इंदौर

केप- सात साल बाद हुए हिंदु आध्यात्मिक सेवा मेला ने भरा गागर में सागर

20 मठ-मंदिरों, 30 जाति-बिरादरी व 99 एनजीओं के कार्यों को मिली सराहना

हैडिंग़- सेवा कार्य प्रदर्शकों को सेवा के नए आयाम सीखा गया मेला- गुणवंतसिंह कोठारी

नारी शक्ति को समर्पित सेवा मेले का समापन

जाति-बिरादरी, मठ-मंदिरों व एनजीओं के प्रतिनिधियों के सम्मान समारोह के साथ हुआ

  • एनजीओ संचालकों ने कहा दृष्टि विशाल हो गई इस सेवा कार्य को देखकर

इन्दौर। 40 मठ-मंदिरों, 30 जाति-बिरादरी और 99 समाज सेवी संस्थाओं ने न केवल अपना सेवा कार्य पांच दिवसीय मेले में प्रदर्शित किया बल्कि हिंदु आध्यात्मिक सेवा मेले के कार्य को देखकर भाव-विभोर बिना नहीं रह सके। अपने-अपने शहरों, जिलो और प्रदेशों में सामाजिक सरोकार के लिए काम कर रही संस्थाएं अपने दृष्टिकोण को विशाल करते हुए आज समापन अवसर के बाद रवाना हुई। हिन्दु आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान के राष्ट्रीय संयोजक गुणवंतसिंह कोठारी ने सभी संस्थाओं का सम्मान करते हुए कहा कि इस सेवा मेले में प्रदेश से आए सेवा कार्यों के लिए उपस्थित रही सभी संस्थाओं को एक कदम बढक़र न केवल सीखने को मिला हैं बल्कि हिंदु आध्यात्मिक सेवा मेले को भी एक नई सोच प्रदान की है। मेले में राष्ट्रीय स्तर की 10 और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की 4 संस्थाएं पहुंची थी, देवास की दो, मनावर, उज्जैन, शाजापुर, महू, मंदसौर से भी एक-एक संस्था सेवा मेले में पहुंची थी। इन सभी के सेवा कार्यों को एक जगह एकत्रित कर संस्थाओं ने मानों गागर में सागर भर दिया।

संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव किए साझा – अनुभूति सेवा संस्था की चंचल सालरिया ने इस आयोजन को गागर में सागर बताया तो भिक्षुक केंद्र की संचालक रूपाली जैन ने दृढ़ संकल्प और पक्का करने का साधन। लीना रत्न पारखी ने सेवा मेले के समर्पण भाव को देखते हुए कहा कि अब हमारी दृष्टि भी बहुत विशाल हो चुकी हैं सेवा कार्य किसी क्षेत्र विशेष में नहीं कई क्षेत्रों में किया जा सकता। सेवा कार्य कुंभ का मेला है। जहां जितना पाओ-उतना कम है। विक्रम पटेल ने कहा कि वह इस संस्थान से एक नई प्रेरणा लेकर जा रहे हैं अब इस प्रेरणा और ज्ञान को अपने समाज के बीच रखेंगे। भूतकाल को वर्तमान में दर्शना जरूरी हैं। हिंदुत्व को आज बच्चों में घोलना होगा उनके अंदर पर्यावरण, प्रेम, गौ सेवा जैसे प्रकल्प जगाने होंगे। अखिल भारती कोली समाज के अनिल वर्मा भाव-विभोर होकर बताते रहे कि सिर्फ हिंदुत्व ही नहीं अन्य समाज के लोगों ने भी इस मेले में बढ़चढक़र हिस्सा लिया है। महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत के पाठ में क्रश्चियन स्कूल की 700 बच्चियां शामिल हुई। जिन्होंने न केवल इस स्तोत्र को याद कर लिया बल्कि वितरित की गई किताबों को संभालकर रखा है।

गलतियों से सीखना का दौर भी चला – संस्था के अखिल भारतीय संयोजक गुणवंत कोठारी ने सभी पदाधिकारियों के साथ बैठकर समीक्षा की। उन्होंने बताया कि 16 समाज की 3100 बहनें शौर्य यात्रा में शामिल हुई। वहीं गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भ संस्कार के लिए सभी समाज की गर्भवती के लिए ससम्मान सुरक्षा के साथ लाया व छुड़वाया गया है। उन्होंने संस्थान के सभी पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि आने वाले 3 से 4 दिनों में समय निकालकर जो सफलताएं मिली उनकी सराहना करें और वहीं जो गलतियां हुई उन्हें सुधारें और बैठकर सभी कार्यकर्ताओं से सुझाव लें। ताकि पूरे आयोजन का मंथन बारीकी से किया जा सके।

