भोपालमध्यप्रदेशमुख्य खबरे

प्रकृति के साथ प्रगति हमारा मंत्र हो – मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल डेस्क।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अच्छे भविष्य के लिए पर्यावरण-संरक्षण आवश्यक है। इस नाते प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 में विचार का विषय ष्वन अर्थ, वन फेमिली और वन फ्यूचरष् रखा है। प्रकृति के साथ प्रगति हमारा मंत्र होना चाहिए। दरअसल ये दुनिया को बचाने का मंत्र है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज संघर्ष नहीं प्रेम की आवश्यकता है। जो हम से कमजोर है, उसे भी अपनाएँ। अंधी प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए। यह दुर्भाग्य की बात है कि विश्व के अधिकांश संसाधनों का उपयोग चंद लोग ही करते हैं जबकि यह पृथ्वी हम सभी के लिए है। पूरा विश्व एक परिवार है। भोपाल में जी-20 के अंतर्गत थिक 20 बैठक के विचार सत्र महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेंगे। निश्चित ही इस कार्यक्रम में शामिल बुद्धिजीवियों और चिंतकों के विचार- मंथन से अमृत निकलेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में जी-20 के अंतर्गत थिंक 20 बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान और अन्य अतिथियों ने दीप जला कर बैठक के उद्धाटन सेशन का शुभारंभ किया। दो दिवसीय बैठक ष्पर्यावरण सम्मत जीवन-शैली, नैतिक मूल्य और सुमंगलम वैश्विक सुशासन के लिए परस्पर सहयोगष् पर केंद्रित है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अतिथि देवो भव भारत की परंपरा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी अद्भुत नेतृत्व क्षमता के धनी हैं। उन्होंने भारत की प्रतिष्ठा में वृद्धि की है। जी-20 की अध्यक्षता प्राप्त होना भारत की उपलब्धि है। हमारे देश में प्राचीन समय से यह विचार रहा है कि पूरा विश्व एक कुटुम्ब की तरह है। ओंकारेश्वर में एकात्म धाम के अंतर्गत आदि शकराचार्य आचार्य शंकर की विशाल प्रतिमा और अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत संस्थान स्थापित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज सारी दुनिया को एक होने की जरूरत है। मनुष्यों के साथ पशु-पक्षियों का अस्तित्व भी महत्वपूर्ण है। प्राणियों की अनेक प्रजातियाँ खत्म हो रही हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रयासों से नामीबिया से चीते लाकर मध्यप्रदेश में बसाए गए हैं। मध्यप्रदेश टाइगर, लेपर्ड, गिद्ध और घड़ियालों के संरक्षण के लिए जाना जाता था। अब मध्यप्रदेश चीता स्टेट भी बन गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश की विशिष्ट वन्य-प्राणी संपदा की जानकारी भी डेलिगेट्स को दी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज छोटे-छोटे उपायों से पर्यावरण को बचाने में सहयोग दिया जा सकता है। हम अपने व्यवहार में पौध-रोपण को शामिल करें तो यह पृथ्वी के लिए बड़ा योगदान होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश में बिजली बचाओ, जल-संरक्षण, पर्यावरण-संरक्षण, नवकरणीय ऊर्जा के उपयोग, बेटी बचाओ अभियान एवं लाड़ली लक्ष्मी योजना के सफल क्रियान्वयन का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्रीन एनर्जी का महत्व बढ़ रहा है। सौर ऊर्जा का उत्पादन बांधों की जल राशि के माध्यम से भी करने की पहल की गई है। प्रदेश में जलाभिषेक अभियान से साढ़े 4 लाख जल-संरचनाओं का निर्माण किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ष्पर ड्रॉप मोर क्रॉपष् का आहवान कर जल के पूर्ण उपयोग के लिए संकल्पित हैं। उनके नेतृत्व में भारत विकास की ओर अग्रसर है। उन्होंने आने वाले वर्षों में विभिन्न लक्ष्य तय किए हैं। इनमें प्रमुख रूप से नवकरणीय ऊर्जा के उपयोग और कार्बन उत्सर्जन कम करने के साथ ही मजबूत अर्थ-व्यवस्था बनाने के लक्ष्य शामिल हैं। उन्होंने पंचामृत का मंत्र दिया है। सीओपी-26 में उन्होंने कहा था कि भारत, वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो) का लक्ष्य हासिल करेगा। वर्ष 2030 तक भारत अपनी अर्थ-व्यवस्था की कार्बन इंटेन्सिटी को लगभग आधा कर लेगा। इसी तरह नवकरणीय ऊर्जा में भारत की स्थिति विश्व में चौथे क्रम पर है, उसमें भी सुधार लाया जाएगा। वन अर्थ, वन फेमिली और वन फ्यूचर का सिद्धांत महत्वपूर्ण है। हमारी प्राथमिकता भी प्रकृति के साथ प्रगति है। मध्यप्रदेश में हो रहा पौध-रोपण इसका प्रमाण है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रारंभ में अतिथियों का मध्यप्रदेश की जनता की ओर से स्वागत करते हुए साँची बौद्ध स्तूप, भीमबैठका के प्राचीनतम शैल चित्र और भोपाल का ट्राइबल म्यूजियम देखने का आग्रह किया।

