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एक दिन का कायाकल्प अभियान… चार दिन की चाँदनी फिर अंधेरी रात दिखावे की कायाकल्प अभियान दूसरी वही जाजम पर अस्पताल

परिसर में साफ-सफाई, प्रसूति वार्ड में रिकॉर्ड मेंटेंन नहीं मिला, सुधार के दिए निर्देश। रंगरोगन से नहीं छुपी खामियां, स्टेट टीम ने निरीक्षण कर उठा दिए सवाल।

आशीष यादव धार

जहां एक और सरकार द्वारा लाखों करोड़ों रुपए का शासकीय अस्पतालो में लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए फंड दिया जाता है मगर जमीनी स्तर पर जिम्मेदारों की लापरवाही ऐसी होती है के चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात दिखाई देने लगती है। ऐसा ही नजर जिला अस्पताल में कायाकल्प की टीम आने के बाद दूसरे दिन देखने को मिला जहां जिस दिन टीम अस्पताल आने थी उस दिन दुल्हन की तरह सजाया मगर दूसरे दिन स्थिति यह थी के लोगों को बैठने के लिए जगह तक नहीं मिली वही लोग ट्रामा सेंटर के बाहर नीचे चढ़ाव की पेडियो पर बैठकर दिन काट रहे थे।
बता देकि जिला अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं को परखने के लिए कायाकल्प अभियान के तहत टीम ने औचक निरीक्षण किया। तीन डॉक्टरों की टीम यहां पहुंची थी, जिन्होंने करीब दस घंटे तक अस्पताल के प्रत्येक वार्ड में पहुंचकर स्वास्थ्य सुविधाएं देखी। मरीजों से फीडबैक लिया। इस दौरान साफ-सफाई ठीक नहीं होने से नाराजगी जताई, साथ ही सुधार के निर्देश दिए। हालांकि टीम के आने के एक दिन पूर्व अस्पताल प्रबंधन ने सफाई सहित वार्डों में पुराने बिस्तर व पर्दे तक बदल डाले थे, ताकि टीम के आने पर सबकुछ अच्छा दिखाई दें। वहीं स्टाफ भी यूनिफॉर्म में नजर आया। ओपीडी के बाहर गमले लाकर रख दिए थे, लेकिन जब टीम दौरे पर आई तो कमियां सामने आ गई। निरीक्षण के लिए राज्य स्तरीय टीम में डॉ. संदीप शर्मा भोपाल, डॉ. रजत दुबे रतलाम व डॉ. मधु नीमा पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान व्यवस्था सुधारने की नसीहत दी।

चिल्ड्रन वार्ड से शुरुआत:
दस्तावेज चेक किए दोपहर करीब 12 बजे के आसपास टीम पहुंची, जिन्होंने सबसे पहले चिल्ड्रन वार्ड को देखा। यहां ट्रामा सेंटर, एक्सरे विभाग, ऑपरेशन थिएटर, प्रसूती विभाग सहित अन्य वार्ड का दौरा कर दस्तावेज चेक किए। टीम ने चिल्ड्रन वार्ड में डॉक्टरों व नर्स से सवाल जवाब किए, जिनके जबाव डॉक्टरों ने सही दिए। यहां वार्ड के अंदर ओआरएस की किट रखी थी। जिसे देख कर टीम ने कहा, इसका स्टैंड सही होना चाहिए। वहीं हाइजीन का भी ध्यान रखें। सिलेंडर के फ्लो मीटर का ध्यान रखने के लिए कहा गया। वहीं वार्ड में भर्ती बच्चों की माताओं से चर्चा की। इसमें अस्पताल में दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। महिला रमा मालवी से पूछा डॉक्टर वार्ड में समय पर आते है या नहीं। इस पर महिला ने कहा कि डॉक्टर समय पर आते है। इसके बाद सफई कर्मी को बुलाया और पोछा लगाने की जानकारी ली। इसमें सफाई कर्मी से पूछा गंदा पानी कहा फेंकते हैं, इसका जवाब सफाईकर्मी नहीं दे पाई।

ट्रामा सेंटर की व्यवस्था बेहाल
डॉक्टरों की टीम निरीक्षण करते हुए ट्रामा सेंटर पहुंची, जहां ओपीडी में डाक्टरों से चर्चा की। टीम जब जनरल ओपीडी पहुंची और पूछा कि ब्लड प्रेशर व अन्य मशीन कहां हैं। इस पर मौजूद डॉक्टर द्वारा कहा गया कि मशीने एनसीडी में हैं। व्यवस्थाएं ठीक नहीं होने पर टीम ने कहा यहां तो ओपीडी से बुरे हाल हैं। टीम ने नसीहत दी कि रंग- रोगन करने से कुछ नहीं होगा, व्यवस्थाओं पर ध्यान दीजिए

इन बिंदुओं पर किया निरीक्षण:
बिल्डिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
साफ-सफाई और पेयजल
मेडिकल सुविधाएं
ऑपरेशन थिएटर, जनरल ओपीडी
अग्निशमन यंत्रों की जांच
बायोवेस्ट का निपटान
गार्डन

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