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दुनिया का ऐसा कोई ताला नहीं जो गीता रूपी चाबी से नहीं खुलता हो…

गीता भवन में आज सुबह मोक्षदा एकादशी पर गीता जयंती महोत्सव का मुख्य महापर्व – सामूहिक गीता पाठ होगा

जगदगुरू शंकराचार्य एवं मानस मंदाकिनी भी आज गीता भवन आएंगे

जगदगुरू शंकराचार्य एवं मानस मंदाकिनी भी आज गीता भवन में
आज के कार्यक्रम – गीता जयंती महोत्सव में चौथे दिन 11 दिसम्बर को मोक्षदा एकादशी पर गीता जयंती का मुख्य महापर्व मनाया जाएगा। इसका श्रीगणेश सुबह 6 से 7 बजे तक भगवान श्रीगणेश के सहस्त्रार्चन एवं 7 से 8 बजे तक भगवान शालीग्राम के श्री विग्रह पर विष्णु सहस्त्रनाम से सामूहिक पूजन-अभिषेक, कथा एवं आरती के साथ होगा। इसके पश्चात प्रातः 8 बजे से देशभर से आए संत और भक्त मिलकर गीता के 18 अध्यायों का सामूहिक पाठ करेंगे। देश में गीता भवन ही एकमात्र धर्मस्थल है, जहां पिछले 66 वर्षों से लगातार संत और भक्त एक जाजम पर बैठकर गीताजी का सामूहिक पाठ करते आ रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु गीताभवन आकर दान-पुण्य का भी लाभ उठाते हैं। सुबह गीता पाठ के बाद 10.15 बजे से जोधपुर से आए स्वामी हरिराम शास्त्री रामस्नेही के प्रवचन होंगे। 11 से 1 बजे तक मध्यान्ह विश्राम के बाद दोपहर 1 बजे से पं. प्रहलाद मिश्र गोंडा (उ.प्र.), डॉ. श्रवणमुनि हरिद्वार, साध्वी ब्रह्मज्योति पानीपथ के प्रवचनों के बाद 2.15 से 3 बजे तक गोवर्धननाथ मंदिर इंदौर के गोस्वामी दिव्येश कुमार, 3 बजे से नेमिषारण्य से आए स्वामी पुरुषोत्तमानंद, 3.30 बजे साध्वी परमानंदा सरस्वती और 4 बजे अयोध्या से आई मानस मार्मज्ञ युग तुलसी श्रीराम किंकर की सुशिष्या मानस मंदाकिनीजी एवं सांय 5 बजे से पुरी पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के प्रवचनों के बाद जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज के आशीर्वचन होंगे। सांय 7 बजे से भजन गायक विवेक मेहता की भजन संध्या भी होगी।

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