इंदौरब्रेकिंग न्यूज़

आज लालबाग में महिला सशक्तिकरण की मिसाल होगी कायम

कन्याएं शास्त्र और शस्त्र के साथ उतरेंगी सड़को पर,तलवार वाजी का करेंगी प्रदर्शन

1000 कन्याओं के पूजन के साथ 25 हजार बालिकाएं गरबा पंडालो धार्मिक मठ मंदिरो से जुटेंगी,120 स्कूलो की छात्रायें दिखाएंगी हुनर

२ बजे से दशहरा मैदान से निकलेगी शौर्य यात्रा, चार बजे लालबाग पहुंचेंगे ओर करेंगे हुनर को सलाम।

-झांकियों का कारवां एक बार फिर निकलेगा

एचएसएसएफ के सदस्यों द्वारा तकरीबन 25 हजार पुस्तकें महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत पाठ की घर-घर पहुंचाई, संस्थान द्वारा स्त्रोत पाठ पर बनाए गए आडियो और वीडियों को भी लाखो लोग अभी तक देख चुके हैं।

इंदौर । कल पूरे शहर को कन्याएं न केवल अपने सशक्तिकरण की वानिगी दिखाएंगी बल्कि एक साथ जुट कर एक बार फिर राम राज्य स्थापना की भावना का आगाज करेंगी। उसके बाद दीपावली का उत्सव मंचन भी धूमधाम से होगा। हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान इन्दौर द्वारा आयोजित सेवा मेले के विभिन्न आयोजनों की शुरुआत कल 101 कन्याओ के शौर्य प्रदर्शन से होने जा रही है । शास्त्र ओर शस्त्र के साथ युवा शक्ति में जहां श्रेष्ठ चारित्रिक जीवन मूल्यों का विकास किया जाएगा, वहीं बच्चों के मन में संस्कार, सभ्यता का बीजारोपण भी किया जाएगा। 1000 कन्याओं के पूजन के साथ 25000 बालिकाओं द्वारा महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ माहौल को आध्यात्मिकता से भर देगा। आयोजन स्थल पर साधु-संतों के सान्निध्य में कार्यक्रम की शुरूआत की जाएगी। मंच पर 100 कन्याओं के बैठने की भी विशेष व्यवस्था की गई है। लगभग 120 स्कूलों की छात्राओं द्वारा अपने हुनर का प्रदर्शन भी किया जाएगा जिसमे रामराज्य अभिषेक मंचन, दीपावली उत्सव, महिषासुर मर्दिनी, राधा कृष्ण एवं मराठी समाज के गोंदड़ का मंचन इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहेगा।

पृथ्वी की उत्पत्ति से लेकर संस्कार, शिक्षा और समृद्धि में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। हर शुभ कार्य के पहले मां की आराधना के साथ शक्ति को प्रथम पूज्य माना गया है। 28 नवंबर से 2 दिसंबर तक लालबाग परिसर में आयोजित होने वाले सेवा मेले के पूर्व एचएसएसएफ संस्थान ने अपने पहले चरण में जहां पूरे शहर में सामूहिक कन्या पूजन का आयोजन किया तो वहीं अब द्वितीय चरण में महूनाका स्थित लालबाग पैलेस में एक साथ जहां 1000 कन्याओं का पूजन होगा । 25,000 बालिकाओं द्वारा महिषासुर मर्दिनी स्रोत का पाठ कर युवा शक्ति के अचेतन मन को नकारात्मकता से मुक्त करते हुए उनमें अपनों से बड़ों, मातृशक्ति, प्रकृति और राष्ट्र के प्रति सम्मान और जवाबदारी का भाव विकसित किया जाएगा। कल 4:00 से कई नृत्य समूह जहां अपनी प्रस्तुतियां देंगे वही उज्जैन के पूज्य महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद जी पधारकर कृतार्थ करेंगे।

हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउण्डेशन राष्ट्रीय संयोजक गुणवंतसिंह कोठारी, इंदौर चेयरमेन विनोद अग्रवाल (अग्रवाल ग्रुप), इंदौर अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा (गुरूजी ठंडाई)ने बताया कि पाश्चात्य जीवन शैली से प्रभावित होकर दिगभ्रमित हो रही युवा शक्ति का अपनी सांस्कृतिक विरासत से परिचय कराने और उसे संरक्षित एवं अक्षुण्ण बनाए रखने की प्रेरणा देने के साथ युवा शक्ति में श्रेष्ठ चारित्रिक जीवन मूल्यों का विकास किए जाने को लेकर संस्था कार्य कर रही है। नारी शक्ति को समर्पित सेवा मेले में प्रतीकों पर आधारित नवीन वैज्ञानिक पद्धति द्वारा युवा शक्ति के चिंतन तथा जीवन शैली में व्यापक परिवर्तन हेतु प्रशिक्षित किया जाएगा और जवाबदारी का भाव विकसित किया जाएगा। पांच दिवसीय सेवा मेले में विभिन्न तरह के आयोजन 3 सत्रों में आयोजित किए जाएंगे।

एचएसएसएफ के सचिव विनोद बिड़ला के अनुसार युवाओ में भारतीय परंपरा व संस्कृति को सहेजने तथा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के संरक्षण के प्रति सजग रहने का भाव निहित है। जिसे जाग्रत करने की जरूरत है। इसलिए हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउण्डेशन के सदस्यों ने आम नागरिकों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में मेले में पधारें।

कन्याओं के हाथों में रहेगा शस्त्र व शास्त्र

महिला समन्वयक विनीता धर्म, आईएमसीटीएफ इंदौर अध्यक्ष मंजूषा राजस जौहरी,एवं एचएसएसएफ सदस्य सरस्वती पेंढारकर, मंजीत संधू गर्ग ने बताया कि भारतीय पारंपरिक परिधानों में सजधज कर बालिकाएं महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ एक साथ करेंगी। इसके लिए हर दिन विभिन्न सत्रों में ऑडियो वीडियो और धार्मिक किताबों के माध्यम से रिहर्सल करवाई जा रही है। एक साथ एक ही सुर ताल में स्रोत का पाठ न केवल माहौल को आध्यात्मिकता से जोड़ेगा बल्कि सकारात्मक की लहर भी घोल देगा। आयोजन में जहां 100 कन्याएं मंच पर त्रिशूल के साथ दिखेंगी तो वहीं मंच के ठीक सामने 1 हजार कन्याओं का पाद-पूजन किया जाएगा। इसके पश्चात सभी कन्याओं के साथ उपस्थित प्रबुद्ध नागिरकों द्वारा सामूहिक रूप से महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत पाठ किया जाएगा।

घर-घर पहुंची 25 हजार पुस्तकें, लाखों लोगों ने श्रवण किया महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ

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