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पद्मश्री स्व. शालिनी ताई मोघे (बड़े ताई) की 12वीं पुण्यतिथि पर बाल निकेतन संघ परिवार द्वारा व्याख्यान का आयोजन

इंदौर  शहर में शिक्षा के माध्यम से समाजसेवा की अलख जगाने वाली पद्मश्री स्व. शालिनी ताई मोघे (बड़े ताई) की 12वीं पुण्यतिथि पर बाल निकेतन संघ परिवार द्वारा व्याख्यान का आयोजन किया गया। पागनिसपागा स्थित बाल निकेतन संघ में आयोजित इस व्याख्यान में मुख्यवक्ता के रूप में बाल निकेतन के पूर्व छात्र और शिवगंगा प्रोजेक्ट में महेश जी के साथी श्रीनिवास कुटुंबले शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी शामिल हुए मुख्यवक्ता द्वारा पौधारोपण किया।  कार्यक्रम की शुरुआत सर्वधर्म प्रार्थना से हुई जहाँ विद्यालय के छात्र छात्राओं ने सुमधुर गीत एवं भजन की प्रस्तुति दी, इस सर्वधर्म प्रार्थना की शुरुआत कई सालों पहले ताई द्वारा भाईचारा और सौहाद्र स्थापित करने के लिए की गई थी। कार्यक्रम की सूत्रधार व संचालिका बाल निकेतन संघ की सचिव डॉ. नीलिमा अदमने ने मौजूद लोगों का स्वागत कर कार्यक्रम की भूमिका बाँधी।

बाल निकेतन संघ की सचिव डॉ. नीलिमा अदमने ने कहा कि -“शालिनी ताई का झाबुआ और उसके आसपास के ग्रामीण अंचल से गहरा संबंध रहा है, वहां प्रशासनिक अधिकारी रहते हुए ताई के पति श्री दादा साहब मोघे और ताई ने सामाजिक उत्थान के लिए अथक प्रयास किए, उन्होंने इस भ्रान्ति को हमेशा के लिए खत्म कर दिया कि ऐसे बीहड़ इलाके से गुजरना या यहाँ रहना खतरनाक है।

अपने व्याख्यान में श्री कुटुंबले ने पद्मश्री महेश जी और उनके द्वारा झाबुआ और उसके आस पास के क्षेत्र में किए गए भगीरथ प्रयासों के बारे में बताया कि किस प्रकार से श्री महेश शर्मा ने पिछड़े आदिवासियों के उत्थान के लिए विशेष योगदान किया है।

श्री महेश जी के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए श्री कुटुंबले ने कहा – झाबुआ के ग्रामीण अंचलों में एक परम्परा थी कि जिस भी व्यक्ति को जरूरत होती थी वह मदद का अनुरोध करता था जिसे ‘हलमा’ कहा जाता था, महेश जी ने लोगों को इक्कठा किया और कहा ‘धरती ने हलमा बुलाया है’, पहले स्थानीय लोगों के साथ मिलकर उनकी परेशानियों को चिन्हित किया और उनमे से 5 को प्राथमिकता में रखा, जिसमें से एक गंभीर मुद्दा जल भी था। लोगों ने जुटकर मेहनत की और आज झाबुआ के किसी भी अंचल में पानी की समस्या लगभग शून्य हो गई। गंगा को पृथ्वी पर लाने के राजा भागीरथ के प्रयास की तरह – झाबुआ की धरती माता की प्यास बुझाने के लिए एक स्वैच्छिक गैर-लाभकारी संगठन ‘शिवगंगा’ की शुरुआत हुई।”

पद्मश्री स्व. शालिनी ताई मोघे (बड़े ताई) की 12वीं पुण्यतिथि पर संस्था की श्रीमति मीना फडके द्वारा  ऐसे होनहार विद्यार्थी को स्कॉलरशिप से सम्मानित करने की घोषणा की जो पढाई के साथ साथ विद्यालय की अन्य सभी गतिविधियों में अग्रणी रहा हो, इसी कड़ी में कक्षा 7 के छात्र गौतम सिंह गहलोत को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया, इस समारोह में छात्र के माता पिता को भी सम्मानित किया गया।

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