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पश्चिमी बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हुए देश भर में सैकड़ों स्थानों पर विहिप ने किया विरोध प्रदर्शन

विश्व हिंदू परिषद

पश्चिमी बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हुए देश भर में सैकड़ों स्थानों पर विहिप ने किया विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद ने  दिल्ली के नांगलोई जिला में जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदया को ज्ञापन सौंपा, जिसमें पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और उनके उत्पीड़न की घटनाओं के कारण राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की गई। विहिप अंतरराष्ट्रीय महामंत्री  बजरंग बांगड़ा  ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर कहा कि बंगाल, जो कभी स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविंद की भूमि रही है, वहां आज हिंदुओं की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। उन्होंने बंगाल के इतिहास की ओर इशारा करते हुए कहा कि अंग्रेजों ने 1905 में बंगाल को बांटने की योजना बनाई थी, जिसे उस समय सभी ने मिलकर विफल किया था। दुर्भाग्य से 1947 में देश की आजादी के समय विभाजन हुआ और उस समय दंगे, हत्याएं, बलात्कार जैसी घटनाएं घटित हुईं।

बजरंग बांगड़ा  ने कहा कि हिंदू समाज ने विभाजन को धर्म के आधार पर स्वीकार किया, जिसके चलते मुसलमानों को अपना अलग देश मिला। लेकिन विभाजन के बाद भी हिंदू समाज ने अल्पसंख्यकों के प्रति कभी भी घृणा नहीं रखी और उन्हें शांतिपूर्ण जीवन यापन का अधिकार दिया। इसके विपरीत, जहां भी हिंदू समाज अल्पसंख्यक है, चाहे वह पश्चिम बंगाल हो, उत्तर प्रदेश हो, किशनगंज हो, या बांग्लादेश हो, वहां उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ, तो बाबा साहेब अंबेडकर की बात के अनुसार मुसलमानों को अपने मुस्लिम राष्ट्र चले जाना चाहिए था।

बजरंग बांगड़ा ने आगे कहा कि बंगाल में जो भी हो रहा है, वह सिर्फ वक्फ का बहाना है। यह कानून मुसलमानों की सामाजिक कल्याण के प्रबंधन का है, लेकिन इसका उपयोग हिंदुओं पर अत्याचार करने के लिए किया जा रहा है। बंगाल में घर जलाए गए, दुकाने लूटी गईं, मवेशी छीन लिए गए, और बहु-बेटियों की इज्जत को खतरे में डाला गया है। राज्य सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है, और इसके किसी मंत्री या मुख्यमंत्री ने अब तक पीड़ित परिवारों से मुलाकात नहीं की है। वहां के पीड़ित परिवारों को अपनी जान बचाने के लिए पलायन करना पड़ा है।

आरोप लगाया कि राज्य सरकार के संरक्षण में यह प्रायोजित हिंसा हो रही है। जब मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग वहां पहुंचा, तो उनकी एंट्री बंद कर दी गई और पुलिस के घेरे में हिंदुओं को नजरबंद किया गया ताकि वे आयोगों के सामने अपनी बात न रख सकें। बजरंग बांगड़ा जी ने कहा कि हिंदू समाज को सुरक्षित रखने के लिए राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र उपाय है, क्योंकि राज्य सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण कानून व्यवस्था बनाए रखने में असमर्थ है।

*शिमला:*

हिमाचल की राजधानी शिमला में विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन के नेतृत्व में राज्य के राज्यपाल जी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा।

*मथुरा (UP):*

यूपी में भगवान् श्री कृष्ण जी की जन्मस्थली मथुरा में हुए प्रदर्शन में विहिप के केंद्रीय सह संगठन महा मंत्री श्री विनायक राव देशपांडे ने प्रदर्शकारियों का नेतृत्व करते हुए जिलाधीश के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया गया।

*नोएडा:*

पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध विश्व हिन्दू परिषद-बजरंग दल नोएडा महानगर ने राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल के मार्गदर्शन में नोएडा के सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा. विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने मांग की कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पश्चिम बंगाल की वर्तमान भयावह स्थिति का शीघ्र संज्ञान लेते हुए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करनी चाहिए क्योंकि वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर मूकदर्शक बनी हुई हैं, संवैधानिक पद पर रहते हुए एक पक्ष की सहायक बनी हुई हैं और तुष्टीकरण की राजनीति कर रही हैं जिसके कारण राज्य के लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पूर्णतया खराब हो चुकी है.

इस विरोध प्रदर्शन में सेंकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने एक आवाज़ में जय श्री राम के जय घोष के साथ पश्चिम बंगाल सरकार के विरुद्ध निम्न नारे लगा कर अपना रोष प्रकट किया,

“हिंदुओं की ये हुंकार _

नहीं सहेंगे अत्याचार”

“हिंदू विरोधी ममता सरकार_ नहीं चलेगी नहीं चलेगी”

“बंद करो बंद करो_

हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो।”

“ममता बनर्जी होश में आओ_ हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो।”

“हिंदुओं का यह अपमान-

नहीं सहेगा हिंदुस्तान।”

विश्व हिंदू परिषद ने देश भर में सैकड़ों स्थानों पर प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों को राष्ट्रपति महोदया तक पहुंचाने का प्रयास किया है। विहिप का मानना है कि हिंदुओं के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए और कानून व्यवस्था को बहाल किया जाए।

ज्ञापन में कहा गया कि ..

1. ममता सरकार भारत के संघीय ढांचे को बंगाल में ध्वस्त कर अपनी सरकार और वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती हैं।

2. बंगाल में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आ चुकी है। बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को निर्वाध रूप से आने दिया जा रहा है। उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। पाकिस्तान व बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की सक्रियता बढ़ रही है।

3. हिंदुओं के प्रति हिंसा बढ़ रही है और न्यायालय के आदेश पर ही हिंदू त्योहारों को मनाने की अनुमति मिल पाती है। उनको सुरक्षा देने वाले अर्ध सैनिक वालों को निशाना बनाया जाता है।

4. हिंदू का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। तृणमूल के असामाजिक तत्वों व गुंडो के नियंत्रण व निर्देशन पर ही शासन काम करने के लिए विवश है।

आज यह हिंसा मुर्शिदाबाद से निकलकर संपूर्ण बंगाल में फैलती जा रही है। अब यह बंगाल तक ही सीमित नहीं रहेगी। इसलिए देश की जनता यह मांग करती है कि;

1. बंगाल में अबिलंब राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।

2. बंगाल की हिंसा की जांच NIA के द्वारा कराई जाए और दोषियों को अबिलंब दंडित किया जाए।

3. बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथ में दिया जाए।

4. बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको देश से निष्कासित किया जाए तथा बंगाल से सटी बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर कंटीले तार लगाने का काम अबिलंब प्रारंभ किया जाए, जिसे, ममता सरकार ने रोका हुआ है।

ज्ञापन में विश्वास व्यक्त किया गया है कि राष्ट्र की सार्वभौमिकता व सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए आप अबिलंब कार्रवाई करेंगी।

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