इंदौरधर्म-ज्योतिष

आओ सहेजें सनातन संस्कृति…’  के अनुरूप अग्रवाल समाज फाउंडेशन द्वारा पहली बार अनूठी पहल-विदेशी संतों ने भी दर्ज कराई मौजूदगी

प्रयागराज महाकुंभ मेले में जा रहे संत-विद्वानों, महामंडलेश्वरों और वेदपाठी बटुकों के सम्मान से समृद्ध होगी सनातन संस्कृति

इंदौर, । सनातन संस्कृति के सर्वोच्च और सर्वश्रेष्ठ आयोजन महाकुंभ मेले को लेकर शहर के न केवल धर्मस्थलों, बल्कि अनेक सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों में भी व्यापक उत्साह और जोश देखने को मिल रहा है। अग्रवाल समाज इंदौर फाउंडेशन की मेजबानी में बुधवार रात विमानतल मार्ग श्री श्रीविद्याधाम पर शहर के उन सभी प्रमुख संत-विद्वानों, मठाधीशों, आचार्य, महामंडलेश्वरों एवं प्रमुख मंदिरों के पुजारियों से लेकर संस्कृत पाठशालाओं के वेदपाठी बटुकों का भी सम्मान किया गया, जो प्रयागराज में त्रिवेणी तट पर 11 जनवरी से 144 वर्षों बाद आयोजित हो रहे महाकुंभ में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। पहली बार समाज स्तर पर आयोजित इस सम्मान समारोह में शामिल हुए सभी विद्वानों एवं महामंडलेश्वरों ने एक स्वर में कहा कि हमारी नई पौध के गौरवशाली भारतीय सनातन संस्कृति से अवगत कराने का यह अनुष्ठान हमारी अनेक पीढ़ियों को नैतिक रूप से समृद्ध और सुदृढ़ भी बनाएगा।
     अग्रवाल समाज इंदौर फाउंडेशन की मेजबानी में पहली बार मालवांचल के उन सभी संत-विद्वानों को आमंत्रित किया गया था, जो प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचकर हमारी संस्कृति और पंरपराओं के अनुरूप समातन और शाश्वत संस्कृति की मजबूती के लिए बीजारोपण करेंगे। बुधवार को श्री श्रीविद्याधाम पर सिद्ध आश्रम उज्जैन से आए महामंडलेश्वर स्वामी नारदानंद महाराज, स्वामी प्रणवानंद  और उनके साथ अमेरिका, ब्राजील एवं बेल्जियम से आए विदेशी संतों ने भी इस आयोजन में शामिल होकर हमारी संस्कृति के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था का प्रमाण तो दिया ही, उनके शब्दों में दुनिया में भारत जैसी महान और सबको साथ लेकर चलने वाली संस्कृति कहीं और नहीं है। प्रयागराज में जो मेला महाकुंभ के रूप में 11 जनवरी से प्रारंभ हो रहा है, वह 144 वर्षों के बाद भर रहा है। इस दृष्टि से वर्तमान जितनी भी पीढ़ियां हैं, उनके लिए यह सचमुच ऐतिहासिक प्रसंग ही है। हम सब सौभाग्यशाली हैं कि हमें 144 वर्षों के बाद महाकुंभ में डुबकी लगाकर पुण्यार्जन करने का अवसर मिल रहा है। आज देश पर सबसे बड़ा  संकट सनातन संस्कृति को लेकर ही माना जा रहा है, लेकिन प्रयागराज महाकुंभ जैसे आयोजन जब तक होते रहेंगे,  हमारी आने वाली पीढ़ियां भी नैतिक रूप से समृद्ध बनेगी ही। 
       प्रारंभ में अग्रवाल समाज इंदौर फाउंडेशन की ओर से किशोर गोयल, संजय बांकड़ा, सीताराम मित्तल नीमचवाले, हरि अग्रवाल, भावेश दवे, राजेन्द्र समाधान, नितिन एयरपोर्ट एवं अग्रवाल समाज के विभिन्न संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने सभी अतिथि संत-विद्वानों का मंच से गरिमापूर्ण सम्मान किया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी रामगोपालदास महाराज, अखंड धाम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप, हंसदास मठ के महामंडलेश्वर श्रीमहंत रामचरणदास, पं. पवनदास महाराज, छत्रीबाग के महामंडलेश्वर स्वामी राधे राधे बाबा, गजासीन शनि मंदिर के महामंडलेश्वर दादू महाराज, इस्कान इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास प्रभु, म.प्र. ज्योतिष एवं विद्वत परिषद के अध्यक्ष आचार्य पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक, महामंडलेश्वर बालकदास महाराज, सदगुरू श्री अण्णा महाराज, भागवताचार्य पं. पवन तिवारी, रामायणी बाबा, अन्नपूर्णा आश्रम के स्वामी जयेन्द्रानंद गिरि,  स्वामी कृष्णबोधानंद गिरि, आचार्य पं. राजेश शर्मा, पं. श्याम शर्मा, चिन्मय मिशन के स्वामी प्रबुद्धानंद सरस्वती, पं. पवनानंद महाराज,  साध्वी अर्चना दुबे सारंगपुर, ब्रह्मकुमारी हेमलता दीदी, मां आनंदमयी आश्रम के संत पूर्णानंद, कबीरपंथी आश्रम के महंत कबीरदास, खजराना गणेश मंदिर के पं. अशोक भट्ट, रणजीत हनुमान मंदिर के पं. दीपेश व्यास, धरावराधाम के महंत शुकदेवदास सहित बड़ी संख्या में शहर के संत-विद्वान एवं मठ-मंदिरों से जुड़े सेवकों एवं पुजारियों का सम्मान भी किया गया। सदगुरू अण्णा महाराज ने इस आयोजन की खुले मन से सराहना करते हुए फाउंडेशन और अग्रवाल समाज के सेवा प्रकल्पों अनुकरणीय बताया।
            *वेदपाठी बटुकों का भी सम्मान*- शहर की संस्कृत पाठशालाओं में पढ़ रहे उन वेदपाठी बटुकों को भी आयोजन में बुलाकर सम्मानित किया गया, जो  महाकुंभ के दौरान इस कच्ची उम्र में भी हमारी सनातन संस्कृति को समृद्ध बनाने के लिए काम करेंगे।  यह पहला अवसर था जब समाज स्तर पर सनातन संस्कृति की पताका को यशस्वी बनाने वाले इन सभी सेवाभावी विद्वानों को महाकुंभ प्रस्थान के पूर्व सम्मानित किया गया। 
          *पटिट्काओं से दिया संदेश*- इस आयोजन की एक विशेषता यह भी रही कि पहली बार फाउंडेशन की ओर से महाकुंभ मेले में प्रचार-प्रसार के लिए कुछ सामाजिक सरोकार भी तैयार किए गए और उनकी पटिट्काएं लिखकर कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शित भी की गई। इन पट्टिकाओं में मेला स्थल को अपने इंदौर की तरह साफ-सुथरा रखने, पॉलीथीन एवं प्लास्टिक को मेला स्थल से दूर रखने, नित्य भोजन में जूठन नहीं छोड़ने, तरुणाई को संस्कृति से जुड़ने, सनातन संस्कृति को सहेजने से लेकर अनेक संकल्पों का प्रदर्शन भी इस समारोह में किया गया। यह प्रयोग भी अपने आप में अनूठा साबित हुआ।  कार्यक्रम का संचालन संजय बांकड़ा एवं हरि अग्रवाल ने किया। संस्था एवं कार्यक्रम की जानकारी संयोजक किशोर गोयल ने दी।   

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!