मुख्य खबरेसेंधवा

तुलसी-शालिग्राम भगवान के सात फेरे कराए, कन्यादान में आभूषण दिए

-मंदिरों व कई परिवारों में हुए आयोजन।
सेंधवा ।
जिलेभर में देव उठनी ग्यारस पर जहां शादियों की शहनाई गूंजने लगी तो लोगो ने पूजन कर फटाके भी फोड़े। वहीं कुछ परिवारों व मंदिरों में तुलसी विवाह भी किया गया। सेंधवा स्थित अग्रवाल कालोनी निवासी राजेंद्र शर्मा ने अपने घर पर तुलसी विवाह का आयोजन किया। छोटे हवन के साथ बरात निकाली। समधी मिलन कर तुलसी के पौधे के साथ शालिग्राम भगवान से सात फेरे कराए गए। कन्यादान में आभूषण दिए गए। देव उठनी ग्यारस पर तुलसी विवाह की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। बताया जाता है की कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर भगवान विष्णु के शालीग्राम रूप और माता तुलसी का विवाह किया जाता है। तुलसी (पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थी। जिसका नाम वृंदा था। राक्षस कुल में जन्मी यह बच्ची बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थी। जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में ही दानव राज जलंधर से संपन्न हुआ। तभी से ही तुलसी जी कि पूजा होने लगी। कार्तिक मास में तुलसी जी का विवाह शालिग्राम जी के साथ किया जाता है। साथ ही देव-उठावनी एकादशी के दिन इसे तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!