इंदौरदेश-विदेशब्रेकिंग न्यूज़

2030 तक इंदौर की जीडीपी डबल करने के लिए सांसद शंकर लालवानी ने उद्योगपतियों के साथ ब्लूप्रिंट पर चर्चा की, 5 प्रमुख सेक्टर्स से आएगी बड़ी ग्रोथ*

इंदौर की वर्तमान जीडीपी 1.20 लाख करोड़* - - *2030 तक 2.70 लाख करोड़ करने का लक्ष्य

2030 तक इंदौर की जीडीपी डबल करने के लिए सांसद शंकर लालवानी ने उद्योगपतियों के साथ ब्लूप्रिंट पर चर्चा की, 5 प्रमुख सेक्टर्स से आएगी बड़ी ग्रोथ

– *इंदौर की वर्तमान जीडीपी 1.20 लाख करोड़*
– – *2030 तक 2.70 लाख करोड़ करने का लक्ष्य*
*- इंदौर को शीर्ष शहरों में शामिल करने का लक्ष्य*
– *इंदौर एवं आसपास 2 लाख करोड़ रु के इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य जारी*

इंदौर भारत का सबसे तेजी बढ़ता हुआ शहर है और अब सांसद शंकर लालवानी 2030 तक इंदौर की जीडीपी दोगुना करने की महत्वकांक्षी योजना पर काम कर रहे हैं।

इस विषय पर सांसद लालवानी ने उद्योगपतियों के साथ एक ब्लूप्रिंट पर चर्चा की। सांसद सेवा संकल्प के अंतर्गत आयोजित इस बैठक में आईटी, फार्मा, टेक्सटाइल, फ़ूड प्रोसेसिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर्स को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर चर्चा की गई।

ये बैठक आमतौर पर होने वाली बैठकों से अलग थी जहां इंडस्ट्री से सिर्फ सुझाव लेने के बजाय सांसद शंकर लालवानी की टीम ने पिछले 4 महीनों की मेहनत के बाद एक ब्लूप्रिंट इंडस्ट्री के साथ साझा किया। इस ब्लूप्रिंट पर विभिन्न उद्योगों से जुड़े लोगों ने अपनी राय रखी।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए सांसद शंकर लालवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि ‘मोदी जी के नेतृत्व में भारत की आकांक्षाएं आसमान छूने के लिए तैयार है और देश तेज़ी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। साथ ही, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। देश और प्रदेश की तरक्की में इंदौर भी अपना योगदान देने के लिए तैयार है।

सांसद लालवानी ने उद्योगपतियों के साथ ब्लूप्रिंट साझा करते हुए कहा कि इंदौर के पास विकास का अभूतपूर्व अवसर है और केंद्र, राज्य और एमपीआईडीसी समेत सभी स्टेकहोल्डर्स मिलकर काम करेंगे।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए एमपीआईडीसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेश राठौर ने सांसद लालवानी के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि सभी स्टेकहोल्डर्स एक मंच पर आए हैं और इंदौर तरक्की की उड़ान के लिए तैयार है।

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जयंतीलाल भंडारी ने तैयार किए गए ब्लूप्रिंट के बारे विस्तार से बताया और कहा कि इंदौर उम्मीदों का शहर है और जीडीपी दोगुनी करने की पूरी संभावनाएं है।

सांसद सेवा संकल्प से सावन लड्ढा ने पिछले 5 सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी के बारे में बताते हुए कहा कि सांसद लालवानी के नेतृत्व में इंदौर में जबरदस्त काम हुए हैं।

सिद्धांत नाहटा ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से ग्रोथ के लिए चुने गए 5 सेक्टर्स और जीडीपी डबल करने के लिए आवश्यक प्लान पर चर्चा की।

*आने वाले वक्त में हर सेक्टर की अलग बैठक होगी और एक कमेटी भी बनाई जाएगी। साथ ही, रियल एस्टेट, लॉजिस्टिक्स, एजुकेशन समेत कई अन्य सेक्टर्स से जुड़े लोगों की भी बैठक होगी।*

सांसद सेवा संकल्प की ओर से तैयार किए गए ग्रोथ डॉक्यूमेंट में प्रेस्टीज इंस्टीटूट के एमबीए फैकल्टी डॉ दीपक जारोलिया, चिन्मय मांजरेकर, पब्लिक पॉलिसी कंसल्टेंट अनुराग सिंह सिकरवार, विशाल गिडवानी और आलोक वाणी की प्रमुख भूमिका रही है।

कार्यक्रम में आईटी, फार्मा, फ़ूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल समेत कई इंडस्ट्रीज के प्रमुख बिजनेसमैन उपस्थित थे।

उपस्थित बिजनेस मैन –

– धर्मेंद्र जैन, यश टेक्नोलॉजी
– निलेश माहेश्वरी
– अमिताभ तिवारी, टीसीएस
– अमित चावला, फार्मा
– अखिलेश राठी
– आर्य, प्रतिभा सिंथेटिक
– गिरीश मतलानी
– समीर पटेल, बालाजी वेफर्स
– जितेंद्र नागड़ा, आयशर वॉल्वो
– सिद्धांत वोहरा
– गौतम कोठारी

प्राप्त प्रमुख सुझाव –

– आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हर बिजनेस की बैकबोन होगी, विशेष ध्यान देने की आवश्यकता
– ज़मीनें सस्ती हो
– जीएसटी में छूट मिले
– शिक्षा और प्रौद्योगिकी का
– शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी के बीच संबंध पर चर्चा की गई।
– शैक्षणिक संस्थानों और आईटी उद्योग के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया गया।

– बच्चों की शिक्षा में प्रौद्योगिकी के सकारात्मक योगदान पर प्रकाश डाला गया
– जीसीसी नीति अभी तक नहीं बनी है, पर इंदौर मार्केटिंग के लिए बजट का 2% आवंटित करने का सुझाव दिया गया है।
– आईटी कॉरिडोर और रेडीमेड परिधान परियोजना
– आईटी कॉरिडोर विकास से रोजगार सृजन और कर्मचारी आवागमन में सुगमता।

– रेडीमेड परिधान उद्योग के लिए 50 सीटर प्लॉट पर परिसर विकास का प्रस्ताव।
– 2030 तक लगभग 1,00,000 रोजगार के अवसरों का लक्ष्य
– भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग का भविष्य
– आने वाले समय में मौजूदा पेटेंट समाप्त होने से भारत के लिए जेनेरिक दवाओं के निर्माण का बड़ा अवसर है।
– अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जेनेरिक दवाओं की भरमार है।
– गैर-टैरिफ बाधाएँ, जैसे गुणवत्ता संबंधी मुद्दे, एक बड़ी चुनौती हैं जिनसे सरकार को निपटना होगा।
– उद्योग के विकास हेतु सुझाव
– उद्योग को अगले स्तर तक ले जाने के लिए पूँजीगत सब्सिडी की निरंतरता आवश्यक है.
– पूँजी निवेश पर कम ब्याज दर (5-6%) और कार्यबल विकास पर ज़ोर दिया जाना चाहिए।
– प्रशिक्षण कार्यक्रमों और उचित वेतनमान से उद्योग में कुशल कार्यबल की कमी दूर की जा सकती है।
– अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कंपनी और उत्पाद पंजीकरण
– तीन साल के लिए कंपनी पंजीकरण की सिफारिश की गई है, ताकि आवश्यक अपग्रेड किए जा सकें।
– अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कंपनी और उत्पाद पंजीकरण के लिए उच्च लागत एक चुनौती है।
– सरकार को कंपनी पंजीकरण के लिए तो सहायता प्रदान करती है, लेकिन उत्पाद पंजीकरण के लिए कोई योजना नहीं है, जिसकी आवश्यकता है।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!