लोक सेवक के पद पर रहते हुये आरोपीगण द्वारा शासन की राशि रूपये 6,29,24,000 रुपये का बेईमानी से दुर्विनियोग करने के अपराध में 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थ दण्ड से दण्डित
बड़वानी
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री कैलाश प्रसाद मरकाम के द्वारा 14 दिसम्बर को पारित निर्णय में अभियुक्तगण क्रमशः राजेन्द्र पिता ईश्वरसिंह तंवर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मलखानसिंह पिता मेम्बरसिंह कुशवाह, मुख्य कार्यपालन, अधिकारी, प्रदीप पिता रामनारायण छलोत्रे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, फुलसिंग पिता चंद्रसिंग नरगावे, उपयंत्री, श्रीराम पिता जगननाथ कनखरे, सहायक यंत्री, महेन्द्र पिता सखाराम मण्डलोई, उपयंत्री, मनोज पिता परसराम वर्मा, सहायक यंत्री, दिलीप पिता नत्थु भालसे, संविदा उपयंत्री, लोकेश पिता तुकडिया कोठारे, संविदा उपयंत्री, रमेशचंद्र पिता शंकरलाल जी जोशी, उपयंत्री, काना पिता शिवा जमरे. अशोक पिता मुंशीलाल शर्मा सहायक यंत्री द्वारा जनपद पंचायत निवाली मे मनरेगा निर्माण कार्य स्वीकृत राशियों का उपयोग सही तरीके से नहीं कर पूर्णतः प्रमाण पत्र जारी कर मनरेगा की शासकीय राशि का दुर्विनियोग कर अपने कार्यों मे लापरवाही कर भ्रष्टाचार किया गया । साथ ही पंचायत की मनरेगा निर्माण कार्यों को विभाग मैन्युल अनुसार कार्य सम्पादित नही कर निर्माण कार्यों में लापरवाही बरती एवं गुणवत्ता नियंत्रण नही किया गया व फर्जी रूप से मुल्यांकन माप पुस्तिका मे दर्ज किया व निर्माण कार्यों में अधूरे कार्यों को पूर्णतः प्रमाण पत्र जारी कर मनरेगा कार्यों की शासकीय राशि का दुर्वियोग कर भ्रष्टाचार किया गया। जिसकी शिकायत पर आरोपीगण के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 120 बी भा.द.सं. तथा धारा 13 (1) (ग) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत थाना निवाली द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर चालान न्यायालय मे प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में आये साक्ष्य एवं तथ्यों के आधार पर आरोपीगण के द्वारा उनके नियंत्रणाधिन सम्पत्ति अपने उपयोग के लिये बेईमानी से या कपट पूर्वक दुर्विनियोग शासन को रूपये 6,29,24,075 रुपये का दोष सिद्ध पाते हुये धारा 409/120 (बी), 420/120बी भा.द.सं. एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) (सी) मे 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास व अर्थदण्ड के दण्ड से दण्डित किया गया है । अभियोजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक पवन जाट के द्वारा की गई।