देश के सभी क्षत्रिय संगठनों को जोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर बनेगा राजपूत महासंघ
अ.भा. क्षत्रिय महासभा के पूर्णिया में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में पारित हुआ प्रस्ताव

देश के सभी क्षत्रिय संगठनों को जोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर बनेगा राजपूत महासंघ
अ.भा. क्षत्रिय महासभा के पूर्णिया में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में पारित हुआ प्रस्ताव
इंदौर । अ.भा. क्षत्रिय महासभा के पूर्णिया (बिहार) में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के सभी क्षत्रिय संगठनों को जोड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर राजपूत महासंघ का गठन करने और देश में राजपूत कल्याण बोर्ड का गठन करने जैसे प्रस्ताव सर्वानुमति से मंजूर किए गए हैं। एक अन्य प्रस्ताव में राजपूतों के इतिहास को विकृत करने वालों को दंडनीय अपराध की तरह दंडित करने और इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग भी की गई है।
सम्मेलन से लौटकर आए अ.भा. क्षत्रीय महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ठा. विजयसिंह परिहार ने बताया कि महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक अ.भा. क्षत्रीय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठा. महेन्द्रसिंह तंवर की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें पूर्व सांसद आनंद मोहन, लवली आनंद, राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष डिम्पल राणा, म.प्र. के प्रदेशाध्यक्ष रामवीरसिंह सिकरवार, दिल्ली के प्रदेशाध्यक्ष ध्यानपालसिंह जादौन सहित राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं झारखंड के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, जिन्होंने कला भवन पूर्णिया में संपन्न हुई बैठक में विभिन्न प्रस्ताव सर्वानुमति से पारित किए। इनमें सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव राजपूत महासंघ के गठन करने का है। इसके अलावा राजपूत इतिहास को पाठ्य पुस्तकों में विकृत करने को दंडनीय घोषित कर ऐसी प्रवृत्ति पर तत्काल रोक लगाने की मांग भी की गई। झारखंड के करणी सेना के अध्यक्ष विनयसिंह की हत्या की सीबीआई से जांच कराने, केन्द्र सरकार के स्तर पर राजपूत कल्याण बोर्ड का गठन करने तथा केन्द्र एवं राज्य सरकारों में क्षत्रीय समाजों को सम्मानजनक भागीदारी देने जैसे प्रस्ताव भी पारित किए गए। दो दिवसीय इस सम्मेलन का शुभारंभ पूर्णिया में अश्वारोही घुड़सवारों और देशभर से आए क्षत्रीय समाज के पदाधिकारियों की शोभायात्रा के साथ हुआ। इसमें इंदौर के समाजसेवी ठा. विजयसिंह परिहार भी शामिल हुए और उन्होंने भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में महत्वपूर्ण सुझाव रखे।