राधा नाम बोलने से घर में वृन्दावन का आभाष होता है
कुशवाह नगर में चित्रकूट के संत रूपकृष्ण शास्त्री की सात दिवसीय भागवत कथा की शुरुआत
राधा नाम बोलने से घर में वृन्दावन का आभाष होता है
कुशवाह नगर में चित्रकूट के संत रूपकृष्ण शास्त्री की सात दिवसीय भागवत कथा की शुरुआत
इंदौर।भगवान को तीन तरह से पाया जा सकता है। भक्ति कर्म, ज्ञान से। भगवान श्री कृष्ण का नाम लेते ही कष्ट नष्ट हो जाते है। एक नाम जय श्री राधे का उच्चारण करने से करोड़ों नाम जप हो जाता है।
यह उदगार चित्रकूट से आए राष्ट्रीय संत रूपकृष्ण शास्त्री ने आज से कुशवाह नगर में आज से शुरू हुई सात दिवसीय भागवत कथा के प्रथम दिन की सभा में व्यक्त किए।
शास्त्री ने कहा कि इसलिए राधे राधे उठते बैठते बोलते रहे तो राधा नाम बोलने मात्र से वृंदावन का आभाष होने लगता है।
काशी प्रयाग गयाजी के स्नान के पुण्य का लाभ भागवत कथा के श्रवण से मिलता है। धन दौलत आप यही छोड़ जाएंगे। जीव का छुटकारा हो जाता है तो मुक्ति केवल प्रभु नाम से ही मिलता है। जैसे दूध में नींबू की एक बूंद से वो फट जाता है वैसे तमाम पाप को एक बूंद पुण्य की सब पाप को फाड़ देती है इस लिए सद्कर्म और भक्ति करना चाहिए।
शास्त्री ने भागवत कथा की महत्ता बताते हुएकहाकि इस कथा कोआयोजित करने का योग सबको नहीं मिलता , जिनके पुण्य एकत्र हो जाते है वे ही भागवत कथा करा पाते है। इस कथा से पुरखों को भी मोक्ष मिल जाता है।
कुशवाह नगर के सेक्टर ए में जितेंद्र यादव दारा आयोजित इस कथा के पूर्व बाणगंगा कुंड से कलश यात्रा भी निकाली गई।