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इंदौर क्लाइमेट मिशन का भव्य शुभारंभ, दिया मिर्ज़ा ने बढ़ाया आयोजन का गौरव

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने नागरिकों से इंदौर क्लाइमेट मिशन में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया

इंदौर, : स्वच्छता में लगातार सिरमौर रहे इंदौर ने अब पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। इंदौर नगर निगम और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में 100 दिवसीय इंदौर क्लाइमेट मिशन का शानदार शुभारंभ आज गांधी हॉल में हुआ। इस ऐतिहासिक पहल का उद्देश्य इंदौर के वातावरण को बेहतर बनाते हुए पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक मिसाल कायम करना है। इस अनूठी पहल का उद्देश्य बिजली की खपत में 10% की कमी लाना और 5 लाख नागरिकों को ऊर्जा साक्षर बनाना है।
कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने के लिए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन और UNEP की ब्रांड एंबेसडर, प्रसिद्ध अभिनेत्री सुश्री दीया मिर्ज़ा, ने विशेष रूप से शिरकत की। इस अभियान का नेतृत्व सोलर मैन ऑफ इंडिया, और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के प्रो. चेतन सिंह सोलंकी ने किया। कार्यक्रम में इंदौर के महापौर श्पुष्यमित्र भार्गव, कलेक्टर आशीष सिंह, और नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा सहित शहर के कई गणमान्य नागरिक और पर्यावरण कार्यकर्ता उपस्थित थे।

प्रसिद्ध अभिनेत्री सुश्री दीया मिर्ज़ा ने शहर की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “इंदौर हमेशा मुझे प्रेरित करता है। यह शहर केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है। आप सभी ने इंदौर को सात बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाया है। यह सामुदायिक प्रयासों और आपकी मेहनत का नतीजा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए छोटे-छोटे कदम उठाने होंगे और यही छोटे-छोटे प्रयास सामूहिक रूप से बड़े बदलाव ला सकते हैं।”

इस दौरान उन्होंने यहां रहने की इच्छा जताते हुए कहा, “अगर आप कहेंगे और मौक़ा देंगे, तो मैं जरूर यहां शिफ्ट हो जाऊंगी। स्वराज फाउंडेशन के प्रो. चेतन सिंह सोलंकी की सलाह पर मैंने अपने कपड़ों को प्रेस करना बंद कर दिया है।”

वर्षभर में एक परिवार से निकलता है 10,000 कि.ग्रा. कचरा

क्लाइमेट चेंज मिशन की शुरुआत के अवसर पर एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के प्रो. चेतन सिंह सोलंकी ने कहा कि इंदौर क्लाइमेट मिशन का उद्देश्य इंदौर को जलवायु एक्शन में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करना है। यह मिशन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने, ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने, और नागरिकों में सतत जीवनशैली को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने बताया, “इंदौर को विश्व में नंबर वन बनाने के लिए परिवार के हर सदस्य को प्रयास करना चाहिए। एक परिवार से सालभर में 10,000 कि.ग्रा. कार्बन डाइऑक्साइड का कचरा निकलता है। यह दिखाई न देने वाला कचरा है, जिसे कम करने की पहल हम सभी को करनी होगी।”

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने युवाओं और महापौर पुष्यमित्र भार्गव की पहल की सराहना करते हुए कहा , “इंदौर ने सफाई में पूरे देश को प्रेरित किया है, और अब वातावरण शुद्ध करने की दिशा में भी कदम बढ़ा रहा है। हमारा इंदौर ऐसा शहर बन सकता है, जो पूरे भारत को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करे।”

सिरपुर झील के पुनरुद्धार का उदाहरण देते हुए कहा, “छोटे-छोटे प्रयासों से बड़े बदलाव किए जा सकते हैं। इंदौर का हर नागरिक, चाहे युवा हो या बुजुर्ग, इस मिशन का हिस्सा बने। यही प्रयास भारत को विश्व गुरु बनाने में मदद करेगा।”

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, “इंदौर न केवल सफाई में बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी देश का नेतृत्व करेगा। यह क्लाइमेट मिशन हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य का निर्माण करेगा। इंदौर के इतिहास में आज का दिन स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। किसी भी अभियान की सफलता असफलता तो हमारे प्रयास पर निर्भर है लेकिन उसकी शुरुआत ही कई सारे परिणाम दे देती है”

कार्यक्रम में महापौर भार्गव ने नागरिकों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। इंदौर क्लाइमेट मिशन के तहत आगामी 100 दिनों में कई जागरूकता कार्यक्रम और पर्यावरणीय सुधार कार्य आयोजित किए जाएंगे।

मिशन के लक्ष्य

मिशन के मुख्य लक्ष्य निम्नलिखित हैं:

• ऊर्जा साक्षरता प्रशिक्षण: 300,000 से 500,000 नागरिकों को ऊर्जा खपत और कार्बन उत्सर्जन के बीच संबंध के बारे में शिक्षित करना। नागरिकों को जीवाश्म ईंधन के उपयोग के पर्यावरणीय प्रभाव के प्रति जागरूक बनाना।
• बिजली खपत में कमी: दैनिक जीवन में बिजली और सामग्री उपयोग को कम करने जैसी स्थायी आदतों को अपनाने के लिए प्रेरित करना, ताकि शहर की कुल बिजली खपत में 7-10% की कमी लाई जा सके।
• व्यवहार परिवर्तन पर प्रभाव डालना: “7 दिन – 7 आदतें” कार्यक्रम के माध्यम से शैक्षणिक संस्थानों, व्यवसायों, सरकारी कार्यालयों और घरों सहित विभिन्न क्षेत्रों को मिशन में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना। यह कार्यक्रम एक जलवायु-सचेत समुदाय का निर्माण करेगा, जो स्थिरता को प्राथमिकता देता है।

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