पहली बार मतदाता पर्चियां बांटने वाले को अध्यक्ष बनाया था
लेकिन कुछ ही घंटों बाद हटाकर सबको मायूस कर दिया
इंदौर, मशहर के 120 अग्रवाल संगठनों की प्रतिनिधि शीर्ष संस्था श्री अग्रवाल समाज केन्द्रीय समिति ने अपने पूर्व अध्यक्ष एवं दो बार पार्षद रहे श्री अरविंद बागड़ी को शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद पर पहले नियुक्त करने और कुछ ही घंटे बाद उनकी नियुक्ति को होल्ड पर रख देने के निर्णय पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। समिति ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करने और शहर कांग्रेस की बागडोर अरविंद बागड़ी को सौंपने के अपने निर्णय को बहाल करने का आग्रह किया है।
अग्रवाल समाज केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष राजेश बंसल, महामंत्री पवन सिंघल, पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण मित्तल कुक्की, संजय बांकड़ा, किशोर गोयल, पी.डी. अग्रवाल महू वाले, संतोष गोयल सहित विभिन्न अग्रवाल संगठनों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने आज पत्रकार वार्ता में कहा कि बागड़ी पिछले तीन दशकों से सार्वजनिक क्षेत्र में समर्पित और निस्वार्थ भाव से काम करने वाले ऐसे कांग्रेस कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने युवक कांग्रेस और ब्लाक कांग्रेस से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कर मतदाता पर्चियां बांटने से लगाकर प्रत्येक चुनाव में कांग्रेस के समर्थन में तन, मन, धन से काम किया है। ऐसे कार्यकर्ता को पहले पद देकर, कुछ ही घंटों में उनकी नियुक्ति को होल्ड पर रखने से शहर के कांग्रेस समर्थित समाजबंधु स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। यह अग्रवाल समाज के समर्पित सेवाभावी के साथ ही समूचे समाज के लिए भी अपमानजनक स्थिति है। यह बागड़ी का नहीं, कांग्रेस के हर उस कार्यकर्ता के लिए भी अपमानजनक है, जिसने अपने खून-पसीने से पार्टी को सींचा है।
सभी पदाधिकारियों ने इस पूरे घटनाक्रम को सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाले समर्पित और निस्वार्थ कार्यकर्ताओं के लिए अपमानजनक बताते हुए स्पष्ट किया कि समाज किसी भी दल के समर्थन या विरोध की बात नहीं करते हुए इस मामले में अरविंद बागड़ी के साथ हुए व्यवहार पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहा है। अरविंद बागड़ी की जगह यदि किसी और दल के समाज बंधु के साथ इस तरह का बेहूदा मजाक होता तो समिति के पदाधिकारी उसका भी विरोध करते। यहां बात कांग्रेस या भाजपा की नहीं, बल्कि समाज के एक सेवाभावी बंधु के साथ उनकी पार्टी द्वारा किए गए व्यवहार और उससे उत्पन्न हालातों की करें तो निश्चित ही यह बड़े से बड़े और छोटे से छोटे कार्यकर्ता की भावनाओं को गंभीर आघात पहुंचाने वाला मुद्दा बन गया है। जहां तक बागड़ी के भाजपा नेताओं से रिश्ते के आरोप की बात है तो समाज के स्तर पर वे केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं और पार्षद रहते हुए भी उन्होंने सर्वश्रेष्ठ पार्षद का खिताब भी हांसिल किया है। इसका मतलब यह नहीं कि उनके भाजपा नेताओं से रिश्ते हैं। व्यक्तिगत तौर पर सामाजिक क्षेत्र में हर कांग्रेस के नेता के भाजपा नेताओं से मधुर रिश्ते होते ही हैं। बागड़ी ने अपने इन रिश्तों से समाज को भी कई अवसरों पर लाभांवित किया है। वरिष्ठ नेता भी अक्सर राजनीति से ऊपर उठकर समाज सेवा की बात करते हैं फिर बागड़ी पर भाजपा प्रेम का कथित आरोप प्रासंगिक नहीं लगता।
अग्रवाल समाज ने हमेशा शहर और प्रदेश के साथ देश के विकास में भी हर संभव योगदान किया है। देश या प्रदेश में जहां कहीं प्राकृतिक आपदा अथवा अन्य किसी तरह की स्थिति बनने पर तन, मन, धन से अपना विनम्र योगदान किया है और हमें यह कहने में भी कोई संकोच नहीं हो रहा है कि श्री अरविंद बागड़ी ने अपने 30-35 वर्षों के सार्वजनिक जीवन में समाज, शहर एवं प्रदेश के लिए बहुत कुछ योगदान किया है। ऐसे सेवाभावी और समर्पित बंधु के साथ इस तरह का शर्मनाक आचरण किसी भी पार्टी के लिए शोभाजनक नहीं माना जा सकता। अग्रवाल समाज के उक्त सभी पदाधिकारियों ने प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ एवं अन्य सभी जिम्मेदार पदाधिकारियों से पुरजोर अनुरोध किया है कि वे संगठन की शहर में वर्तमान स्थिति को देखते हुए श्री अरविंद बागड़ी को ससम्मान अपने शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने के निर्णय को बहाल करें। यहां यह बताना भी जरूरी है कि रविवार को प्रदेश में 68 शहर एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं और उनमें से केवल एक अरविंद बागड़ी ही अकेले अग्रवाल समाज से लिए गए हैं। दूसरी ओर इंदौर जिला एवं शहर अध्यक्ष पद पर अब तक केवल एक ही अग्रवाल, स्व. रामचंद्र अग्रवाल जिला कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। इनके अलावा अग्रवाल समाज को अब तक कांग्रेस ने कभी महत्व नहीं दिया। यह पहला मौका है जब अग्रवाल समाज के बंधु को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके अध्यक्ष बनने से आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं समाज के लोगों में भी प्रसन्नता व्याप्त हो गई थी, लेकिन अचानक कुछ ही घंटों बाद उनकी नियुक्ति को होल्ड पर कर दिए जाने से अग्रवाल समाज की भावनाओं को गहरा आघात पहुं