सेनानियों की पीढिय़ा खत्म होने कगार पर, अब उत्तराधिकारियों के कंधे पर है दायित्व – वर्मा
सेनानियों की कुर्बानियों से ही आज हम आजादी खुली हवाओं में सांस ले रहे हैं - सत्यनारायण सत्तन
इंदौर। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. जगन्नाथ प्रसाद वर्मा की 107 वी जयंती पर मदन परमालिया सम्मानित
इंदौर। देश की आजादी के लिए अपनी भागीदारी देेने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हमारे लिए प्रेरणाोत हैं। आज सेनानियों की एक पीढ़ी खत्म होने की कगापर है, अब उत्तराधिकारियों के कंधे पर इसका दायित्व है। उक्त उद्बोधन मुख्य अतिथि बतौर पधारे पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. जगन्नाथ प्रसाद वर्मा की 107 वी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कहे।
अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय कवि सत्यनारायण सत्तन ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज हम आजादी की खुली हवाओं में जो सांस ले रहे है वो हमारे सैनानियों की कुर्बानियों का फल है। जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी जान की कुर्बानियां दी। विशेष अतिथि महामंडलेश्वर पवनदास महाराज, पार्षद संध्या यादव, पूर्व पार्षद जयदीप जैन ने संबोधित किया।
इस अवसर पर उत्तराधिकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मदन परमालिया के द्वारा किए जा रहे वर्षों से स्वतंत्रता सेनानियों के हीत में कार्यों को देखते हुए उन्हें शाल-श्रीफल, प्रतिक चिन्ह एवं प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया।
अतिथियों का स्वागत ओमप्रकाश वर्मा, गणेश वर्मा, प्रदीप सेन, शेलू सेन, श्रीमती वंदना वर्मा, अमित वर्मा, प्रकाश व्यास, संजय जयंत, देवीलाल गुर्जर, उमेश पारीख, गोपीकृष्ण पाण्डे, जगदीश श्रीवास, वीरेन्द्र नीम, जगदीश नेता आदि ने किया। अंत में आभार सुधीर सेठिया ने माना।