लालबाग पैलेस में पांच दिवसीय सेवा मेले का द्वितीय दिवस
500 शिक्षकों का 1000 विद्यार्थियों ने वैदिक मंत्रोउच्चार के बीच किया पूजन, विभिन्न जाति-बिरादरी की महिलाओं ने सामूहिक रूप से किया अपने आराध्य के स्त्रोत का पाठ, स्कूली बच्चों ने भी दी अपनी विशेष प्रस्तुतियां
छ: थीम पर आधारित विशाल प्रदर्शनी का अवलोकन करने पहुंचे स्कूली बच्चों ने सेवा मेले की गतिविधियों को भी अपने मोबाइल के कैमरों में किया कैद
लालबाग पैलेस में बनाए गए दो पांडालों में 200 से अधिक स्टाल विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, मठ-मंदिरों व जाति-बिरादरी द्वारा लगाए गए हैं, इन स्टालों के माध्यम से समाजों के प्रतिनिधि अपने समाज की उपलब्धि व सेवा कार्यों से सभी को अवगत करवा रहे
इंदौर । शिक्षा केवल धन अर्जन का साधन नहीं होना चाहिए। धर्म की सापेक्षता के बगैर शिक्षा अधूरी है। आज आधुनिक शिक्षा इतनी प्रभावी हो गई है कि प्राच्या विधाओं को नाकारा जा रहा है। हमें हमारी संस्कृति को समझना होगा। गुरु के प्रति श्रद्धा के बगैर हम शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकते। जिसका आज अभाव महसूस किया जा रहा है। जीवन के मूल्य जो गुरुकुल में सिखाए जाते थे उनकी आज आवश्यकता है। गुरुकुल शिक्षण पद्धति आज की आवश्यकता है। धर्म की शिक्षा से अगर वंचित रहते हैं तो धन की शिक्षा प्राप्ति करने का कोई औचित्य नहीं है।
उक्त विचार महूनाका स्थित लालबाग पैलेस में हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान द्वारा लगाए गए पांच दिवसीय नारी शक्ति को समर्पित सेवा मेले के द्वितीय दिवस आचार्य वंदन कार्यक्रम के दौरान गोवर्धन नाथ मंदिर के गोस्वामी वाघधीश जी महाराज ने शिक्षकों व विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि गुरू और शिष्य का रिश्ता बड़ा निराला होता है। गुरू अपने शिष्य को शिक्षा देने के साथ-साथ उनमें संस्कारों का बीजारोपण भी करते हैं। वहीं आचार्य वंदन कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथी अवनीश भटनागर ने कहा कि आचार्य यानी आचरण कि शिक्षा देने वाला होता है। आचरण ही मनुष्य को मनुष्यता से जोड़ता है। आचार्य के आचार्य का वंदन हमारे जीवन की प्रेरणा बने यही ध्येय एक विद्यार्थी में होना चाहिए। वहीं सुरेश भैय्या जोशी ने आचार्य वंदन कार्यक्रम में कहा कि भारत में जो भी परंपराएं हैं वह सदियों से चली आ रही है। जीवन में सीखने और समझने के लिए माध्यम जरूरी हैं और वह हैं गुरू और आचार्य। शब्द बदलने से किसी की मूल संकल्पना नहीं बदलती हैं।
हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान इन्दौर के चेयरमेन विनोद अग्रवाल, अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा, सचिव विनोद बिड़ला एवं प्रचार प्रमुख जवाहर मंगवानी ने बताया कि लालबाग पैलेस में आयोजित सेवा मेले के दुसरे दिन हजारों की संख्या में आम से लेकर खास मेले का अवलोकन करने पहुंचे। सुबह 10 बजे आचार्य वंदन का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 500 शिक्षकों का 1000 विद्यार्थियों द्वारा वैदिक मंत्रोउच्चार के बीच पूजन किया गया। अपने गुरूओं का पूजन कर सभी विद्यार्थियों ने उनसे आशीर्वाद लिया। आचार्य वंदन के इस अनूठे कार्यक्रम में हजारों लोगों की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम में एचएसएसएफ अ.भा संयोजक गुणवंतसिंह कोठारी, राकेश श्रीवास्तव, प्रकाश मनावत, श्रीमती मंजूषा राजस जोहरी, सोमकान्त शर्मा, विवेक शेंडे सहित अन्य लोग मौजूद थे।
विधि प्रकोष्ठ का विचार-विमर्श कार्यक्रम: घुसपेठ, धर्मान्तरण और जनसंख्या सबसे बड़ी समस्या
