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परिवहन मंत्री राजपूत पर जमीन हड़पकर स्कूल बनाने का आरोप, पिता की गुमशुदगी को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 6 माह से लापता जमीन मालिक का बेटा

भोपाल डेस्क। ससुराल की ओर से दान में मिली 50 एकड़ जमीन के विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत एक दूसरे विवाद में घिर गए हैं। उन पर सागर में एक किसान की (खसरा नंबर 174/17) की जमीन हड़प कर वहां स्कूल बनाने का आरोप है। आरोप लगाने वाले जमीन मालिक के बेटे सीताराम पटेल ने अपने पिता के लापता होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। साथ ही एक वीडियो जारी करते हुए परिवहन मंत्री से खुद की जान को खतरा बताया है। दूसरी ओर इस संबंध में मंत्री श्री राजपूत का कहना है कि जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे निराधार हैं। कांग्रेस के लोग और व्यक्तिगत विरोधी मेरी छवि खराब करने का षड्यंत्र कर रहे हैं।
ज्ञात हो, इस मामले को लेकर परिवहन मंत्री मुसीबत में घिर गए हैं। दरअसल, सागर के तिली वार्ड निवासी सीताराम पटेल ने एक वीडियो जारी कर कहा कि हमारी जमीन (खसरा नंबर 174/17) गोविंद सिंह राजपूत ने अपने नाम करा ली है। इस जमीन पर स्कूल भी बना लिया है। पिता मानसिंह पटेल ने जमीन का केस तहसीलदार कोर्ट में लगाया था। केस लगने के बाद मंत्री ने 22 अगस्त 2016 को पिता को घर पर बुलाया था। इसके बाद से पिता लौटकर घर नहीं आए। 26 अगस्त 2016 को सिविल लाइन थाना सागर में पिता की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। तब से अब तक पिता का कोई पता नहीं चला है। मुझे आशंका है कि मंत्री राजपूत ने पिता के साथ कुछ गलत करवा दिया होगा, इसलिए पिताजी लौटकर नहीं आए। सीताराम वीडियो में यह कह रहा है कि अब मैं इस मामले में शिकायत कर रहा हूं। इसके बाद मेरी और मेरे परिवार की जान को भी खतरा हो सकता है। यदि मुझे और मेरे परिवार को कुछ होता है, तो उसका जिम्मेदार मंत्री राजपूत का पूरा परिवार होगा।
मंत्री गोविंद सिंह ने कहा- यह मेरे खिलाफ विरोधियों का षड्यंत्र
इस बारे में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि इस संबंध में मेरे और मेरे परिवार पर लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह निराधार हैं। पुराने कांग्रेस के लोग और व्यक्तिगत विरोधी मेरी छवि खराब करने के लिए मेरे खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं। मंत्री ने बताया कि यह मामला 2016 का है। उस समय एक जमीन मेरे नाम पर धोखे से दर्ज हो गई थी। मैंने तहसीलदार कोर्ट में आवेदन देकर कहा था कि जमीन के नाम में सुधार किया जाए। इसके बाद तहसीलदार कोर्ट ने जमीन को मान सिंह, उत्तम सिंह के नाम पर दर्ज कराने का आदेश किया था। उसी जमीन पर वे दोनों भाई रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल अलग खसरा नंबर पर बना है। स्कूल का इससे कोई लेना-देना नहीं है। जब हमारा उससे कोई झगड़ा नहीं है, न हमने जमीन खरीदी है और न बेची है, तो उसके पिताजी कहां हैं? वो जाने।
यह है पूरा मामला
उत्तम सिंह पटेल व मान सिंह पटेल पिता गौरीशंकर के नाम खसरा नंबर 174/19 में 0.328 हेक्टेयर जमीन थी। आरोप है कि साल 2011-12 में ये जमीन गोविंद सिंह राजपूत निवासी क्रिश्चन कॉलोनी के नाम पर बगैर किसी आदेश के दर्ज हो गई। जमीन 2016-17 तक उनके ही नाम पर रही। मामला सामने आते ही मान सिंह पटेल ने तहसीलदार कोर्ट में केस लगाया। मामले की सुनवाई के दौरान तहसीलदार कोर्ट में गोविंद सिंह राजपूत ने जमीन अपने नाम पर होने के जवाब में लिखित में कहा कि जमीन मेरे नाम पर कैसे दर्ज हुई? मुझे पता नहीं है। जमीन से मेरा नाम अलग कर शिकायतकर्ता (मान सिंह पटेल) का नाम दर्ज करने में मुझे कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद तहसीलदार कोर्ट ने आदेश में कहा था कि टाइपिंग में गलती के कारण जमीन गोविंद सिंह राजपूत के नाम पर दर्ज हो गई थी। इसके बाद उक्त जमीन वापस दोनों भाई उत्तम सिंह व मान सिंह के नाम पर कर दी गई। इसी बीच अचानक मान सिंह पटेल अचानक गायब हो गए। परिवार वालों ने उनकी तलाश में हर संभव प्रयास किए, लेकिन वह नहीं मिले। इसके बाद 26 अगस्त 2016 को सिविल लाइन थाना में उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई। इसके बावजूद अब तक मान सिंह पटेल का कोई पता नहीं चला है। सिविल लाइन थाना पुलिस के अनुसार, मान सिंह के केस में तत्कालीन जांच अधिकारी ने कई लोगों से पूछताछ की थी। केस डायरी में अब तक मान सिंह से जुड़ा कोई भी सुराग मिलने का जिक्र नहीं है। मान सिंह के पास मोबाइल नहीं था। इस कारण पुलिस उनकी लोकेशन भी ट्रेस नहीं कर पाई। इसी मामले को लेकर सीताराम ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। इसमें उसने राज्य शासन के अलावा मंत्री गोविंद सिंह और उनकी पत्नी को प्रतिवादी बनाया है।
गोविंद सिंह राजपूत की पत्नी सविता सिंह के नाम है जमीन
तहसीलदार कोर्ट से जारी आदेश में खसरा नंबर 174/19 की जमीन वर्तमान में मान सिंह और उत्तम सिंह के नाम पर ही दर्ज है, लेकिन मान सिंह के बेटे सीताराम पटेल ने इसी खसरा नंबर 174/17 की जमीन हड़पने का आरोप मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर लगाया है। उसका आरोप है कि खसरा नंबर 174/17 की जमीन अब ज्ञानवीर सेवा समिति सागर अध्यक्ष सविता गोविंद सिंह के नाम पर है। सविता राजपूत परिवहन मंत्री गोविंद सिंह की पत्नी हैं। सीताराम का कहना है कि जब जमीन तहसील कोर्ट से वापस हमारे नाम हो गई थी, तो वह सविता सिंह के नाम कैसे हो गई।

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