोसब मेकेनिक,अमीन ठेकेदार, अजय पाटीदार, विधायक प्रतिनिधि, अधिवक्ता लाल मो. शेख, अधिवक्ता दीदार खान,पूर्व नपा अध्यक्ष शब्बीर पहलवान,मुस्लिम समाज सदर समीर मेव, दरगाह खादिम अमजद शाह आदि मौजूद रहे। हिंदु-मुस्लिम की एकता के प्रतीक इस दरगाह में जियारत करने व मत्था टेकने के लिए रविवार को शाम से ही हजारों जायरीन बाबा की दरगाह पहुंचे।

उर्स सदर असरफ जहागीर ने बताया कि सोमवार सुबह कुरानख्वानी हुई। बाद में असलम ज़मीदार की सरपरस्ती में कुल की महफिल हुई। कव्वाल अयाज साबरी और साथियों ने बाबा की शान में कलाम पेश किए। दोपहर 1 बजे रंग पेश किया गया और कुल की फातिहा के साथ उर्स का समापन हुआ। कार्यक्रम में विभिन्न विशिष्ठ लोगों ने शिरकत की। लंगर का आयोजन भी किया गया।

दुकानों में दिनभर रही खरीददारों की भीड़
दूर-दूर से आए लोगों ने बाबा के दर्शन किए और फिर यहां लगी दुकानों में जमकर खरीदी की। रंग-बिरंगे गुब्बारों के अलावा यहां 5 से 10 रुपए में फ्रूट चाट, जूस, कुल्फी सहित खिलौनों की कई दुकानें लगी हुई थी। किसी ने यहां लगी खाने-पीने की दुकानों में पहुंचकर मनपसंद की वस्तुओं का स्वाद चखा तो किसी ने खेल-खिलौने और गृहस्थी के सामानों की खरीदी की। इस दौरान रात के समय तेज हवाओं के चलने से शहरवासियों को गर्मी से थोड़ी राहत भी मिली।

चार दिवसीय उर्स का समापन
सोमवार को अल सुबह तक चले इस मुकाबले के बाद चार दिवसीय उर्स का समापन हो गया। उर्स के मौके पर बाबा की दरगाह परिसर में आकर्षक विद्युत सजावट की गई थी, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रही। जैसे-जैसे रात हो रही थी उर्स परिसर में कव्वाली सुनने वालों की भीड़ भी बढ़ रही थी। हिंदु-मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र इस दरगाह में शाम से ही मेले जैसा माहौल रहा। लोगों की भीड़ के चलते यहां बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात रहा।

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