राम जन-जन के आराध्य, उनकी भक्ति प्राप्त करने हेतु पहली शर्त है – मन की पवित्रता

इंदौर, । राम जन-जन के आराध्य हैं। उनकी मंगलमय भक्ति प्राप्त करने के लिए पहली शर्त है – मन की पवित्रता। रामचरित मानस की प्रत्येक पंक्ति मानव जीवन के लिए हर काल में प्रासंगिक, शाश्वत और उपयोगी है। रामकथा वह कथा है, जो हमारे अंतःकरण से लेकर घर-परिवार, मोहल्ले, समाज और राष्ट्र में सुख और शांति की स्थापना कर सकती है।
ये प्रेरक विचार हैं प्रख्यात राम कथाकार दीदी मां मंदाकिनी श्रीराम किंकर के, जो उन्होंने संगम नगर स्थित श्रीराम मंदिर पर श्रीराम शिवशक्ति मंदिर शैक्षणिक एवं पारमार्थिक समिति के तत्वावधान में रामकथा के शुभारंभ प्रसंग पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि संगम नगर के श्रोता बड़भागी हैं, जिन्हें तीसरी बार रामकथा श्रवण का सौभाग्य मिल रहा है। प्रारंभ में आयोजन समिति की ओर से भूपेन्द्र कौशिक, अरविंद गुप्ता, अनूप जोशी, रामसिंह रघुवंशी एस.के. गुप्ता, श्रीमती कृष्णा अग्रवाल, शंकर गुप्ता आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया।