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प्रेम और सुरों की एक यादगार शाम: कुहू कुहू बोले कोयलिया

संगीत वह शक्ति है, जो लोगों को जोड़ती है - गोयल

इंदौर, । लाभ मंडपम, रेस कोर्स रोड पर संगीत प्रेमियों के लिए एक यादगार शाम साबित हुई। नाद ब्रह्म म्यूजिकल ग्रुप द्वारा आयोजित “कुहू कुहू बोले कोयलिया” संगीत संध्या ने इंदौरवासियों को नव वर्ष के स्वागत का एक अनूठा उत्सव प्रदान किया।

कार्यक्रम में इंदौर के जाने माने गायक-गायिकाओं ने अपनी सुरीली प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। वर्षा झालानी, डॉ. अमिताभ गोयल, डॉ. संजय भटनागर, डॉ. संजय जैन, डॉ. मिताली श्रीमाल, आशा निरसंगध, चार्टर्ड एकाउंटेंट पंकज सेठी, मयंक खंडेलवाल, जौहरी आशुतोष कड़ेल और नरेश शुक्ला जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों ने अपनी गायकी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम में प्रस्तुतियों की शुरुआत “सत्यम शिवम् सुंदरम” से हुई, जिसने आध्यात्मिक ऊर्जा से माहौल को संजोया। इसके बाद “चौहदवी का चांद हो”, “आशुतोष मैडले”, “ऋषि कपूर मैडले”, “मेरे ढोलना”, “सलाम तेरी पहली नज़र”, “जाने जां”, “चांद सी मेहबूबा हो”, “कब आओगे, कब आओगे”, “आजा आजा मैं हूं प्यार तेरा”, “कृष्णा”, “मेरे मितवा मेरे मीत रे”, “इतना तो याद है मुझे”, “हर दिल जो प्यार करेगा”, “सबसे बड़ा तेरा नाम रे”, “है अगर दुश्मन ज़माना”, “कुहू कुहू बोले कोयलिया”, “क्या मौसम है”, “फूल तुम्हें भेजा है खत में”, “चांदनी रात में एक बार तुझे देखा है”, “अमिताभ मैडले”, “आंखों में काजल है”, “झुमरु”, “चुरा लिया है तुमने जो दिल को”, और “मेरे नैना सावन भादो” जैसे गीतों ने दर्शकों को सुरों की एक नई दुनिया में ले जाने का काम किया

संगीत संयोजन में दीपेश जैन और उनकी टीम ने अपनी उत्कृष्टता का परिचय दिया। कार्यक्रम की संयोजिका और मेजबान ममता मेहता ने पूरे आयोजन को गरिमा प्रदान की।

संयोजिका ममता मेहता ने कहा, “संगीत आत्मा की भाषा है, और इस कार्यक्रम के माध्यम से हमने सभी के दिलों तक पहुंचने की कोशिश की। इस ठंडी शाम को संगीत की गर्माहट और प्रेम के सुरों ने वाकई स्पेशल बना दिया। हर प्रदर्शन के पीछे हमारी पूरी टीम की मेहनत है। इस आयोजन ने साबित किया कि सही संगीत से लोगों के दिलों में जगह बनाई जा सकती है।”

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