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प्रकाशनार्थ, वेदघोष के साथ पंचकुंडी श्रीराम महायज्ञ की पूर्णा हुती सम्पन्न

अयोध्या में रामलला के विराजमान होने की खुशी में हनुमान चालीसा एवं रामरक्षा स्त्रोत के पाठ भी हुए,

लक्ष्य से अधिक आहुतियां समर्पित हुई श्रीराम महायज्ञ में–स्कीम 51 में बना नया कीर्तिमान

इंदौर, । स्कीम 51, संगम नगर स्थित मनोकामना पूर्ण दुर्गा माता मंदिर पर गणपति सेवा समिति के तत्वावधान में चल रहे श्रीराम महायज्ञ में मंगलवार को यज्ञाचार्य पं. रामचंद्र शर्मा “वैदिक” के आचार्यत्व में 21 विद्वानों द्वारा यज्ञशाला में स्थापित देवताओं के पूजन, गणेशअंबिका, कलश पूजन एवं राम दरबार के पुष्पार्चन सहित विभिन्न शास्त्रोक्त क्रियाओं के बाद यजमानों की मौजूदगी में पूर्णाहुति का विधान।संपन्न हुआ। महायज्ञ में 1 लाख 65 हजार आहुतियों के लक्ष्य के मुकाबले 2 लाख आहुतियां संपन्न हुई, जो एक कीर्तिमान है।
यज्ञ समिति के संयोजक पं. योगेन्द्र महंत एवं उद्योगपति योगेश मेहता ने बताया कि मंगलवार को यज्ञशाला में षोडष मात्रिका पूजन, सप्तघृत मांत्रिका वास्तु मंडल, चौसठ योगिनी, क्षेत्रपाल, सर्वतोभद्र मंडल पूजन के पश्चात कुंडस्थ अग्नि देवताका पूजन करने के साथ ही नवग्रह मंडल पूजन एवं असंख्यात रूद्रों के पूजन के साथ पूर्णाहुति का वैदिक विधान प्रारंभ किया। 1 लाख 71 हजार आहुतियों के बाद सोमवार को 30 हजार और आहुतियां समर्पित कर इस महायज्ञ में आहुतियों की संख्या 2 लाख 1 हजार पहुंच गई। जैसे ही पूर्णाहुति संपन्न हुई, विश्व ब्राह्मण समाज की संयोजक श्रीमती सावित्री महंत, अनंत महंत, अजय अनावी मुंबई, गौरव राजेन्द्र रसम बैंगलुरू, अभिभाषक अखिलेश बैरागी, ब्रजेश त्रिपाठी , पुजार्री दिनेश दास सहित अनेक श्रद्धालुओं ने भी अपनी भागीदारी दर्ज कराई। इस अवसर पर यज्ञशाला एवं कुंड मंडपाचार्य पं. नंदकिशोर शास्त्री का भी सम्मान किया। आभार माना पं. सोमेंद्र शर्मा ने ।
पूर्णाहुति के पश्चात यज्ञाचार्य पं.रामचंद्र शर्मा “वैदिक” का यज्ञशाला में सम्मान किया गया। इस समूचे अनुष्ठान में सात हजार पांच सौ हनुमान चालीसा एवं राम रक्षा स्त्रोत, गणपति अथर्वशीर्ष, श्रीसूक्त, विष्णुसूक्त, नारायण कवच आदि के पाठ भी संपादित किए गए। मंगल गान के पश्चात महायज्ञ की पूर्णाहुति संपन्न हुई। श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप की।

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