अन्य अतिथियों के विचार
जी-20 की थिंक 20 बैठक के वैचारिक कार्यक्रम में नीति आयोग, भारत सरकार के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने कहा कि विश्व भर से आए चिंतक पर्यावरण सम्मत जीवन-शैली और नैतिक मूल्यों के महत्व पर अपने विचार रखेंगे। नीति आयोग ने एकात्मता का संदेश देने, जन-भागीदारी, संवेदना, सद्भाव, वसुधैव कुटुम्बकम् और पर्यावरण हितैषी जीवन-शैली के लिए मध्यप्रदेश में इस वैचारिक सत्र के आयोजन में सहयोग दिया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी वन अर्थ, वन फेमिली और वन फ्यूचर के विचार को लोकप्रिय बना रहे हैं।

टी-20 चेयर और मनोहर पर्रिकर-आईडीएसए, नई दिल्ली के महानिदेशक श्री सुजॉन चिनॉय ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छता पर बल दिया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने स्वच्छता को जन-अभियान बनाया। आज कम हो रहा ग्रीन कवर चिंतनीय है। पर्यावरण का संतुलन आवश्यक है। यह वैचारिक सत्र इस विषय के महत्वपूर्ण पहलुओं को सामने लायेगा।

एशियन डव्लपमेंट बैंक जापान के सीईओ श्री टेत्सुशी ने कहा कि भारत की पर्यावरण के प्रति चिंता और इस कार्यक्रम की रूपरेखा प्रशंसनीय है। अनेक राष्ट्रों के विचारक एक मंच पर आए हैं।

अंतर्राष्ट्रीय बाल कोष (यूनिसेफ) के दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय निदेशक जॉर्ज लारिया ने कहा कि तकनीक के सद्पयोग से पर्यावरण और कल्याण के कार्यों का संचालन करने की दिशा में नए विचार सामने आएंगे। एक पृथ्वी और एक परिवार का सूत्र हमारे भविष्य को सुरक्षित रखने का माध्यम है।

भारत सरकार के जी-20 के मुख्य समन्वयक श्री हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि स्मार्ट और क्लीन सिटी भोपाल देखकर प्रसन्नता हुई। जी-20 में भारत की अध्यक्षता महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।

इण्डोनेशिया के उप मंत्री डॉ. स्लेमेट सोएडरसोनो ने कहा कि मूलभूत चुनौतियों से निपटते हुए विकास की प्राप्ति के लिए मिल कर कदम बढ़ाने होंगे।

प्रारंभ में मध्यप्रदेश नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश को बीमारु राज्य की श्रेणी से बाहर निकाल कर विकास के लिए अग्रसर बनाया है। आज सर्व समावेशी विकास के लिए जिस मॉडल की आवश्यकता है, वो पर्यावरण सम्मत जीवन-शैली से संभव है। मध्यप्रदेश में शहरीकरण को समाज से जोड़ने, समुदाय की भागीदारी के साथ ग्रामों और नगरों के गौरव दिवस मनाने के कार्य हो रहे हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान की डॉ. इंद्राणी बड़पुजारी ने आभार व्यक्त किया।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!