लालबाग पैलेस में आध्यात्मिक, सामाजिक व सेवा गतिविधियां चल रही हैं तो वहीं दुसरी तरफ सेवा मेले में पहली बार विधि प्रकोष्ठ द्वारा विचार-विमर्श कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जस्टिस वी.एस कोकजे द्वारा की गई तो वहीं मुख्य वक्ता के रूप में अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने अपने विचार व्यक्त किए। अधिवक्ता अभिजीत राठौर ने कार्यक्रम की भूमिका रखी। अतिथियों का स्वागत अधिवक्ता विक्रम दुबे एवं पारस जैन द्वारा किया गया। पूर्व न्यायाधीश वी.एस कोकजे व अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने विचार विमर्श कार्यक्रम के अंतर्गत भारत में लचीले कानून की जानकारी दी साथ ही उन्होंने घुसपैठ, धर्मान्तरण और जनसंख्या वृद्धि भारत के लिए सबसे अधिक खतरनाक हैं। उन्होंने इस पर कैसे नियंत्रण किया जाए इस पर अपने विचार रखते हुए वकीलों व विधि के विद्यार्थियों को सम्बोधित किया। उन्होंने भारत में एक जैसी शिक्षा प्रणाली लागू करने पर जोर दिया साथ ही उन्होंने एनआरसी, यूसीसी और सीएए कानून को भारत में जल्द से जल्द लागू करने के लिए अपनी बात रखी। कार्यक्रम का संचालन संध्या चौकसे ने किया।
सर्वधर्म समाज के स्रोतों से माहौल हुआ पवित्र
महिला समन्वयक सुश्री विनीता धर्म ने बताया कि लालबाग पैलेस में दोपहर 3 बजे नारी शक्ति द्वारा विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें महिलाओं ने अपने-अपने समाजों के आराध्य का ध्यान कर स्तोत्र पाठ किया। कार्यक्रम में सिख, ब्राह्मण, जैन, माहेश्वरी, अग्रवाल, मराठी, सिंधी, निमाड़ी, बंगाली, केरली, हैहय कलचुरी, नेपाली, रविदास तथा कबीर पंथी समाज की महिलाओं ने बड़ी संख्या में बढ़चढक़र हिस्सा लिया। सभी महिलाओं ने स्तोत्र पाठ करने के साथ ही गायन की प्रस्तुति भी दी। नारी थीम पर आयोजित हुए कार्यक्रम में युवतियां भी बड़ी संख्या में पहुंची। कार्यक्रम में जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंदजी तीर्थ महाराज भानपुरा पीठाधीश्वर ने अपना सान्निध्य भी प्रदान किया। नारी शक्ति के इस अनूठे कार्यक्रम में प्रत्येक धर्म की महिलाओं ने जिस स्त्रोत का पाठ कर रही थी उसका अर्थ व विवरण भी मंच से सभी से साझा किया। वहीं जैन समाज की महिलाओं ने 48 काव्य पद के दुख और दरिद्र दूर करने वाले भक्ताम्बर स्रोत पाठ का वाचन किया। माहेश्वरी समाज ने जहां राम रक्षा स्त्रोत का पाठ किया तो महाराष्ट्रीयन समाज ने प्रथम पूज्य भगवान गणेश के अथर्वशीर्ष से माहौल में संस्कार घोल दिए। ब्राह्मण समाज की महिलाओं ने देवी दुर्गा स्तोत्र पाठ कर देवी के सहस्रनामों का जप किया एवं हैहय कलचुरी मंडल की नारी शक्तियों ने भगवान सहस्त्रबाहु चालीसा का सामूहिक पाठ किया। सिंधी समाज की महिलाओं ने अपने इष्ट देव की प्रार्थना की एवं वीरों की कुर्बानी की गाथा भी अपने शब्दों में सुनाई। शाम को सेवा मेले में मंदिर राष्ट्र के ऊर्जा केंद्र की पुस्तक का विमोचन मुख्य अतिथियों द्वारा किया गया।
कई अन्य सांस्कृतिक आयोजन भी होंगे – प्रचार प्रमुख जवाहर मंगवानी ने बताया कि पांच दिवसीय सेवा मेले के तृतीय दिवस शनिवार 30 नवंबर को सुबह 10 बजे शिक्षाविद सम्मेलन का कार्यक्रम होगा। जिसमें मुख्य अतिति इंदरसिंह परमार होंगे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में अवनीशजी भटनागर होंगे। वहीं दोपहर 12 बजे हिंदू युवा सम्मेलन का आयोजन होगा। जिसमें बागेश्वरधाम पीठाधिश्वर पूज्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री युवाओं को संबोधित करेंगे। पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री रग-रग हिन्दू मेरा परिचय पर अपने उद्गार भी इस दौरान देंगे। रविवार 1 दिसंबर को प्रात: 10 बजे मातृ-पितृ वंदन का कार्यक्रम होगा एवं दोपहर 2 बजे से मातृत्व सम्मान कार्यक्रम होगा। सोमवार 2 दिसंबर को प्रात: 10 बजे इस पांच दिवसीय सेवा मेले का समापन सम्मान समारोह के साथ होगा। सम्मान समारोह के मुख्य वक्ता श्री विजय पौराणिक (संयुक्त महामंत्री राष्ट्रीय सेवा भारती नई दिल्ली) होंगे।
भारत में नारी का स्वरूप विषय पर कार्यक्रम
डॉ. संध्या चौकसे ने बताया कि रविवार 1 दिसंबर को लालबाग पैलेस में दोपहर 1 बजे से भारत में नारी का स्वरूप विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें लगभग 100 से अधिक महिलाएं शामिल होंगी। जबलपुर से समाज सेविका व लेखिका डॉ. नुपूर निखिल देशकर को इस कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। देशकर भारत में नारी का स्वरूप विषय पर अपने विचार रखेंगी साथ ही इस कार्यक्रम में शिक्षक, डॉक्टर, प्रशासनिक अधिकारी, लायर व एंटरप्रेन्योर, उद्योग जगत से जुड़ी महिलाओं को आमंत्रित किया गया है।