इंदौरदेश-विदेश

सात दिवसीय अ.भा. गीता जयंती महोत्सव आज से

बांग्लादेश के अत्याचारों के विरोध में ज्ञापन पर हस्ताक्षर कराए जाएंगे

महोत्सव में आने वाले देश के प्रमुख संत-विद्वानों से
शंख ध्वानि एवं वैदिक मंगलाचरण के बीच जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज करेंगे शुभारंभ -पांच विभूतियों का सम्मान भी

इंदौर.मनोरमागंज स्थित गीता भवन पर 67वें अ.भा. गीता जयंती महोत्सव का शुभारंभ नवश्रृंगारित परिसर में रविवार को दोपहर एक बजे वैदिक मंगलाचरण एवं शंख ध्वनि के बीच दीप प्रज्ज्वलन के साथ होगा। जगदगुरु शंकराचार्य, पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सान्निध्य एवं अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगदगुरु स्वामी रामदयाल महाराज की अध्यक्षता में इस महोत्सव का शुभारंभ होगा।
गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन, मंत्री रामविलास राठी एवं कोषाध्यक्ष मनोहर बाहेती ने बताया कि संत विद्वानों के प्रवचन प्रतिदिन दोपहर 1 से सायं 5.30 बजे तक होंगे। शहर के पांच प्रमुख दानदाताओं और पीड़ित मानवता के प्रति सेवाभावी बंधुओं का सम्मान भी शुभारंभ प्रसंग पर किया जाएगा। इनमें वरिष्ठ समाजसेवी विनोद अग्रवाल, टीकमचंद गर्ग और राजेशजी गर्ग, प्रेमचंद गोयल एवं अन्नपूर्णा क्षेत्र के द्रविड़ नगर में 2400 वर्गफुट का अपना मकान गीता भवन ट्रस्ट को दान करने वाली मातुश्री मानकुंवर देवी भराणी का सम्मान भी किया जाएगा।
गीता जयंती के साथ ही सात दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ भी 8 से 14 दिसम्बर तक आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में प्रतिदिन सुबह 8 से 12 एवं दोपहर 3 से सायं 6 बजे तक होगा। इस बार भी ट्रस्ट मंडल द्वारा गीता जयंती महोत्सव को सनातन धर्म एवं संस्कृति के लिए समर्पित रखने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु सनातन धर्म के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए संतों की साक्षी में एक-एक संकल्प लेंगे। बांग्लादेश में हो रही हिंसा के विरोध एवं सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों पर भी विचार-मंथन होगा। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में गीता भवन आने वाले सभी संतों और भक्तों से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी कराए जाएंगे और यह ज्ञापन महोत्सव के समापन पर दिल्ली भेजा जाएगा।

महोत्सव में 50 से अधिक प्रमुख और ख्यात संतों के आगमन की सहमति मिल चुकी है।इनमें जगदगुरू शंकराचार्य से लेकर संत विद्वान एवं महामंडलेश्वर भी शामिल हैं। न्यासी मंडल के दिनेश मित्तल, पं. महेश चंद्र शास्त्री, पवन सिंघानिया मोयरा, हरीश माहेश्वरी एवं संजीव कोहली ने बताया कि गीता जयंती महोत्सव में आने वाले संत, विद्वानों से आग्रह किया गया है कि वे इस बार भी सनातन धर्म एवं संस्कृति पर आधारित ज्वलंत मुद्दों एवं बांग्लादेश में हिन्दू सनातनी बंधुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध पर भी धर्मालुजनों का मार्गदर्शन कर प्रतिदिन सत्र के समापन अवसर पर श्रद्धालुओं को संकल्प भी दिलाएंगे कि वे सनातन धर्म के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए स्वयं भी आचरण करेंगे तथा अपने बच्चों और आसपास के लोगों को भी प्रेरित करेंगे। बाहर से आने वाले संतों एवं भक्तों के लिए भंडारे की व्यवस्था इस बार भी शनि उपासक मंडल के प्रदीप अग्रवाल के सहयोग से की जाएगी। महोत्सव के लिए गीता भवन परिसर में भक्तों की सुविधा के समुचित प्रबंध किए गए हैं।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!