स्माइल ट्रेन’ प्रोजेक्ट के 18 वर्ष पूरे होने पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन, डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को सराहा गया
‘इंदौर, । ‘स्माइल ट्रेन’ प्रोजेक्ट के 18 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में इंदौर के जाल सभागृह में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के में कटे होंठ और तालू की समस्याओं पर जागरूकता बढ़ाने और समाधान सुझाने के लिए संभाग स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यशाला में विशेषज्ञों और अधिकारियों ने इन समस्याओं के समाधान हेतु स्वास्थ्य सेवाओं और परियोजना के प्रयासों पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री दीपक सिंह, कमिश्नर, इंदौर, की उपस्थिति के साथ विभिन्न क्षेत्रों के अधिकारियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर ‘स्माइल ट्रेन’ प्रोजेक्ट की उपलब्धियों और प्रयासों पर चर्चा की गई। इस प्रोजेक्ट के तहत कटे होंठ (क्लेफ्ट लिप) और कटे तालू (क्लेफ्ट पैलेट) जैसी समस्याओं से पीड़ित 10,000 से अधिक बच्चों के निशुल्क ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए गए हैं।
डॉक्यूमेंट्री ने बढ़ाई जागरूकता
इस अवसर पर डॉ. जयदीप सिंह चौहान द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री की विशेष स्क्रीनिंग की गई। इस डॉक्यूमेंट्री को हाल ही में 11वें गोवा शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में ‘बेस्ट नॉन-फिक्शन फिल्म’ का अवार्ड मिला था। इसमें स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं के योगदान को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है। दर्शकों ने फिल्म को भरपूर सराहा।
डॉ. जयदीप सिंह चौहान ने कहा, “यह डॉक्यूमेंट्री हमारे मिशन का विस्तार है। इसका उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में जागरूकता फैलाना और अधिक से अधिक बच्चों को इलाज उपलब्ध कराना है। यह अवार्ड हमारी टीम के प्रयासों का प्रमाण है और समाज में बदलाव का संकेत भी।”
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दीपक सिंह ने ‘स्माइल ट्रेन’ प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए कहा, “यह पहल हजारों बच्चों और उनके परिवारों की जिंदगी बदल रही है। डॉक्यूमेंट्री ने अभियान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है। इस विशेष डॉक्यूमेंट्री के लिए पूरी टीम को शुभकामनाएं देना चाहता हूँ, जितनी अच्छी इसकी कहानी है उतना ही अच्छा सन्देश भी, ऐसे प्रयास समाज में बेहतरी लाने की दिशा में ठोस कदम है, इनके सहारे हम एक स्वस्थ समाज की कल्पना कर सकते हैं।”
इस कार्यक्रम में इंदौर, धार, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर और अलीराजपुर जिलों के संबंधित अधिकारी शामिल हुए, जिनमें अपर जिला दंडाधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, उपसंचालक, सामाजिक न्याय विभाग, और जिला नोडल अधिकारी, तंबाकू नियंत्रण शामिल रहे। इन अधिकारियों ने परियोजना की सफलता और जागरूकता अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाने पर अपने सुझाव साझा किए।डॉक्यूमेंट्री यूट्यूब पर उपलब्ध
डॉक्यूमेंट्री अब यूट्यूब पर भी उपलब्ध है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसे देखकर जागरूकता का हिस्सा बन सकें।
https://youtu.be/AxFIRTtVyMQ?si=B8Iu1M_Z95JFx8Qm