श्रीराम महायज्ञ के लिए अरणि मंथनसे प्रकट हुई अग्नि
प्रभु श्रीराम के जयघोष, शोभायात्रा एवं मंत्रोच्चार के बीच गूंजने लगी स्वाहाकार की मंगल ध्वनि
इंदौर, । स्कीम 51, संगम नगर स्थित मनोकामना पूर्ण दुर्गा माता मंदिर पर अयोध्या में श्री रामलला मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीराम महायज्ञ का शुभारंभ सोमवार को प्रभु श्रीराम के जयघोष, शोभायात्रा एवं मंत्रोच्चार के साथ हुआ। इस अवसर पर शहर के अनेक संत-महंत, विद्वान एवं सामाजिक, धार्मिक संगठनों से जुड़े पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
यज्ञ संयोजक पं. योगेन्द्र महंत एवं उद्योगपति योगेश मेहता ने बताया कि सोमवार को प्रथम सत्र में प्रमुख यजमान राजेश गर्ग केटी ने सपत्निक उपस्थित रहकर विद्वान ब्राम्हणों के निर्देशन में यज्ञ से जुड़ी शास्त्रोक्त क्रियाओं में भाग लिया। यज्ञ में शामिल अन्य यजमानों ने भी प्रायश्चित कर्म, विष्णु पूजन, पंचांग कर्म आदि शास्त्रोक्त विधानों का पालन किया। इन रस्मों के बाद दोपहर में मंदिर परिसर स्थित उद्यान में रामचरित मानस एवं ब्राह्मणों की दिव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में सदगुरू अण्णा महाराज, रणजीत हनुमान मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास, हंसदास मठ के महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास, पं. पवनदास शर्मा, बड़ा रावला के वरदराज मंडलोई, पार्षद पराग कौशल, गोविंदसिंह पंवार, शिव जिंदल, रितिक शुक्ला, सुमित झा, लक्की अवस्थी सहित क्षेत्र के नागरिकों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। आचार्य पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक के सानिध्य एवं आचार्य पं. नंदकिशोर शर्मा के निर्देशन में ध्वजारोहण के बाद जैसे ही ब्राह्मणों द्वारा कलश सहित यज्ञशाला में प्रवेश कर अरणि मंथन के बाद मंत्रोच्चार शुरू हुआ, उपस्थित श्रद्धालुओं ने प्रभु श्रीराम के जयघोष से समूची यज्ञशाला को गुंजायमान बनाए रखा। सीमा सुरक्षा बल के सेवा निवृत्त डीआईजी ए.के. तांबे ने भी यज्ञशाला पहुंचकर परिक्रमा की। सोमवार से यज्ञशाला में स्वाहाकार की मंगल ध्वनि प्रारंभ हो गई है तथा सैकड़ों श्रद्धालु परिक्रमा के लिए आने लगे हैं।
महायज्ञ के आचार्य पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक ने बताया कि यज्ञ का पूर्णाहुति 22 जनवरी को ठीक उस समय होगी, जब अयोध्या में रामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होगी। इस दौरान स्कीम 51, संगम नगर में भी आकर्षक आतिशबाजी एवं आकर्षक दीपोत्सव भी मनाया जाएगा। प्रतिदिन यज्ञ के दौरान राम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा के 108 पाठ, सुंदरकांड पाठ एवं राम नाम के जाप भी असंख्य श्रद्धालु मनोकामनापूर्ण दुर्गा माता मंदिर पर करेंगे। यज्ञ में पुरुष सुक्त की वैदिक ऋचाओं से विद्वान ब्राह्मण एवं यजमान पांच विविध आकृतियों के आकर्षक कुंडों पर आठ दिनों में 1 लाख 60 हजार आहुतियां प्रभु श्रीरामजी को समर्पित करेंगे।