साइबर फ्रॉड से बचने का मूल मंत्र यही है….’, हमेशा सतर्क व जागरूक रहना
अपनी निजी जानकारी अनजान से शेयर ना करना ही सही है"।
इंदौर पुलिस की साइबर पाठशाला में डीसीपी क्राइम ने, सरस्वती शिशु मंदिर के स्टूडेंट्स को दिया साइबर क्राइम की बारीकियों का ज्ञान
इंदौर – शहर में बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिये, लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से, पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर संतोष कुमार सिंह के दिशा निर्देशन में, इंदौर पुलिस द्वारा लगातार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। पुलिस उपायुक्त क्राइम इंदौर राजेश कुमार त्रिपाठी, पुलिस टीम के साथ, सरस्वती शिशु मंदिर तिलक नगर में पहुंचकर, स्टूडेंट्स को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया।
सायबर अवेयरनेस के तहत सरस्वती शिशु मंदिर तिलक नगर इंदौर में क्षत्रिय राजपूत कलमकार पत्रकार संघ के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में डीसीपी क्राइम इन्दोर राजेश कुमार त्रिपाठी ने, साइबर पाठशाला के दौरान स्टूडेंट्स को वर्तमान समय के साइबर अपराधों के प्रकारों और इनसे बचने के तरीकों की जानकारी दी। उन्हें पुलिस के पास आने वाली साइबर अपराधों की शिकायतों की केस स्टडी के आधार पर, वर्तमान में होने वाले विभिन्न प्रकार के साइबर फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट , एटीएम और ओटीपी के माध्यम से किए जाने वाले फ्रॉड, फर्जी लिंक फ्रॉड, ओएलएक्स/ मार्केट ऐप वाले फ्रॉड, सेक्सटॉरसन फ्रॉड, फर्जी लोन ऐप फ्रॉड आदि के साथ ही सोशल मीडिया से संबंधित साइबर फिशिंग बुलीइंग आदि के बारे में विस्तृत रूप से बताते हुए इनसे बचने की टिप्स भी दी।
इस दौरान स्टूडेंट्स ने भी इन साइबर क्राइम से रिलेटेड कई तकनीकी जानकारियों को प्रश्नोत्तर के माध्यम से प्रैक्टिकली जाना।
डीसीपी क्राइम ने सभी से कहा कि पुराने समय में मोबाइल, tv, कंप्यूटर आदि तकनीकी सुविधाएं नही थी तो अपराध भी कम थे, पर आज के आधुनिक तकनीकी युग मे ये इंटनेट, मोबाइल नई नई सुविधाएं है तो खतरे भी बहुत है। आप जो भी सर्च करते है, सोशल मीडिया पर जो भी करते है उन पर साइबर क्रिमिनल्स की नजर रहती है, हमारी एक गलती उनके लिए अवसर बन जाती है। अतः साइबर फ्रॉड से बचने का मूल मंत्र यही है कि हम पूरी तरह जागरूक रहकर, सतर्कता के साथ सावधानी पूर्वक ही डिजिटल काम करें और किसी भी अनजान व्यक्ति से अपनी निजी जानकारी शेयर ना करें।
अतः हम छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर अपनी वर्चुअल दुनिया को भी सुरक्षित बना सकते हैं।
संस्थान के स्टूडेंटस, सहित स्टाफ भी उपस्थित रहा, जिन्होनें भी साइबर सुरक्षा संबंधी बातों को सीखा और इंदौर पुलिस के इस जागरूकता अभियान की प्रशंसा की।