
अमेरिका राष्ट्रपति ट्रंप के सामने अमेरिका दौरे के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की बोलती क्यों बंद हैं। क्या आंखों पर काली पट्टी बांध रखी थी जुबान क्यों नहीं चली। मुंह पर चुप्पी की ऊंगलीयां रख ली पहले 104 भारतीयों को हथकड़ी व बेड़ियां बांध कर भेजा गया 112 भारतीयों को फिर तीसरी बर विमान आया इस बार भी हतकडीयां और बेड़ियां बांधकर भेजा गया मोदी जी का मुखौटा लगाकर आंखों पर कली पट्टी बांधकर मुंह पर ऊंगली रखकर किया नाटक का मंचन इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा आम जनता ने भी नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाए।
*इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश राजीव विकास केंद्र के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव के नेतृत्व में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुखौटा लगाकर आंखों पर काली पट्टी बांध कर मुंह पर ऊंगली रखकर चुप रहने का अनोखा नाटक का रूपांतरण किया गया जिसमें बताया गया की 5 फरवरी को पहली बार अमेरिका से 104 भारतीयों को हतकडीयां बेड़ियां में बंधकर भारत भेजा गया उसके बाद देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर गए थे और अमेरिका राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की थी भारतीयों के साथ हुए दुर्व्यवहार अपमान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई चर्चा नहीं की उन्होंने क्या अपनी आंखों पर काली पट्टी बांध राखी थी जुबान तक नहीं खोली मुंह पर ऊंगली रख ली चुप चुपचाप रहे और उसका नतीजा है की ट्रंप प्रशासन नहीं मना और तीसरी बर भी लौटाए गए भारतीयों को हतकडीयां बेड़ियां बंधकर भेजा गया जहां तक सीखों को पगड़ी तक नहीं पहनने दी गई।*
*यादव ने बताया है की इसके विरोध में इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस नीति के विरोध में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेस का एक कार्यकर्ता अनुराग जोशी को पहनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखौटे पर आंखों पर काली पट्टी बांधकर एवं मुंह पर ऊंगली रखकर चुप चाप रहने के नाटक का रूपांतरण किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप क्यों है भाजपा चुप क्यों है भाजपा के मंत्री सरकार प्रवक्ता और नेता चुप क्यों है मोदी को आंखों से कुछ दिख नहीं रहा है धृतराष्ट्र की भूमिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति ट्रंप के सामने खड़े हुए हैं और ना प्रधानमंत्री को आंखों से दिख रहा हैं और ना कानों से सुनाई नहीं दे रहा हैं और मुंह नहीं खुल रहा हैं।*
*यादव ने बताया है कि अमेरिका से पहली खेप में आये भारतीय लोगों को जिस तरह बंदी बनाकर भेजा गया था उम्मीद थी की राष्ट्रपति ट्रंप से हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इस दुर्व्यवहार की नाराज़गी जाहिर करेगें यदि उनकी ट्रंप से दोस्ती है तो दुश्मनों सा बर्ताव क्यों है मोदी के अमेरिका से आने के बाद जो खेप आइ उन्हें भी हतकडीयां बेड़ियां बंधकर भेजा भारत भेजा गया यह कैसी दोस्ती है आदमी को इंसान नहीं समझा जा रहा है यादी रवैया यही है तो जाकर हमें क्या मिला क्या केवल ए 35 हवाई जहाज खरीदने गए थे सम्मान यादी नहीं हो रहा है तो व्यापार कैसे हो सकता है यह तो व्यापार भी नहीं है मजबूरी मोदी जाने यह भी इसका हिस्सा मना जा सकता है इतना तो मोदी ट्रंप से मांगी सकते थे की कम से कम ऐसा दुर्व्यवहार भारतीयों से नहीं करते। भारत देश का सम्मान बनाएं रखते भारतीय नागरिकों को बांधकर भेजेंगे तो दोस्ती और व्यापार कैसे चल सकता हैं भारत सरकार एवं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को साबित करना हैं कि वह दोस्ती सम्मान जनक तारिके से ही निभा पाएंगी यदि इसके बाद भी अमेरिकी रुख़ ऐसा ही रहता हैं तो मान लेना चाहिए कि अदानी का मामला निजी नहीं हैं और देश उसकी कीमत चुका रहा हैं।*
*कार्यक्रम में मुख्य रूप से नितिश भरद्वाज रविकांत सैनी पीके उपाध्याय मुकेश यादव आफताब खान हेमंत आहुजा विभाष शर्मा शेख सलीम यशपाल गेहलोत चंदन सोनकिया राजा ख़ान कालु रत्नाकर पुनित कपुर दानिश खान मीठा पचोरी कमलेश पाठक सफदर नकवी फरीद खान लक्ष्मी नारायण परिहार उपस्थित थे।