जीवन की समस्याओं से घबराकर भागने के बजायसमाधान खोजकर उनका सामना करें – पं. मेहता
रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर बोले –छोटी-छोटी बातें रिश्तों का स्वाद बिगाड़ देती हैं, हुआ हनुमान चालीसा महापाठ

इंदौर, । संसार में कोई भी व्यक्ति इस बात का दावा नहीं कर सकता कि उसे कभी समस्याओं और चिंताओं ने नहीं घेरा। मनुष्य जीवन मिला है तो समस्याएं तो आएंगी ही, लेकिन हर समस्या के पीछे उसका समाधान भी आता है। इसलिए समस्याओं से घबराकर भागने के बजाय उनका समाधान खोजकर धैर्य के साथ उनका सामना करना चाहिए। जीवन की सार्थकता इसी में है।
ये प्रेरक विचार हैं प्रख्यात जीवन प्रबंधन गुरू, हमारे हनुमान परिवार उज्जैन के पं. विजयशंकर मेहता के, जो उन्होंने रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर स्थानीय रवीन्द्र नाट्य गृह में हुए श्री हनुमान चालीसा महापाठ के दौरान व्यक्त किए। ‘एक शाम रिश्तों के नाम’ कार्यक्रम में उन्होंने रामचरित मानस के किष्किंधा कांड हनुमानजी पर आधारित व्याख्यान में रिश्तों का महत्व बताते हुए कहा कि आज के दौर में रिश्ते निभाना भी एक समस्या है। कई बार परिवार में छोटी-छोटी बातें रिश्तों का स्वाद बिगाड़ देती है। इस स्थित में बहुत धैर्य और समझ की आवश्यकता होती है, जो किष्किंधा कांड के हनुमानजी से सीखना चाहिए।
आयोजन समिति के राष्ट्रीय समन्वयक ओमप्रकाश पसारी एवं संयोजक रोहित सोमानी ने बताया कि प.पू. पं. मेहता की प्रेरणा से जीवन प्रबंधन समूह तथा महात्योहार आयोजन समिति दवारा देश के अलग-अलग शहरों में होने वाले हनुमान चालीसा महापाठ की कड़ी में इंदौर में यह सतत 13वां आयोजन था। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संस्कार टीवी चैनल पर किया गया, जिसके माध्यम से देश –दुनिया के करोड़ों लोगों ने एक साथ , एक ही समय श्री हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। पं. मेहता ने इस दौरान बांग्लादेश में हाल ही हुई बगावत और तख्ता पलट का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के प्रजातंत्र और बांग्लादेश के प्रजातंत्र में यही बुनियादी अंतर है। वहां की प्रधानमंत्री को रातोंरात देश छोड़कर भागना पड़ा। इसके बाद वहां अल्पसंख्यकों पर जो उत्पीड़न, अत्याचार और ज्यादतियां हुई हैं, वे किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार नहीं हो सकती। निश्चित ही भारत के हिन्दू लोगों में वहां के घटनाक्रम से जबर्दस्त नाराजी व्याप्त हुई है।
प्रारंभ में समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन सिंघानिया ने स्वागत उदबोधन में कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि इस परकार के अनूठे आयोजन से जुड़कर हनुमानजी की सेवा और भक्ति का अवसर मुझे प्राप्त हो रहा है। संचालन श्रीमती सीमा मुछाल ने किया। इस मौके पर राजीव मुछाल, राहुल मिश्रा, विनोद खेमका, अरुण चौखानी, सत्यनारायण गादिया, रामविलास राठी सहित बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। पं. मेहता के व्याख्यान के दौरान कई बार करतल ध्वनि से उनकी बातों का समर्थन किया गया। समापन अवसर पर आयोजन समिति एवं वैश्य महासम्मेलन म.प्र. की ओर से पं. मेहता को ओमप्रकाश पसारी, रमेश गुप्ता, अरविंद बागड़ी, कैलाश खंडेलवाल, धीरज खंडेलवाल, निर्मल अग्रवाल आदि ने शाल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया।