धर्म-ज्योतिष

भागवत ऐसा महासागर, जिसमें जितना गहरा उतरेंगे, जीवन को संवारने के उतने मूल्यवान मोती निकलेंगे- पं. तिवारी

अखंड परमधाम आश्रम पर चल रहे भागवत ज्ञान यज्ञ में आज धूमधाम से मनेगा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

भागवत ऐसा महासागर, जिसमें जितना गहरा उतरेंगे, जीवन को संवारने के उतने मूल्यवान मोती निकलेंगे- पं. तिवारी
अखंड परमधाम आश्रम पर चल रहे भागवत ज्ञान यज्ञ में आज धूमधाम से मनेगा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव
इंदौर। श्रीमद् भागवत केवल भारत ही नहीं, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा ,मार्गदर्शन एवं समाज में नैतिक मूल्यों की स्थापना का आदर्श ग्रंथ बना हुआ है। स्वयं भगवान के श्रीमुख से सृजित हुए इस ग्रंथ में जीवन को संवारने और संशयों से मुक्ति दिलाने के अनेक मंत्र भरे हुए हैं। यह वह महासागर है, जिसमें जितना गहरा उतरेंगे, जीवन को संवारने के लिए उतने अधिक मोती मिलेंगे। यह मोती हमारे जीवन में कदम-कदम पर हमारे मंगल का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
       प्रख्यात भागवत मनीषी पं. पुष्पानंदन पवन तिवारी ने खंडवा रोड स्थित अखंड परमधाम आश्रम पर चल रहे भागवत ज्ञान यज्ञ के विभिन्न प्रसंगों की व्याख्या के दौरान उक्त प्रेरक विचार व्यक्त किए। कथा शुभारंभ के पूर्व साध्वी चैतन्य सिंधु के सानिध्य में  रामबाबू-लक्ष्मी देवी अग्रवाल, राजेश-रितु अग्रवाल, श्यामलाल मक्कड़, किशनलाल पाहवा, विजय गोयनका, विष्णु कटारिया, रामस्वरूप मंत्री ने व्यासपीठ का पूजन किया। संयोजक राजेश रामबाबू अग्रवाल ने बताया कि  कथा में शिव-पार्वती विवाह महोत्सव एवं श्री वामन अवतार लीला प्रसंग भी मनाए गए। सोमवार 10 फरवरी को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। कथा 13 फरवरी तक प्रतिदिन दोपहर 3 से सांय 6.30 बजे तक होगी।
        विद्वान वक्ता ने वामन अवतार लीला प्रसंग की व्याख्या के दौरान कहा कि विश्व में ईश्वर का ऐश्वर्य ही  सर्वोपरि है। भगवान के शब्दकोश में दुख नाम का कोई शब्द है ही नहीं। सुख और दुख हमारे कर्मो की उपज है। हम जैसे कर्म करेंगे, फल भी वैसे ही मिलेंगे। भगवान किसी का अहित या बुरा नहीं करते । अपने कर्मों को हम जितना श्रेष्ठ और संस्कार युक्त  बनाएंगे, मानव जीवन की धन्यता भी उतनी ही बढ़ती जाएगी।
Show More

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!