कामले जी की देशसेवा को भुलाया नहीं जा सकता – सत्यनारायण पटेल
डॉ. मोहम्मद शमीम को 27 वें कामले अलंकरण से नवाजा गया

इंदौर से विनोद अग्रवाल कि रीपोर्ट :–
इन्दौर। तुम मुझे खुन दो मैं तुम्हें दुंगा आजादी, आजाद हिन्द फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष की फौज में सिक्रेट सर्च वारंट ऑफिसर रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आजाद हिन्द फौज के सिपाही स्व. श्री केशवराव कामले के 27वें पुण्य स्मरण पर मुख्य अतिथि बतौर पधारे अ.भा. कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्री कामले की देशसेवा को हम कभी भुला नहीं सकते। उनके बताए मार्गदर्शनों पर हम चलकर देश की आजादी में हम खुली हवाओं में सांस ले रहे हैं। कामले जैसे वीर योद्धा को मैं नमन करता हूँ।
आयोजनकर्ता मदन परमालिया ने बताया कि इस अवसर पर हाईकोर्ट ने विभिन्न जाति-धर्मों के पक्षों के बीच में वाद-विवाद और कई ऐसी समस्याएं होती है, जिससे परिवारों में मनमोटाव पैदा होता है, इसके लिए 17 सामुदायिक मध्यस्ता केन्द्र को संचालित करने के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश डॉ. मोहम्मद शमीम को कमान सौंपी है। आप मीडिएशन (मध्यस्थता पक्षकारों के मध्य उत्पन्न विवादों को आपसी बातचीत के माध्यम से एक तृतीय व्यक्ति मीडिएटर की सहायता से मित्रतापूर्वक नि:शुल्क रूप से निपटारा करने की कानूनी व्यवस्था है) के ट्रेनर होकर आप इंदौर में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा माननीय न्यायमूर्ति रुसिया साहब की अभिनव पहल पर प्रारम्भ किए गए सामुदायिक मध्यस्थता कार्यक्रम के अंतर्गत आपके द्वारा विभिन्न धर्मों एवं जातियों के नागरिकों के मध्य उत्पन्न विवादों के निराकरण हेतु करीब 70 व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जाकर वर्तमान में 16 सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र कार्यरत होकर जहाँ पर आपके मार्गदर्शन में विवादों का नि:शुल्क सफलतापूर्वक निराकरण किया जा रहा है।
डॉ. शमीम के द्वारा किए जा रहे कार्यों के लिए एवं उनके द्वारा नि:शुल्क शिक्षा, कोविड-19 में आपके द्वारा विभिन्न धर्मों के वंचित परिवारों में नि:शुल्क भोजन व्यवस्था और अन्य सामाजिक कार्यों के लिए आजाद हिन्द फौज सैनानी स्व. केशवराव कामले अलंकरण से सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह के पूर्व इन्दौर में हुई दु:खद घटना में दिवंगत आत्माओं को दो मिनिट का मोन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
परमालिया ने आगे बताया कि इस अवसर पर श्री कामले के सुपुत्र श्याम कामले, निखिल कामले एवं विभिन्न सामुदायिक केन्द्रों के संचालनकर्ता स्माईल लहरी आदि उपस्थित थे।