इन समाजों के लगे थे स्टाल- हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान चेयरमेन विनोद अग्रवाल, अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा एवं प्रचार प्रमुख जवाहर मंगवानी ने बताया कि उज्जैन से अंकित ग्राम सेवा आश्रम का स्टाल लगाया गया हैं जिसमे उन्होंने भगवान की पोषकों के साथ ही आरती व पूजन करने विशेष थाली बनाई हैं… इस पूजन की थाली को आकर्षक आर्टिफिशियल फूलों से सजाया भी गया हैं… मेले में सेवा भारती, आध गौड़ ब्राह्मण सेवा न्यास, श्रीश्री विधाधाम, एम फार सेवा, मालवा प्रान्त समदृष्टि क्षमता विकास, शहीद उधम सिंह संवेदना सेवा समिति, श्री अमर सेवा आश्रम एवं पारमार्थिक ट्रस्ट, समस्त सिंधी समाज, नमो-नमो शंकरा, कीर समाज सेवा संगठन, सहजयोग परिवार, नेपाली संस्कृति परिषद, श्री गुरू सिंध सभा, महामंडलेश्वर दादू महाराज संस्थान, आनंदम केंद्र भंडारे वाले साईं मंदिर, सार्वजनिक साईंनाथ मंदिर समिति, श्री दत्त माऊली सद्गुरु अण्णा महाराज संस्थान, अखिल भारतीय नाथ योगी समाज, विश्व हिन्दू परिषद, ईश्वर प्रेम आश्रम, गोंदवले धाम, अखिल भारतीय नाथ योगी समाज, बंजारा जन विकास समिति, यादव अहिर समाज, श्री चन्द्रवंशीय यादव समाज, सरयूपारीण ब्राह्मण समाज, विश्व ब्राह्मण समाज, कायस्थ समाज, श्री मांग मातंग समाज, राठौर समाज, कुशवाह समाज, श्री देवांग कोष्टी समाज, बलाई महासंघ, हैहय क्षत्रिय कलचुरी समाज, भाट समाज, लोधी समाज, राठौर समाज, राठौर रायल्स सोशल वेलफेयर सोसायटी, श्री राठौर तीर्थ धाम (उज्जैन), संस्था महाकाल सेवा फाउंडेशन, गुजराती समाज, श्री अग्रसेन महासभा श्रीश्री रविशंकर विधा मंदिर, दिव्य संतान प्रकल्प सहित अन्य समाजो के स्टाल लगाए गए थे। समापन अवसर पर सभी संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थित दर्ज की। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि ईश्वर हिंदुजा, सहसचिव चंद्रमोहन दुबे के साथ ही राकेश राठौर, मनीष निगम, मंजूषा जौहरी, मनजीतसिंह गर्ग, अनूप शुक्ला, सरस्वती पेंढ़ारकर, पूजा खण्डेलवाल, डॉ. संध्या चौकसे, सचिन बघेल, विकास मिश्रा, दिनेश दवे, राकेश दुबे सहित हजारों की संख्या में समाजों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सुभाष पालीवाल ने किया एवं आभार ईश्वर हिंदुजा ने माना।

राठौर समाज ने की आम नागरिकों से अपील – नारी शक्ति को समर्पित सेवा मेले में श्री सकल पंच राठौर समाज ने भी अपना स्टाल लगाया हैं। स्टाल के माध्यम से समाज की गतिविधियों के साथ ही मातृशक्तियों द्वारा लव जिहाद विषय पर आयोजित सम्मेलन की झलकियों से भी लव जिहाद जैसे गभीर विषय पर आम लोगों को जागरूक किया जा रहा हैं। वहीं स्टाल के बाहार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर लगाने के साथ ही उनसे विश्व सहायता दिवस घोषित करने की अपील की हैं। उन्होंने मेले में आने वाले मेहमानों से भी आग्रह किया कि वह भी विश्व सहायता दिवस को घोषित करने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाये और सेल्फी लेकर अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स जैसे सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री को टैग करें जिससे हमारी बात उन तक पहुंचाई जा सके।

गर्भवती महिलाओं को मुक्त हस्त से मिला आशीर्वाद- पांच हजार गर्भवती महिलाओं को दिव्य संतान प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन देने के लिए सूरत और जामनगर से जहां विशेषज्ञ इन्दौर पहुंचे वहीं संतों द्वारा मंत्रोउच्चार के साथ आर्शीवचन भी मिले। इस आयोजन में न केवल हिंदू वर्ग की महिलाएं शामिल हुई बल्कि मुस्लिम एवं ईसाई समाज की गर्भवतियों ने भी अपने आने वाली संतान के लिए आशीष लिया। कार्यक्रम में पहुंचे सभी संतों ने सभी गर्भवती महिलाओं को अपने हाथों से प्रसाद वितरित किया।

1000 लोगों ने संभाली पांच दिनों की भोजन व्यवस्था-
भोजन शाला प्रभारी गोपाल गोयल एवं आशीष सोनी ने बताया कि लालबाग पैलेस में आयोजित नारी शक्ति को समर्पित सेवा मेले में आने वाले मेहमानों व स्टालों के प्रतिनिधियों के लिए भोजन की व्यवस्था सुबह व शाम के लिए की गई थी। भोजन शाला में 1000 लोगों ने परोसगारी सहित अन्य व्यवस्था संभाली। 50 से अधिक लोगों ने सभी के लिए स्वादिष्ट भोजन तैयार किया। प्रतिदिन मेले में सुबह व शाम में दाल, चावल, सब्जी, रोटी, पुरी, रामभाजी, केशर बर्फी, खिचड़ी सहित स्वादिष्ट भोजन का स्वाद चखने को मिला।

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