इंदौर
मनाली मोहिते को मिला कथक नृत्य अलंकार
कथक में आज भी गुरु शिष्य परंपरा बरकरार है गुरु से तालीम में भविष्य सुनहरा होता है

मनाली मोहिते को मिला कथक नृत्य अलंकार
मनाली 5 वर्ष की उम्र से कथक नृत्य सिख रही हैं उनकी शुरुवाती तालीम इंदौर में रंजना ठाकुर से ली फिर मुंबई ठाणे में मंजरी देव से कथक सिखा, डिग्री ली , ठाणे में सरगम क्लास चलाती है, और *अब कथक नृत्य अलंकार मिला* , अभी ओर भी सीखना है कथक से नई जिंदगी मिली, शादी के बाद नई जिम्मेदारी चुनौतियां सामने थी पर पति और सुसराल का साथ मिला.
कथक में आज भी गुरु शिष्य परंपरा बरकरार है गुरु से तालीम में भविष्य सुनहरा होता है