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मतदाता ने दी कमल खिलाने की गारंटी- निर्मल सिरोहिया


मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए संपन्न हुआ मतदान राजनीतिक दलों और राजनीति के जानकारों को चौंका गया। तमाम सर्वे और अनुमानों के विपरीत लोगों ने जिस उत्साह और उमंग के साथ मतदान किया, वह लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है। प्रदेश की जनता ने अपना निर्णय मस्तिष्क से ऊंगली के माध्यम से वोटिंग मशीन का बटन दबाकर सुरक्षित कर दिया, जो 3 दिसंबर को परिणाम के रूप में ज्ञात हो सकेगा। लेकिन इतना तय है कि मतदाताओं ने एक बार फिर तमाम कयासों को दरकिनार कर नाराजगी के बावजूद भारतीय जनता पार्टी की सरकार के लिए सकारात्मक रुख अपनाते हुए मतदान किया है। ऐसा नहीं है कि प्रदेश की जनता किसी बहकावे या प्रलोभन में आ गई। सच तो यह है कि एक तो बेहतर विकल्प का अभाव और दूसरा उसकी सोच का व्यापक दायरा, जो प्रदेश ही नहीं देश की चिंता करता है। वह देश-दुनिया में भारत की तस्वीर को चमकते-दमकते देखना चाहता है और हर हाल में देश के वर्तमान नेतृत्व को कमजोर नहीं करना चाहता। ऐसी सोच वाले मतदताओं की संख्या अच्छी खासी है। इस चुनाव में महिलाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रहेगी, जिन्होंने प्रदेश और देश की सरकार का आकलन बहुत बारीकी से किया है। महिला सुरक्षा, लाड़ली बहना, गैस सिलेंडर, आवास, शौचालय और स्वावलंबन जैसी योजनाओं ने महिला मतदाताओं की इच्छा शक्ति को और भी बढ़ाया है। फिर युवाओं की संख्या भी कम नहीं है, जो देश दुनिया में शहर के साथ प्रदेश और देश की बढ़ती गरिमा को लेकर अनभिज्ञ नहीं है, बल्कि उसने साधन-सुविधाओं के साथ हो रहे विकास को आधार बनाते हुए अपना अंतिम निर्णय वोटिंग मशीन में सुरक्षित किया। बुजुर्गों ने भी अपने अनुभवों के साथ भूतकाल और वर्तमान की परिस्थितियों और भविष्य की चूनौतियों को ध्यान में रखकर मतदान किया। व्यवसाय जगत और कर्मचारी वर्ग भी लोकतंत्र के इस महायज्ञ का भागीदार बनते समय काफी सतर्क नजर आया। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस बार कांग्रेस प्रत्याशियों ने पूरी दमदारी से चुनाव लड़ा, लेकिन वे अपनी जीत को लेकर उतने आश्वस्त नहीं है, जितने भाजपाई। दरअसल, लगातार भाजपा को कोसने के बावजूद मतदाताओं ने अपने आधे-अधूरे मन को मजबूत बनाया और पोलिंग बूथ में जाकर वोटिंग मशीन में एक बटन को दबाकर कमल खिलाने की गारंटी दे दी।
अनुमान है कि भाजपा न सिर्फ 100 सीटों का आंकड़ा पार करेगी, बल्कि करीब 125 से 130 सीट जीतकर प्रदेश में एक बार फिर सत्ता पर काबिज होगी। कुछ दिनों पूर्व तक यह आंकड़ा कांग्रेस के लिए आसान लग रहा था, लेकिन परिस्थितियां यकायक बदली और मतदाताओं ने ठीक उलट अपना निर्णय सुनाते हुए भाजपा की सरकार को जीवन दान दे दिया। ऐसे में यदि एक बार फिर भाजपा जीतती है, तो यह भाजपा संगठन, प्रत्याशी, कार्यकर्ता और पार्टी नेतृत्व के साथ मतदाताओं की भी जीत होगी, जिसने कल से सबक लेकर अपने वर्तमान की बेहतरी की अपेक्षा में भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखकर मतदान किया।

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